यह 6th to 8th March 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा। इसका PDF Download Link इस पेज के लास्ट में मौजूद है। Current Affairs PDF आप इस पेज के आखिरी हिस्से से Free में डाउनलोड करें।
1. किस पड़ोसी देश के जलमार्ग के माध्यम से नेशनल वॉटर वे-1 (NW-1) और नेशनल वॉटर वे-2 (NW-2) को जोड़ा गया?
a. पकिस्तान
b. नेपाल
c. चीन
d. बांग्लादेश
Answer: d. बांग्लादेश
– बांग्लादेश के इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल (IBP) जलमार्ग के माध्यम से मार्च 2022 को ब्रह्मपुत्र ‘नेशनल वॉटरवे-2’ (NW-2) और गंगा ‘नेशनल वॉटरवे-1’ (NW-1) को जोड़ दिया गया है।
– 6 मार्च 2022 को इस रूट पर पहला जहाज ‘एमवी लाल बहादुर शास्त्री’ ने बांग्लादेश के रास्ते पटना से पांडु तक पहला पायलट रन पूरा किया।
– इसमें भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए 200 मीट्रिक टन खाद्यान्न (food-grains) था।
– यह जहाज पटना से NW-1 पर रवाना होते हुए NW-2 से गुजरा।
– इसके अलावा कुछ और जहाजों का भी आवागमन शुरू हो गया है।
– इस मौके पर केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा मौजूद रहे।
National waterway-1 (NW-1)
– यह गंगा और हुगली नदी पर हल्दिया (सागर) और प्रयागराज (इलाहाबाद) के बीच के जलमार्ग पर स्थित है।
– इसे वर्ष 1986 में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (NW-1) के रूप में घोषित किया गया था।
– यह प्रयागराज, वाराणसी, मुगलसराय, बक्सर, आरा, पटना, मोकामा, बाढ, मुंगेर, भागलपुर, फरक्का, कोलकाता तथा हल्दिया जैसे शहर इस जलमार्ग पर स्थित है।
National waterway-2(NW-2) के बारे में
– यह असम में बांग्लादेश सीमा और सादिया के बीच ब्रह्मपुत्र नदी स्थित है।
– इसकी लंबाई 891 किलोमीटर है।
– इसे 1 सितंबर, 1988 को नेशनल जलमार्ग-2 घोषित किया गया था।
– वर्तमान में जलमार्ग का उपयोग असम सरकार के जहाजों, सेना सीमा सुरक्षा बल, पर्यटन संगठन और अन्य निजी संचालक द्वारा किया जा रहा है।
– बड़े जहाज नियमित रूप से पांडु (गुवाहाटी के पास) और माजुली द्वीप के बीच यात्रा करते है।
भारत-बांग्लादेश के बीच जलमार्ग का समझौता
– भारत और बांग्लादेश के बीच protocol on Inland water transit and Trade (PIWTT) का समझौता है।
– इसके तहत बांग्लादेश के जहाज, भारतीय जल मार्ग में और भारतीय जहाज, बांग्लादेश के जलमार्ग में जा सकते हैं।
– भारत इस प्रोटोकॉल के तहत बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी में ड्रेजिंग का काम कर रहा है।
Inland Waterways Authority of India (IWAI)
– स्थापना : 1986
– मुख्यालय : नोएड (उत्तर प्रदेश)
– मंत्रालय : मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स शिपिंग एंड वाटरवेज
– यह भारत में जलमार्गों का वैधानिक अथॉरिटी है।
– यह देशभर में जलमार्गों के विकास, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, सर्वेक्षण, नए प्रोजेक्ट पर काम करता है।
– जलमार्ग पर परिवहन को विस्तार देने का काम इनलैंड वॉरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया कर रहा है।
एक्ट ईस्ट के तहत नेशनल वॉटरवैज का विकास
– एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग एंड वॉटरवैज ने IWAI के साथ नेशनल वॉटरवैज-1, इंडो-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट, और NW-2 के लिए कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तैयार किए है।
– इस पॉलिसी से वॉटरवैज से नॉर्थ ईस्टर्न रिजन (NER) की कनेक्टिविटी को बेहतर किया जायेगा।
– NW-1 (गंगा नदी) की क्षमता वृद्धि को लेकर सरकार ने 2,000 टन तक के जहाजों की सेफ्टी और सस्टेनेबल मूवमेंट के लिए लगभग 4,600 करोड़ रुपये के निवेश के साथ जल मार्ग विकास प्रोजेक्ट (JMVP) शुरू किया है।
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2. केंद्र सरकार ने ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया, 2002 में संशोधन करके’ किस तरह के नेशनल फ्लैग के निर्माण और आयात को मंजूरी दी?
केंद्र सरकार ने ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया, 2002 में संशोधन करके’ किस तरह के नेशनल फ्लैग के निर्माण और आयात पर प्रतिबंध हटा दिया?
a. नायलॉन
b. पॉलिएस्टर
c. रबर
d. प्लास्टिक
Answer: b. पॉलिएस्टर
– केन्द्र सरकार ने मार्च 2022 में मशीन-मेड पॉलिएस्टर नेशनल फ्लैग के निर्माण और आयात को मंजूरी दे दी है।
– सरकार ने फ्लैग कोड ऑफ इंडिया, 2002 में संशोधन करके इसकी मंजूरी दी है।
– पहले के नियमों में केवल हाथ से काते और बुने हुए ऊन, कपास या रेशम की खादी से बने झंडों की अनुमति थी, जबकि 2019 में मशीन से बने झंडों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
– लेकिन अब पॉलिएस्टर वाले नेशनल फ्लैग को हाथ से काता जा सकेगा, हाथ से बुना जा सकेगा और मशीन से भी बनाया जा सकेगा ।
– अधिकारियों ने कहा कि यह कदम उन बडे़ फ्लैग्स को हुए नुकसान के लिए राहत देगा ,जो सूर्यास्त के समय नीचे नहीं किए जाते हैं।
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया, 2002
– इसे 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था।
– इंडियन फ्लैग कोड तीन भागो में बंटा हुआ है।
– भाग-1 में नेशनल फ्लैग का सामान्य विवरण दिया हुआ है।
– भाग-2 प्राइवेट और पब्लिक संगठनों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन से संबंधित है।
– भाग 3 राज्य और केंद्र सरकारों और उनकी एजेंसियों द्वारा नेशनल फ्लैग की प्रदर्शनी (exhibition) से संबंधित है।
– कोड के अनुसार फ्लैग की शेप आयताकार (Rectangular) होनी चाहिए।
– फ्लैग की लंबाई और उसकी ऊंचाई (चौड़ाई) का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
– सरकारी निर्देशों पर ही सार्वजनिक भवनों पर झंडा आधा झुका हुआ होना चाहिए।
– अंतिम संस्कार या armed forces के अंतिम संस्कार को छोड़कर, निजी अंतिम संस्कार सहित किसी भी रूप में फ्लैग के उपयोग पर रोक है।
– फ्लैग को कुशन, रूमाल, नैपकिन या किसी अन्य ड्रेस सामग्री पर नहीं बनाया जा सकता है।
– और न ही इसे किसी भी Dress या किसी भी प्रकार की वर्दी के हिस्से के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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3. रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूस ने किस देश के लिए रॉकेट इंजन की सप्लाई पर रोक लगा दी?
a. भारत
b. अमेरिका
c. फिनलैंड
d. उत्तर कोरिया
Answer: b. अमेरिका
– यूक्रेन-रूस विवाद को लेकर अमेरिका ने रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगाए थे।
– इसके जवाब में रूस ने अमेरिका को रॉकेट इंजन की सप्लाई पर रोक लगा दी है।
– इस बात की जानकारी रूस की स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के हेड दिमित्री Rogozin ने 03 मार्च 2022 को दी।
– रोगोजिन ने कहा कि हम इस हालात में अमेरिका को विश्व के बेस्ट रॉकेट इंजन नहीं दे सकते।
– अब हमें नहीं पता वह अपनी मिसाइलों को कैसे उड़ाएंगे, शायद उन्हें झाड़ू से उड़ाना चाहिए।
रूस ने अमेरिका को अब तक कितने इंजन दिए है?
– रोगोजिन के अनुसार रूस ने अमेरिका को 1990 से लेकर अब तक 122, RD-180 इंजन दिए हैं।
– इनमें से 98 इंजनों का प्रयोग एटलस लॉन्च व्हीकल्स के लिए किया गया है।
– अमेरिका के पास अभी भी 24 इंजन हैं जो अब रूसी तकनीकी सहायता के बिना कार्य नही कर पायेंगे।
रूस ने ब्रिटेन से भी मांगी गारंटी
– यूक्रेन के कारण लगे पश्चिमी प्रतिबंधो के जबाव में रूस ने फ्रेंच गुयाना में कौरौ स्पेसपोर्ट से स्पेस लॉन्च को लेकर यूरोप के साथ सहयोग को निलंबित करने की बात भी कही थी।
– रूस ने ब्रिटिश सैटेलाइट कंपनी वनवेब से उसकी सेटैलाइट्स का इस्तेमाल मिलिट्री प्रयोजनों के लिए ना करने की गारंटी मांगी थी।
– इसके बाद वनवेब ने 03 मार्च को कहा कि वह कजाकिस्तान में रूस के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सभी सैटेलाइट्स लॉन्च को सस्पेंड कर रही है।
Note: रूस की स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) की स्थापना: 25 फरवरी 1992 में हुई।
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4. यूक्रेन संकट पर भारत, अमेरिका और किन देशों ने मार्च 2022 में क्वाड समूह की बैठक की?
a. रूस और जापान
b. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड
c. जापान और ऑस्ट्रेलिया
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: c. जापान और ऑस्ट्रेलिया
– भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राजनेताओं ने 03 मार्च 2022 को हुए क्वाड समिट में हिस्सा लिया।
– इस समिट को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने होस्ट किया।
– इस समिट को यूक्रेन संकट के प्रभाव को देखते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मानवीय सहायता (humanitarian assistance) के लिए नए ढांचे की घोषणा करना था।
– क्वाड बैठक यूक्रेन संकट का सामना और एक संयुक्त मोर्चा पेश करने के लिए आयोजित की गई थी।
– यह रेखांकित करने के लिए है कि यूरोपीय संघर्ष पर वाशिंगटन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र अपने वादे से नही मुकरेंगे।
– हालांकि, नेताओ ने यूक्रेन संकट पर अपने अलग-अलग विचार दिए।
समिट में क्या चर्चा हुई?
– यह समिट क्वाड सदस्यो के भिन्न विचारो को लेकर हुई, क्योंकि भारत ने रूस को लेकर संयुक्त राष्ट्र में वोट से परहेज करने का विकल्प चुना था।
– जबकि अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया, रूस पर कड़ा रवैया अपना रहे है।
– क्वाड नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और मानवीय संकट पर चर्चा की और इसके व्यापक प्रभावों का आकलन किया।
– सभी नेता एक नई मानवीय सहायता और आपदा राहत ढांचे (mechanism) को स्थापित करने पर सहमत हुए।
– यह mechanism क्वाड को हिंद-प्रशांत में भविष्य की मानवीय चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएगा।
मोदी और जापान के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
– पीएम मोदी ने वार्ता और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की आवश्यकता पर जोर दिया।
– और कहा कि क्वाड को “हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने मूल उद्देश्य पर केंद्रित रहना चाहिए”।
– जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि, “क्वाड ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बल के उपयोग को रोकने की आवश्यकता पर चर्चा की, उन्होंने इस क्षेत्र में चीन की आक्रामकता की तुलना यूक्रेन में रूस के हमले से की”।
– “हम इस बात पर सहमत हुए कि हमें नवीनतम मामले (यूक्रेन में) की तरह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यथास्थिति में किसी भी एकतरफा बदलाव की अनुमति नहीं देनी चाहिए और हमें ऐसे समय में एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने के प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता है”। ,
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5. घोस्ट फ्लाइट (Ghost Flight ) क्या है जिसपर पर्यावरण संरक्षण संगठनों ने चिंता जताई?
a. बिना यात्री की फ्लाइट
b. भूतो की फ्लाइट
c. कोविड-19 मृतको की फ्लाइट
d. इनमे से कोई नहीं
Answer: a. बिना यात्री की फ्लाइट
– महामारी के कारण उड़ानो(फ्लाइट्स) में गिरावट आई है।
– एयरलाइंस कंपनियां जो अपने बिजनेस को मैनटेन कर रही है, उन्होंने घोस्ट फ्लाइट्स को लेकर शिकायत की है।
– क्योकि इन फ्लाइट्स को उड़ान भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
– लुफ्थांसा समूह के अलावा, किसी अन्य एयरलाइन ने अपनी घोस्ट फ्लाइट की संख्या के बारे में सूचित नहीं किया है।
– इस समूह ने अनुमान लगाया कि वे यूरोप में अपनी बाजार हिस्सेदारी के आधार पर अकेले लगभग 18,000 खाली उड़ानें चलाएंगे।
– इसी तर्क से, यूरोप में घोस्ट फ्लाइट्स की संख्या 100,000 से अधिक हो सकती है।
क्या होती है घोस्ट फ्लाइट?
– घोस्ट फ्लाइट एक ऐसी फ्लाइट होती है जिसमे कोई भी यात्री नही होता।
– इस फ्लाइट की पैसेंजर कैपेसिटी 10% है।
– इन फ्लाइट्स के द्वारा छोड़ा गया इमिशन पर्यावरण को खतरा पहुंचता है।
क्यों चलाई जा रही है घोस्ट फ्लाइट्स?
– यूरोपियन यूनियन (EU) के 1993 के रेगुलेशन के अनुसार यूरोपीय एयरलाइनों को अपने टेक-ऑफ और लैंडिंग स्लॉट को मैनटेन करने के लिए खाली या लगभग-खाली उड़ानों को बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
– यह स्लॉट अन्य एयरलाइनों को सौंपे जाने से बचने के लिए किया जाता है, जो प्रतिस्पर्धी है या मार्केट में नए है।
– इन एयरलाइनों को स्लॉट्स को सुरक्षित करने के लिए अपने 80 प्रतिशत तक स्लॉट का उपयोग करने की आवश्यकता होती है।
– महामारी के कारण, बुक की गई फ्लाइट्स की लिमिट अस्थायी रूप से 50 प्रतिशत तक कम कर दी गई थी
– लेकिन जैसे ही यह सर्दी मार्च 2022 में समाप्त होती है, यह एक बार फिर यह लिमिट बढ़कर 64 प्रतिशत हो जाएगी।
– अनिवार्य रूप से, एयरलाइन ऑपरेटरों को यह साबित करना होगा कि उनके पास पर्याप्त बाजार मांग है जो उनकी होल्डिंग को सही ठहराती है।
– यूरोपीय आयोग की वेबसाइट के अनुसार, यह ‘यूज इट ऑर लूज इट’ सिस्टम एयरलांइस को EU के हवाई अड्डों की एक्सेस की अनुमति देता है।
पर्यावरण संरक्षण संस्था ने जताई चिंता
– ग्रीनपीस (पर्यावरण सरंक्षण संस्था) ने विश्लेषण किया कि यूरोप में एक लाख से फालतू की गोस्ट फ्लाइट्स थीं।
– यह फ्लाइट्स 1.4 मिलियन कारों से उत्सर्जन (emissions) के बराबर जलवायु क्षति (climate damage) का कारण बन रही हैं।
– यह एक कथित तथ्य है कि विमानन क्षेत्र दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन की एक बड़ी मात्रा के लिए जिम्मेदार है।
– ग्रीनपीस के विश्लेषण के अनुसार, ‘गोस्ट फ्लाइट्स की यह संख्या 2.1 मिलियन टन CO2 के बराबर जलवायु क्षति का कारण बनती है’।
– इसके अलावा अन्य ग्रीनहाउस गैसों को प्रोड्यूस करती है।
– यह नुकसान एक साल में औसतन 14 लाख पेट्रोल या डीजल कारों से होने वाले उत्सर्जन (emissions) के बराबर है।
– ग्रीनपीस ने यूरोपीय आयोग और राष्ट्रीय सरकारों से घोस्ट फ्लाइट्स के मैनटेन करने वाले रेगुलेशन को खत्म करने की अपील की है।
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6. रूसी सैनिको से लड़ने के लिए यूक्रेन की डिफेंस मिनिस्ट्री ने नागरिकों को कौन-सा वेपन बनाने के निर्देश दिए?
a. थर्मोबैरिक वेपन
b. एक-74
c. मोलोतोव कॉकटेल
d. फोर्ट-221
Answer: c. मोलोतोव कॉकटेल (molotov cocktail)
– यूक्रेन की डिफेंस मिनिस्ट्री ने फरवरी 2022 में देश के नागरिकों को मोलोतोव कॉकटेल बनाने के निर्देश दिए है।
– डिफेंस मिनिस्ट्री ने निर्देश देते हुए कहा कि ‘मोलोटोव कॉकटेल बनाएं और रूसी सेना को बेअसर करें’।
– यूक्रेन के शहर ल्वीव में एक शराब बनाने वाली फैक्ट्री(brewery) के मालिक ने अपने इस अड्डे को बम बनाने वाली जगह में तब्दील कर दिया है।
– इस शहर के बाहरी इलाके में बनाई गई चौकियों पर, पुलिस और प्रत्येक वाहन को नियंत्रित करने वाले सैनिक के पास यह वेपन है।
क्या है मोलोतोव कॉकटेल वेपन?
– मोलोतोव कॉकटेल एक टूटने वाली कांच की बोतल है, जिसमें ज्वलनशील पदार्थ जैसे पेट्रोल या अल्कोहल होता है।
– इसमे एक कपड़े की बाती होती है जिसे जलाने से विस्फोट होता है।
– यह एक बोतल आधारित तुंरत आग लगाने वाला हथियार है।
– यह पेट्रोल बम या बॉटल बम की तरह होता है।
– यह एक improvised bomb है।
मोलोतोव कॉकटेल का इतिहास
– इस वेपन का नाम पूर्व सोवियत विदेश मंत्री व्याचेस्लाव मोलोतोव के ऊपर पड़ा।
– फिनलैंड के नागरिकों को मोलोतोव का यह संदेश मजाकिया लगा।
– इन नागरिको ने “मानवीय सहायता” टर्म को “मोलोतोव पिकनिक बास्केट” करार दिया गया।
– और कहा कि जब सोवियत सेनाएं आएंगी, तो वे “मोलोतोव कॉकटेल” के साथ दुनिया के बाकी हिस्सों के पेट्रोल या बोतल बम के साथ हमलावर का स्वागत करेंगे।
– तब से इस वेपन का नाम मोलोतोव कॉकटेल पड़ गया।
– मोलोतोव कॉकटेल पहली बार 1920 या 1930 के दशक में इस्तेमाल किया गया था।
– 1930 के दशक के मध्य में स्पेनिश गृहयुद्ध के दौरान यह वेपन टैंक-विरोधी हथियार के तौर पर प्रयोग होने लगे।
– दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान सोवियत विदेश मंत्री मोलोतोव ने दावा किया कि उनके देश की सेना आग लगाने वाले बम नहीं गिरा रही थी, बल्कि फिनिश (फिनलैंड के निवासियों) के लोगों की मदद के लिए “मानवीय सहायता” कर रही थी।
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7. जेट एयरवेज के नए सीईओ कौन बने?
a. संजीव कपूर
b. विनय दुबे
c. मुरारी लाल जालान
d. विपुल गुणतिलेका
Answer: a. संजीव कपूर
– वह 04 अप्रैल 2022 से अपना नया पद संभालेंगे।
– संजीव ने 03 मार्च 2022 को ऑबेरॉय होटल्स के प्रेसीडेंट पद से इस्तीफा दिया।
– इससे पहले जेट एयरवेज के सीईओ विनय दुबे थे, उन्होंने 2019 में इस्तीफा दिया था।
संजीव कपूर के बारे में
– वह स्पाइसजेट में सीओओ और विस्तारा में चीफ स्ट्रेजी एंड कर्मिशियल ऑफिसर रह चुके हैं।
– कपूर के कार्यकाल (2016-2019) के दौरान, विस्तारा में 38 एयरक्राफ्ट और 200 से भी अधिक फ्लाइट्स बढ़ी थीं।
जेट एयरवेज
– जेट एयरवेज देश की सबसे पुरानी प्राइवेट एयरलाइन है।
– जिसने 1993 में परिचालन (operations) शुरू किया,
– वित्तीय संकट के कारण कंपनी को 2019 में परिचालन बंद करना पड़ा।
– उसे एक दिवालियापन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।
– फिस इसके बाद मुरारी लाल जालान के कलरॉक कंसोर्टियम ने रिवाइवल प्लान सबमिट किया, जिसको नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच द्वारा अप्रूव कर दिया गया था।
– रिवाइवल प्लान की मंजूरी के बाद, जेट एयरवेज अब आने वाले गर्मियों के महीनों में घरेलू परिचालन (domestic operations) को फिर से शुरू करने वाला है।
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8. CISF ने अपना 53वां का स्थापना दिवस कब मनाया?
a. 3 March
b. 4 March
c. 5 March
d. 6 March
Answer: d. 6 March
– इस दिवस समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में किया गया।
समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाग लिया।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
– यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, यह एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है
– सीआईएसएफ भारत के छह अर्धसैनिक बलों में एक है।
– सीआईएसएफ के जवान मेट्रो स्टेशन और हवाई अड्डों पर लाखों यात्रियों सुरक्षा करते हैं।
– सीआईएसएफ की स्थापना 10 मार्च 1969 को हुई थी। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
– सीआईएसएफ के महानिदेशक शील वर्धन सिंह हैं।
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9. जन औषधि दिवस कब मनाया जाता है?
a. 7 March
b. 6 March
c. 5 March
d. 4 March
Answer: a. 7 March
– यह दिवस प्रतिवर्ष 7 मार्च फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) द्वारा मनाया जाता है।
– इस दिवस उद्देश्य जेनेरिक दवाओं के उपयोग और जन औषधि परियोजना के लाभों के बारे में जागरूकता लाना है।
– पूरे देश में जन औषधि केंद्र के करीब 8600 स्टोर्स खुले हुए हैं।
– केंद्र सरकार का लक्ष्य मार्च 2025 तक 10,500 पीएम भारतीय जनऔषधि केंद्र बनाने का है।
वर्ष 2022 की थीम: “जन औषधि-जन उपयोगी” है।
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10. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन, फ्लोरिडा से किस सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया?
a. GOES-T
b. GOES-V
c. GOES-Z
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: a. GOES-T (Geostationary Operational Environmental Satellite)
– GOES-T सैटेलाइट को केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस V रॉकेट पर लॉन्च किया गया।
– जब GOES-T पृथ्वी से 22,300 मील ऊपर एक भूस्थिर कक्षा में स्थित हो जाता है, तो इसका नाम बदलकर GOES-18 कर दिया जाएगा।
GOES-T/ GOES-18 (Geostationary Operational Environmental Satellite-T)
– GOES-T, GOES-R श्रृंखला का तीसरा सैटेलाइट है जो मौसम विज्ञानियों को सार्वजनिक सुरक्षा को प्रभावित करने वाली स्थानीय मौसम की घटनाओं को देखने और भविष्यवाणी करने में मदद करेगा।
– GOES-18 यूएस वेस्ट कोस्ट, अलास्का, हवाई, मैक्सिको, मध्य अमेरिका और प्रशांत महासागर के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करने के लिए GOES West के रूप में परिचालन सेवा में जाएगा।
नासा को NOAA का सपोर्ट:
– नासा के उप प्रशासक पाम मेलरॉय ने कहा, “नासा में हमें अपने संयुक्त एजेंसी पार्टनर, NOAA और उनके मिशन का समर्थन करने पर गर्व है, जो कि खतरनाक मौसम पर नज़र रखने वाले पूर्वानुमानकर्ताओं और शोधकर्ताओं को इंपोर्टेंट डेटा और इमेजरी प्रदान करता हैं।”
– “जबकि GOES-R श्रृंखला के सैटेलाइट्स का मुख्य काम मौसम की भविष्यवाणी में मदद करना है, ये सैटेलाइट ऑब्जर्वेशन जनरेट करते हैं जो नासा के साइंस में भी मदद करते हैं।
NASA
प्रशासक: बिल नेल्सन
मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी., यूएसए
स्थापना: 1 अक्टूबर 1958
NOAA
संस्थापक: रिचर्ड निक्सन
मुख्यालय: वाशिंगटन, डी.सी., यूएसए
स्थापना: 3 अक्टूबर 1970
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11. किक्रेट टेस्ट मैच में सर्वाधिक विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज कौन बने?
a. रविचंद्रन अश्विन
b. रविन्द्र जडेजा
c. जसप्रीस बुमराह
d. मोहम्मद शमी
Answer: a. रविचंद्रन अश्विन
– रविचंद्रन अश्विन ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 06 मार्च 2022 को छह विकेट लेकर टेस्ट मैच में कुल 436 विकेट कर लिए।
– अब वह टेस्ट मैच सर्वाधिक विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए है।
कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ा
– उन्होंने 436 विकेट लेकर पूर्व भारतीय खिलाड़ी कपिल देव के टेस्ट मैच में 434 विकेट लेने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
– कपिल देव ने यह 434 विकेट 131 टेस्ट मैचों में लिए थे।
– वहीं अश्विन ने यह कारनामा 85 मैचों में किया है।
नौवें सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज बने
– अश्विन, कपिल देव, न्यूजीलैंड के रिचर्ड हैडली (431) और श्रीलंका के रंगना हेराथ (433) को पीछे छोड़ते हुए अब तक के नौवें सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए है।
– केवल चार भारतीय गेंदबाजों – कुंबले, अश्विन, कपिल और हरभजन सिंह ने टेस्ट क्रिकेट में 400 से अधिक विकेट लिए हैं।
अश्विन के बारे में
– अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 में चेन्नई,तमिलनाडू में हुआ था।
– वह एक स्पिनर गेंदबाज है।
– अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय किक्रेट में पदार्पण वर्ष 2010 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे किक्रेट मैच से किया।
– वर्ष 2012 में उन्होंने टेस्ट किक्रेट में डेब्यू किया।
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