यह 5th November 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा।
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1. किस पैरामिलिटरी फोर्स में पहली बार दो महिला अधिकारियों को महानिरीक्षक (IG) रैंक में प्रमोट किया गया?
a. CISF
b. NSG
c. CRPF
d. ITBP
Answer: c. CRPF
– केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने पहली बार नवंबर 2022 में अपने कैडर की दो महिला अधिकारियों को रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और बिहार सेक्टर का महानिरीक्षक (IG) नियुक्त किया।
– एनी अब्राहम को रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) का महानिरीक्षक (IG) नियुक्त किया गया।
– सीमा धुंडिया को बिहार सेक्टर का महानिरीक्षक (IG) नियुक्त किया गया।
– CRPF ने 1986 में पहली बार महिला बटालियन बनायी।
– वर्ष 1987 में पहली बार महिला अधिकारी शामिल हुई थीं।
– एनी अब्राहम और सीमा धुंडिया दोनों महिला अधिकारी पहले बैच में एक साथ चुनी गई थी।
– 35 वर्ष बाद CRPF ने पहली बार महिला कैडर को महानिरीक्षक जैसी बड़ी जिम्मेदारी दी।
सीमा धुंडिया
– सीमा धुंडिया के पिता आर्मी में थे।
– सीमा धुंडिया को विशेष सेवा के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल मिल चुका है।
– CRPF की दूसरी महिला बटालियन को आगे बढ़ाने में सीमा धुंडिया का काफी अहम रोल रहा।
– सीमा धुंडिया ने लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र (UN) मिशन में पहली बार बने महिला पुलिस यूनिट FPU की कमांडर भी रह चुकी हैं।
– वह रैपिड एक्शन फोर्स में DIG के पद में काम कर चुकी हैं।
एनी अब्राहम
– एनी अब्राहम के माता-पिता BHEL (भोपाल यूनिट) में काम करते थे।
– भोपाल में ही उनका बचपन बीता, लेकिन वह मूलतः केरल की रहने वाली थी।
– एनी अब्राहम ने भी लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र (UN) मिशन में महिला FPU की कमान संभाली।
– एनी अब्राहम हेडक्वार्टर में DIG इंटेलिजेंस के पद पर काम कर चुकी है।
– एनी अब्राहम ने कश्मीर ऑपरेशन सेक्टर में ऑपरेशन की टीम में काम किया।
– एनी अब्राहम को भी विशेष सेवा के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल मिल चुका है।
CRPF (Central Reserve Police Force)
– मुख्यालय: नई दिल्ली
– गठन: 27 जुलाई 1939
– महानिदेशक: सुजॉय लाल थोसेन
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2. AD-1 किस तरह की मिसाइल है, जिसका परीक्षण DRDO ने किया?
a. BDM इंटरसेप्टर मिसाइल
b. क्रूज मिसाइल
c. शॉट रेंज मिसाइल
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: a. BMD इंटरसेप्टर मिसाइल
(Ballistic Missile Defence (BMD) interceptor missile)
– DRDO ने 2 नवंबर को ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर AD-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
– यह मिसाइल सभी प्रकार के लक्ष्यों को भेदने में पूरी तरह से सक्षम है।
– यह लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों और एयरक्राफ्ट को पृथ्वी के वायुमंडल में और उससे बाहर दोनों जगह डिटेक्ट कर सकता है और इसे नष्ट भी कर सकता है।
– इसके डेवलपमेंट में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अहम भूमिका निभाई है।
इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल
– AD-1 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है।
– यह लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों और एयरक्राफ्ट को पृथ्वी के वायुमंडल में और उससे बाहर दोनों जगह डिटेक्ट कर सकता है और इसे नष्ट भी कर सकता है।
– यह स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और मार्गदर्शन एल्गोरिथम से लैस है।
– इंटरसेप्टर मिसाइल एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल है।
– इसे दुश्मन की इंटरमीडिएट रेंज और अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Intercontinental Ballistic Missiles) को नष्ट करने के लिए ने विकसित किया गया है।
– इंटरसेप्टर AD-1 पृथ्वी के वायुमंडल में धरती की सतह से 20-40 किलोमीटर (एंडो-एटमॉस्फेरिक) के रेंज में दुश्मन के मिसाइल को नष्ट कर सकता है।
– इसके अलावा इंटरसेप्टर AD-1 धरती से 50-150 किलोमीटर की ऊंचाई के रेंज (एक्सो-एटमॉस्फेरिक) में भी दुश्मन के बैलिस्टिक हथियार को बर्बाद कर सकता है।
– इस पर काम वर्ष 2000 से चल रहा था।
– वर्ष 2010 के अंत में पहला फेज पूरा हो गया था।
– और दूसरा फेज 2022 में सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
– पहले फेज में 2000 किमी वर्ग में आने वाली मिसाइलों को नष्ट करने क्षमता डेवलप की थी।
– लेकिन दूसरे फेज के परीक्षण के बाद 5000 किमी वर्ग क्षेत्र में किसी भी मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता डेवलप हो गई।
– इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही भारत को आसमान में एक और कवच मिल गया है।
DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन)
स्थापना – 1958
मुख्यालय – नयी दिल्ली
अध्यक्ष – समीर V कामत
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3. किन राज्यों और UT ने ‘परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स’ (PGI) 2020-21 में स्कूली शिक्षा के मामले में बेहतरीन प्रदर्शन किया?
a. केरल, पंजाब, चंडीगढ़
b. महाराष्ट्र, गुजरात,राजस्थान
c. आंध्र प्रदेश
d. उपरोक्त सभी
Answer: d. उपरोक्त सभी
– शिक्षा मंत्रालय ने इस इंडेक्स को 03 नवंबर 2022 को जारी किया।
– यह इंडेक्स राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की स्कूली शिक्षा का आकलन करता है।
– इस इंडेक्स के अनुसार कुल 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ ने 2020-21 में लेवल II (स्कोर 901-950) हासिल किया है।
– लेवल II (स्कोर 901-950) का मतलब है कि इन राज्यों स्कूली शिक्षा के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है।
– लेवल I स्कोर किसी भी राज्य या UT ने हासिल नहीं किया।
लेवल III (स्कोर 851-900) हासिल करने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश
– अंडमान और निकोबार द्वीपों
– पुदुचेरी
– दादरा और नगर
– हवेली और दमन और दीव
– हरियाणा
– तमिलनाडु
– हिमाचल प्रदेश
– उत्तर प्रदेश
– कर्नाटक
– पश्चिम बंगाल
– लक्षद्वीप
– दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
– ओडिशा
परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) 2020-21
– PGI में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की सफलता के सम्बन्ध में प्रदर्शन और उपलब्धियों का डाटा जारी किया जाता है।
– PGI का मुख्य उद्देश्य साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम सुधार करना है।
– अब तक, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए पीजीआई रिपोर्ट जारी की है।
– वर्तमान रिपोर्ट वर्ष 2020-21 के लिए है।
– PGI के लिए 70 इंडिकेटर में 1000 अंक शामिल किये गये हैं। , जिन्हें दो कैटेगरी में बांटा गया है।
– यह दो कैटेगरी है- (1) आउटकम्स (परिणाम) और (2) गवर्नेंस मैनेजमेंट (GM)
केंद्रीय शिक्षा मंत्री – धर्मेंद्र प्रधान
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4. किस राज्य ने अपनी 23वीं स्थापना दिवस पर ‘राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य उत्सव’ की मेजबानी की?
a. छत्तीसगढ़
b. पंजाब
c. हरियाणा
d. मध्य प्रदेश
Answer: a. छत्तीसगढ़
– इसे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
– मतपराई (Matparai) के लुप्तप्राय शिल्प को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से नृत्य उत्सव की शुरुआत हुई।
– मतपराई की संस्कृति ‘लगभग विलुप्त’ हो गई है।
– छत्तीसगढ़ ने एक नवंबर को अपनी 23वीं स्थापना दिवस मनाई।
– छत्तीसगढ़ की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी।
– छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना था।
– इसी दिन छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य उत्सव की मेजबानी की।
– राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य उत्सव एक नवंबर से तीन नवंबर तक आयोजित किया गया।
तीसरा राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव
– यह राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य उत्सव का तीसरा संस्करण है।
– पहला राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव 2019 में दिल्ली में आयोजित हुआ था।
– इसमें भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आदिवासी डांस ग्रुप ने भाग लिया।
– इसमें 9 देशों के 100 जनजातीय कलाकारो ने भाग लिया।
– इसमें मोजांबिक, मंगोलिया, टोंगो, रशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और इजिप्ट के जनजातीय कलाकारो ने भाग लिया।
– राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में दो थीम रखी गई थी।
– पहली थीम ‘फसल कटाई पर होने वाले आदिवासी नृत्य’।
– दूसरी थीम ‘आदिवासी परम्पराएं और रीति- रिवाज’।
– उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहित भी किया गया ।
– महोत्सव में भाग लेने वाली प्रतिभागियों में से जो पहले, दूसरे और तीसरे विजेता बने, उनको क्रमशः ₹5 लाख, ₹3 लाख और ₹2 लाख के नकद पुरस्कार दिया गया ।
छत्तीसगढ़
राजधानी – रायपुर
राज्यपाल – अनुसुइया उइके
मुख्यमंत्री – भूपेश बघेल
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5. नासा ने सूर्य की एक तस्वीर ली, जिसमें सूर्य की सतह पर काले धब्बे (आंखों और मुस्कान के समान) हैं, ये काले धब्बे क्या हैं?
a. कोरोनल होल
b. ब्लैक होल
c. केवल a
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: a. कोरोनल होल (coronal holes)
– नासा ने ‘मुस्कुराते हुए’ सूर्य की एक तस्वीर अक्टूबर 2022 में कैप्चर की।
– नासा के सोलर डायनेमिक्स आब्जर्वेटरी ने इसे फोटो को कैप्चर किया है।
– इस तस्वीर में सूर्य की सतह पर काले धब्बे हैं जो आंखों और मुस्कान के समान हैं।
– नासा ने समझाया कि इन धब्बों को कोरोनल होल कहा जाता है, जिसे अल्ट्रावायलेट लाइट में देखा जा सकता है।
– आमतौर हम अपनी आंखो से नहीं देख सकते हैं।
कोरोनल होल क्या होता है?
– ये सूर्य की सतह पर ऐसे क्षेत्र हैं जहां से तेज सौर तूफानी हवा अंतरिक्ष में निकलती है।
– इन क्षेत्रों में सोलर मैटेरियल कम होता है, उनका तापमान सूर्य के दूसरे हिस्से की तुलना में कम होता है।
– इस प्रकार वे अपने परिवेश की तुलना में बहुत अधिक गहरे रंग के दिखाई देते हैं।
– कोरोनल होल कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक रह सकते हैं।
– हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोनल होल किस कारण से होते हैं, वे सूर्य के उन क्षेत्रों से संबंधित होते हैं, जहां चुंबकीय क्षेत्र ऊपर और दूर होते हैं।
इन कोरोनल होल्स से क्या पता चलता है?
– ये ‘कोरोनल होल’ पृथ्वी के चारों ओर के अंतरिक्ष वातावरण को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं जिसके माध्यम से हमारी तकनीक और अंतरिक्ष यात्री यात्रा करते हैं।
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6. ICC की टी-20 रैंकिंग में नवंबर 2022 में नंबर वन बल्लेबाज कौन बने?
a. मोहम्मद रिजवान
b. एरोन फिंच
c. विराट कोहली
d. सूर्यकुमार यादव
Answer: d. सूर्यकुमार यादव
– सूर्यकुमार यादव 02 नवंबर 2022 को ICC की टी-20 रैंकिंग में नवंबर 2022 में नंबर बन बल्लेबाज बन गए।
– उन्होंने इस मामले में पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान को पीछे छोड़ दिया।
– CC की टी-20 रैंकिंग में अब सूर्यकुमार के 863 रेटिंग पॉइंट हैं।
– सूर्यकुमार टी20 रैंकिंग में नंबर वन वाले ओवरऑल 23वें बल्लेबाज हैं।
– वह यह मुकाम हासिल करने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं।
– इससे पहले विराट कोहली सितंबर 2014 से लेकर दिसंबर 2017 के बीच 1013 दिनों तक नंबर वन टी20 बल्लेबाज रह चुके हैं।
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7. रानीपुर वन्यजीव विहार अक्टूबर 2022 में यूपी का चौथा टाइगर रिजर्व बना, यह किस जिले में स्थित है?
a. प्रयागराज
b. लखनऊ
c. आगरा
d. चित्रकूट
Answer: d. चित्रकूट
– रानीपुर वन्यजीव विहार यूपी का चौथा और भारत का 53वां टाइगर रिजर्व बन गया है।
– नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने इसकी मंजूरी दे दी।
– इस बात की जानकारी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 31 अक्टूबर 2022 को एक ट्वीट करके दी।
– उन्होंने ट्वीट में लिखा कि,”उत्तर प्रदेश में रानीपुर टाइगर रिजर्व भारत का 53वां बाघ रिजर्व बन गया है”।
– यह राज्य में चित्रकूट जिले के रानीपुर में स्थित है तथा दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ के बाद राज्य में चौथा टाइगर रिजर्व है।
रानीपुर टाइगर रिजर्व
– यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 सितंबर 2022 को इसके लिए मंजूरी दी थी।
– बुंदेलखंड क्षेत्र में यह पहला टाइगर रिजर्व होगा।
– चित्रकूट के रानीपुर सेंक्चुरी में करीब 52000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में रानीपुर टाइगर रिजर्व विकसित किया जाएगा।
– यह टाइगर रिजर्व भारत सरकार के ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ का हिस्सा है।
रानीपुर टाइगर रिजर्व बनाने का कारण
– केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की वजह से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को नए बाघ अभयारण्यों को नोटिफाई करने के लिए कहा था।
– केन-बेतवा लिंक परियोजना के बाद एमपी के पन्ना टाइगर रिजर्व में जलभराव की आशंका है।
– यहां के बाघ उत्तर प्रदेश के चित्रकूट (रानीपुर टाइगर रिजर्व) और मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर, दमोह और सागर जिलों (दुर्गावती टाइगर रिजर्व) की ओर आएंगे, इसलिए इस जगह को टाइगर रिजर्व के लिए चुना गया है।
– पन्ना टाइगर रिज़र्व को दुर्गावती और रानीपुर टाइगर रिजर्व से जोड़ने वाला एक ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
राजधानी: लखनऊ
सीएम: योगी आदित्यनाथ
राज्यपाल: आनंदीबेन पटेल
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8. RBI ने e-rupee (ई-रुपी) [ e₹] का पायलट (टेस्टिंग स्टेज) एक नवंबर को लॉन्च किया, यह किस तरह की करेंसी है?
a. CBDC
b. क्रिप्टोकरेंसी
c. बिटकॉइन
d. CBDT
Answer: a. CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी)
– RBI डिजिटल करेंसी को एक नवंबर से होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए लॉन्च किया।
– पायलट प्रोजेक्ट के लिए देश के 9 बैंको (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक) को शामिल किया गया है।
– फिलहाल होलसेल ई-रुपी को सरकारी प्रतिभूतियों (government securities) की खरीद बिक्री में उपयोग होगा।
e-rupee क्या है?
– e-rupee CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) है।
– e-rupee सॉवरेन पेपर करेंसी (कॉइन और नोट) के समान है।
– इसकी वैल्यू मौजूदा करेंसी के बराबर होगी।
– इसको भी फिजिकल करेंसी की तरह माना जायेगा।
– e-rupee से अपनी जेब में नगदी रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
– यह मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी।
– e-rupee RBI की बैलेंस शीट पर लायबिलिटी के रूप में प्रदर्शित की जाएगी।
– e-rupee वर्तमान में उपलब्ध मुद्रा के रूपों के लिए एक अतिरिक्त विकल्प प्रदान करेगी।
करेंसी को जारी कौन करेगा?
– RBI e-rupee जारी करेगा और कमर्शियल बैंक इसे वितरित करेंगे।
रुपया और e-rupee में क्या अंतर?
– रुपया और e-rupee में कुछ अंतर नहीं है बस e-rupee भारतीय रुपये का एक डिजिटल संस्करण है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC क्या है?
– यह कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप है।
– जैसे आप कैश का लेन-देन करते हैं, वैसे ही आप डिजिटल करेंसी का लेनदेन भी कर सकेंगे।
– CBDC कुछ हद तक क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन या ईथर जैसी) जैसे काम करती है। इससे ट्रांजेक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है। मतलब कि बैंक की भूमिका इस ट्रांजेक्शन में नहीं रहेगी। सीधे RBI इसे कंट्रोल करेगा।
– रिजर्व बैंक से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पेमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच जाएगी। न तो किसी वॉलेट में जाएगी और न ही बैंक अकाउंट में। बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, पर होगी डिजिटल।
– यह कम खर्चीली है। ट्रांजेक्शन भी तेजी से हो सकते हैं। इसके मुकाबले करेंसी नोट्स का प्रिटिंग खर्च, लेन-देन की लागत भी अधिक है।
e-rupee या CBDC के प्रकार
– RBI दो प्रकार की CBDC को जारी कर सकती है:
1. रिटेल CBDC (CBDC-R)
2. होलसेल CBDC (CBDC-W)
रिटेल CBDC
– CBDC-R संभावित रूप से सभी निजी क्षेत्र, गैर-वित्तीय उपभोक्ता और व्यवसायों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।
होलसेल CBDC
– CBDC-W को वित्तीय संस्थान द्वारा प्रतिबंधित पहुंच के लिए डिज़ाइन किया गया है।
– CBDC-W का इस्तेमाल इंटरबैंक भुगतान की दक्षता में सुधार या सिक्योरिटी सेटलमेंट के लिए किया जायेगा।
– फिलहाल सिर्फ होलसेल CBDC लॉन्च किया गया है।
e-rupee या CBDC की फॉर्म
1. टोकन बेस्ड (token-based)
2. अकाउंट बेस्ड (account-based)
टोकन बेस्ड (token-based)
– मौजूदा भारतीय बैंक के नोट वर्तमान में टोकन सिस्टम पर काम करते हैं, जिसका अर्थ है कि जो कोई भी मुद्रा (टोकन) रखता है, वह उसके अधिकार में होगी।
– टोकन बेस्ड सिस्टम का मुख्य प्रयोग रिटेल CBDC के लिया किया जायेगा।
अकाउंट बेस्ड (account-based)
– खाता-आधारित CBDC प्रणाली में, CBDC धारकों के शेष राशि और लेनदेन के रिकॉर्ड रखरखाव की आवश्यकता होगी।
– अकाउंट बेस्ड सिस्टम का मुख्य प्रयोग होलसेल CBDC के लिए किया जायेगा।
टोकन बेस्ड CBDC और अकाउंट बेस्ड में मुख्य अंतर
– टोकन बेस्ड CBDC प्रारूप में, जो व्यक्ति टोकन प्राप्त करता है, वह इसकी वास्तविकता को वेरीफाई करेगा।
– जबकि अकाउंट बेस्ड CBDC में, मध्यस्थ खाताधारक की पहचान को वेरीफाई करेगा।
e-rupee बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगा?
– e-rupee की बात करते हैं तो इसे दुनियाभर में केंद्रीय बैंक, यानी हमारे यहां रिजर्व बैंक लॉन्च कर रहा है।
– e-rupee की मॉनिटरिंग हो सकेगी और किसके पास कितने पैसे हैं, यह रिजर्व बैंक को पता होगा।
– जबकि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का नियंत्रण नहीं है।
– पिछले कुछ वर्षों में यह एक नए एसेट क्लास के रूप में विकसित हुई है, जिसमें लोग इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।
– इसकी मॉनिटरिंग नहीं होती। गुमनाम रहकर भी लोग ट्रांजेक्शन कर रहे हैं, जिससे आतंकी घटनाओं व गैरकानूनी गतिविधियों में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हो रहा है।
e-rupee (CBDC) क्यों लाया जा रहा है?
– भारत में दिन-प्रतिदिन क्रिप्टोकरेंसी की मांग बढ़ती जा रही है।
– इससे भारत की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता (फाइनेंशियल स्टेबिलिटी) को खतरा हैं।
– प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय स्थिरता के मुद्दों से निपटने के लिए RBI की क्षमता को कमजोर कर रही है।
– फाइनेंशियल स्टेबिलिटी से निपटने के लिए ही e-rupee को लॉन्च किया जा रहा है।
– e-rupee भारत की डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देगी।
– इससे पेमेंट सिस्टम मजबूत होगा और यह वर्चुअल करेंसी के जोखिमों को भी कम करेगा।
e-rupee से क्या फायदा?
– e-rupee से सरकार के साथ आम लोगों की बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी।
– कई देशों में डिजिटल करेंसी का उपयोग होता है, तो ऐसे में जो भारतीय इन देशों में रहते वह आसानी से भारत में ट्रांजेक्शन कर सकेंगे।
– क्रॉस बॉर्डर पेमेंट में आसानी होगी।
– e-rupee को कैश में कन्वर्ट किया जा सकता है।
क्या इस करेंसी को माइन (उत्पादन) किया जा सकता है?
– इसे बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी की तरह माइन नहीं किया जा सकता है।
क्या इस करेंसी से ब्याज मिलेगा?
– RBI के कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, नहीं।
– RBI ब्याज सहित ई-रुपये के पक्ष में नहीं हैं।
– क्योंकि लोग बैंकों से पैसे निकाल सकते हैं और इसे डिजिटल रुपये में बदल सकते हैं।
– इससे बैंकों को काफी दिक्कत होगी।
RBI
स्थापना – 1 अप्रैल 1935
मुख्यालय – मुंबई
गवर्नर – शक्तिकांत दास
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9. अमेरिकी करेंसी पर फीचर होने वाली पहली एशियाई-अमेरिकी कौन बनीं?
a. प्रियंका चोपड़ा
b. अन्ना मे वोंग
c. कल्पना चावला
d. कमला हैरिस
Answer: b. अन्ना मे वोंग (Anna May Wong)
– दिवंगत हॉलीवुड अभिनेत्री अन्ना मे वोंग (1905-1961) अमेरिकी मुद्रा पर फीचर होने वाली पहली एशियाई-अमेरिकी बन गई हैं।
– एक चौथाई डॉलर के सिक्के पर उनकी तस्वीर को फीचर किया जायेगा।
– यह सिक्का अमेरिका में 24 अक्टूबर 2022 को चालू किया गया।
– इस सिक्के मे वोंग द्वारा उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
– उन्होंने एशियाई-अमेरिकी अभिनेताओं के लिए अधिक प्रतिनिधित्व और भेदभाव को खत्म करने के लिए हमेशा आवाज उठाई थी।
अन्ना मे वोंग (Anna May Wong)
– लॉस एंजिल्स में दूसरी पीढ़ी के चीनी प्रवासियों के परिवार में उनका जन्म हुआ था।
– वोंग ने 14 साल की उम्र में द रेड लैंटर्न (1919) में एक एक्सट्रा एक्टर के रूप में अपना फिल्मी करियर शुरू किया।
– उन्होंने द टोल ऑफ द सी (1922) में प्रमुख भूमिका निभाई।
– इसके बाद उन्होंने 60 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया।
– हॉलीवुड में भेदभाव के चलते उन्हें कभी भी लीड रोल ऑफर नहीं किया जाता,जबकि वह एक बेहतरीन अदाकारा थीं।
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10. हिमाचल प्रदेश के नए लोकायुक्त कौन बने?
a. जस्टिस अजय रस्तोगी
b. जस्टिस चंद्र भूषण बरोवालिया
c. जस्टिस हेमंत गुप्ता
d. जस्टिस यूयू ललित
Answer: b. जस्टिस चंद्र भूषण बरोवालिया
– जस्टिस चंद्र भूषण बरोवालिया (सेवानिवृत्त) ने 03 नवंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश के लोकायुक्त के रूप में शपथ ली।
– राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें राजभवन में आयोजित समारोह में शपथ दिलाई।
– चंद्र भूषण बरोवालिया को इस पद पर पूर्व लोकायुक्त एलएस पांटा की जगह नियुक्त किया गया है, जोकि वर्ष 2017 में रिटायर हो गए थे।
– हिमाचल को पांच साल से अधिक समय के बाद अब एक नया लोकायुक्त मिला है।
जस्टिस चंद्र भूषण बरोवालिया
– उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय से कानून की शिक्षा प्राप्त की है।
– उन्होंने वर्ष 1984 से 2003 तक उच्च न्यायालय में संवैधानिक, दीवानी, आपराधिक, राजस्व, उपभोक्ता व सेवा मामलों में अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस की।
– बाद वर्ष 2003 में प्रदेश न्यायिक सेवा में प्रवेश किया।