यह 22 March 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा। इसका PDF Download Link इस पेज के लास्ट में मौजूद है। Current Affairs PDF आप इस पेज के आखिरी हिस्से से Free में डाउनलोड करें।
दुनिया में पहली बार युद्ध में हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला किस देश ने किया?
a. यूएसए
b. यूक्रेन
c. ब्रिटेन
d. रूस
Answer: d. रूस
– रूस ने यूक्रेन पर ‘किन्झॉल’ हाइपरसॉनिक मिसाइल दागने का दावा किया है।
– रूस ने यह दावा 19 मार्च को किया।
– किन्झॉल रूसी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब खंजर होता है।
– रूस का कहना है कि उसने इस मिसाइल से यूक्रेन के पश्चिमी इलाके में बने हथियार डिपो को तबाह कर दिया।
– इसके जरिए रूस ने यूक्रेन की सत्ता पर शांति समझौते के लिए दबाव बनाने की कोशिश की है।
किन्झॉल की खासियत
– व्लादिमिर पुतिन इस मिसाइल को ‘आइडियल वेपन’ कहते हैं।
– मारक क्षमता : 1,500 से 2000 किलोमीटर। परमाणु बम भी गिरा सकती है।
– पहली टेस्टिंग कब हुई : वर्ष 2018 में।
– कितनी रफ्तार : 5 से 10 मैक। साउंड से 10 गुना ज्यादा रफ्तार। (3km/second) इस स्पीड की वजह से अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिटम भी इसके सामने फेल है।
– इस मिसाइल पर परमाणु और कन्वेंशनल दोनों तरह के हथियार ले जा सकते हैं।
– रूसी सेना में कब शामिल हुई : वर्ष 2018 में।
– इस हाइपसॉनिक मिसाइल में मौजूद सेंसर की वजह से इसमें जमीन से लेकर समुद्र तक में सटीक हमला करने की बेजोड़ ताकत मिलती है।
रूस परमाणु हमला कर सकता है
– इसी बीच अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस यूक्रेन में परमाणु हमला भी कर सकता है।
रूस के पास कई हाइपरसोनिक मिसाइल
– रूस ने नवंबर 2021 में जिनकॉन नामक हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था।
– यह मैक 5 या इससे अधिक स्पीड से चलती है। मतलब कि साउंड की स्पीड से पांच गुना ज्यादा।
हाइपरसोनिक क्या होता है?
– मैक 5 या इससे ज्यादा की स्पीड को हाइपरसोनिक कहते हैं।
– मतलब 6174 किलोमीटर प्रति घंटा या इससे ज्यादा की स्पीड.
कितने तरह की क्रूज मिसाइल
– सबसोनिक क्रूज मिसाइल
– सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल
– हाइपर सोनिक क्रूज मिसाइल
सबसोनिक क्रूज मिसाइल
– इसकी स्पीड साउंड की स्पीड से कम होती है। 0.8 मैक की स्पीड.
– टॉमहॉक अमेरिका का है। इंडिया का निर्भय मिसाइल है।
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
– इसकी स्पीड 2-3 मैक तक हो सकती है। मतलब साउंड की स्पीड से दो से तीन गुना तेज।
– ऐसे मिसाइल एक सेकेंड में 662.6 Meters से एक किलोमीटर तय कर लेते हैं। मतलब 2,385.36 Kilometers per Hour.
– इसका बेहतरीन उदाहरण है ब्रह्मोस।
– जिसे इंडिया और रूस ने मिलकर तैयार किया है।
– इसे लैंड से, सी (समुद्र) से या एयर से फायर कर सकते हैं।
– लेकिन दुनिया चाहती है कि इससे भी आगे चला जाए।
– ताकि एयर डिफेंस सिस्टम जैसे रूस का एस-400, अमेरिका का थाड को चकमा दिया जा सके।
– दुनियाभर में जो डिफेंस सिस्टम है, वो नाकाम हो जाएं। यह है हाइपरसोनिक मिसाइल।
हाइपर सोनिक मिसाइल
– जिनकी स्पीड 5-6 मार्क या इससे ज्यादा स्पीड हो।
– इंडिया कोशिश कर रहा है कि मेड इन इंडिया हाइपर सोनिक मिसाइल बनाएं।
– इसमें पहला स्टेप है – HSTDV (Hypersonic Technology Demonstrator Vechicle).
– यह एक डेमोंस्ट्रेशन एयरक्राफ्ट है, जिससे हम टेस्ट कर पाए वो टेक्नोलॉजी, जिसे हम हाइपरसोनिक मिसाइल में इस्तेमाल करेंगे।
भारत भी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने के प्रयास में
– DRDO (Defence Research and Development Organisation) ने 7 सितंबर 2020 को हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर टेक्नोलॉजी वीइकल (HSTDV) का सक्सेसफुली टेस्ट फायर किया था।
– इसमें भी स्क्रैमजेट इंजन लगा था। यह किसी वीइकल को ध्वनि की स्पीड से पांच गुना ज्यादा तेजी की रफ्तार देने वाला एक इंजन है।
– तो इंडिया ने HSTDV – Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle ने टेस्ट के दौरान मैक 6 की स्पीड पा ली।
– मतलब 7408 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड.
क्या डीआरडीओ ने नया हाइपरसोनिक मिसाइल डेवलप किया है?
– नहीं।
– लेकिन सबसे इंपॉर्टेंट हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की ओर हमने कदम रखा है।
– उम्मीद है कि इस टेस्ट के बाद अगले चार या पांच साल में मेड इन इंडिया हाइपर सोनिक मिसाइल होगा।
क्यों जरूरी है हाइपरसोनिक मिसाइल?
– यह बहुत इंपॉर्टेंट है, क्योंकि दुनिया में आज के समय, जो मेजर देश हैं, यूएस, चाइना, रशिया, ब्रिटेन, फ्रांस और दुनिया के कई सब देश कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द ये अपने देश में हाइपरसोनिक मिसाइल डेवलप कर दें।
– अमेरिका ने पिछले साल हाइपरसोनिक मिसाल का परीक्षण किया था।
– चीन ने भी ऑफिशियली हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी तेयार कर ली है। वह मिसाइल बनाने की ओर हैं।
– तो इंडिया ने उसी रेस में एक इंपॉर्टेंट स्टेप चला है।