यह 2 October 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा।
PDF Download : Click here
1. मेडिसिन / फिजियोलॉजी के क्षेत्र में नोबेल प्राइज 2022 के विजेता का नाम बताएं?
a. डेविड जूलियस
b. एर्डम पटापौटियन
c. स्वांते पाबो
d. राजेंद्र सिंह पाटिल
Answer: c. स्वांते पाबो
Physiology: शरीर क्रिया विज्ञान
Medicine: चिकित्सा
– वह स्वीडिश (स्वीडेन के) वैज्ञानिक हैं।
– उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (करीब 9.19 लाख अमेरिकी डॉलर) (लगभग 7.4 करोड़ रुपए) मिलेंगे।
– नोबेल प्राइज की घोषणा की शुरुआत सबसे पहले मेडिसिन के क्षेत्र से होती है।
इन 6 क्षेत्रों में दिया जाता है
– physiology or medicine
– physics
– chemistry
– Literature
– Piece
– Economics
नोबेल प्राइज
– यह पुरस्कार वैज्ञानिक और इन्वेंटर अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल के नाम पर उनकी वसीयत के आधार पर दिया जाता है।
– उन्होंने डायनामाइट बनाया था।
– शांति का नोबेल प्राइज नार्वे में प्रदान किया जाता है।
– जबकि बाकी सभी कैटेगरी के प्राइज, स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दिए जाते हैं।
—————-
2. मेडिसिन के क्षेत्र में किस उपलब्धि (रिसर्च) के लिए वैज्ञानिक स्वांते पाबो को नोबेल प्राइज 2022 के लिए चुना गया?
a. डायबिटीज का इलाज
b. तापमान और स्पर्श के लिए रिसेप्टर्स की खोज
c. कैंसर के इलाज की क्विक थेरेपी
d. विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोज
Answer: d. विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोज
– इस खोज को हम ‘क्रमिक विकास की खोज’ कह सकते हैं।
स्वांते पाबो कौन हैं?
– स्वांते पाबो एक जेनेटिसिस्ट हैं। {जेनेटिसिस्ट : वो वैज्ञानिक जो जीन की स्टडी करते हैं।}
– उनका जन्म 20 अप्रैल, 1955 को स्वीडन के स्टॉकहोम में हुआ।
– उनके पिता सुने बर्गस्ट्रॉमी भी बायोकेमिस्ट थे। (उन्हें भी 1982 में नोबेल प्राइज मिला।)
– स्वांते ने DNA को लेकर काफी काम किया है।
– उनका PhD रिसर्च का सब्जेक्ट E19 प्रोटीन और एडिनोवायरस से जुड़ा था।
स्वांते पाबो को क्यों पुरस्कार मिला
– पाबो ने आधुनिक मानव और हमारी करीबी विलुप्त प्रजातियों के जीनोम की तुलना की।
– विलुप्त प्रजातियों में निएंडरथल और डेनिसोवंस (एक लाख साल पहले के मनुष्य हों या मनुष्य जैसी) के जीनोम की तुलना की।
– इसमें उन्होंने ये साबित किया कि प्रजातियों के बीच रिश्ता है।
– इससे हमें हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के बारे में जानकारी मिलेगी।
पहले बेसिक बातें समझिए
– हमारी प्रजातियों को होमो सेपियन्स कहा जाता है।
– माना जाता है कि हम लगभग 315,000 साल पहले अफ्रीका में विकसित हुए थे।
– उस दौरान और उससे पहले मानव की अन्य प्रारंभिक प्रजातियां थी।
– इनमें निएंडरथल थे, जो करीब 40 हजार साल पहले विलुप्त हो गए। एक और प्रजाति थी डेनिसोवंस, वह भी विलुप्त हो गई।
निएंडरथल
– जर्मनी में कुछ दशक पहले निएंडरथल की घाटी में आदिमानव की कुछ हड्डियां प्राप्त हुईं थीं, जिनके आधार पर इनका नाम निएंडरथल मानव रखा गया था।
स्वांते पाबो की खोज के महत्त्व
– इस खोज से हमें पता चलता है कि मानव का विकास कैसे हुआ।
– आज का हमारा जीनोम में कहा से जीन आते है।
– हम देखते है कि होमिंस में सिर्फ होमोसेपियन्स ही सरवाइव कर पाए।
– दूसरे होमिंस में जैसे निएंडरथल और डेनिसोवंस विलुप्त हो चुके हैं, लेकिन उनके जीन आज भी हमारे शरीर में है
– उनका क्या महत्त्व है हमारे शरीर में, इसको पता करने के लिए ये खोज महत्त्वपूर्ण है।
निएंडरथल और होमोसेपिन्स कैसे मिले
– इसका उत्तर स्वांतो पाबो की खोज से प्राप्त होता हैं।
– इसके लिए स्वांतो पाबो ने निएंडरथल के जिनोम को स्टडी की।
– पूर्ण जेनेटिक्स इन्फॉर्मेशन को जीनोम कहते हैं।
– जेनेटिक्स इन्फॉर्मेशन हमें DNA से प्राप्त होती है।
– क्रोमोसोमस में ये इन्फॉर्मेशन स्टोर होती है।
– मानव DNA कोशिका के केंद्रक में मौजूद माइटोकोन्ड्रिया में मिलता है।
– वैज्ञानिक स्वांते पाबो और उनकी टीम ने निएंडरथल की एक हड्डी के माध्यम से जिनोम स्टडी किया।
– इससे पता चला कि मानव और निएंडरथल DNA के समानता है।
– निएंडरथल के जीन आज भी हमारे पास हैं।
– इस खोज की शुरूआत उन्होंने 1990 से 2010 के बीच की।
– इस खोज से पता चला की यूरोप व एशिया के कुछ भाग में रह रहे लोगों के DNA का कुछ भाग निएंडरथल जैसा है।
डेनिसोवंस के जीनोम की तुलना
– ऐसा ही डेनिसोवंस के जीनोम की तुलना करने लिए एक स्टडी किया गया।
– खोज करते समय 20 से 25 हजार साल पहली एक उंगली की हड्डी मिली।
– इसकी स्टडी करने के बाद पता चला कि होमोसेपियन्स और डिनिसोवंस के भी जीन कुछ समान मिले।
– दक्षिणी-पूर्व एशिया के लोगों में डिनिसोवंस के DNA पाया गया।
खोज से क्या प्राप्त हुआ
– स्वांते पाबो के इन खोज से एक नई साईंस की ब्रांच बन गई जिसे पैलियोजेनोमिक्स (जीवाश्म के जिनों का अध्ययन) कहते हैं।
– मानव का प्रवास और विकास के बारे में जानकारियां मिली।
– इससे मानव की प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) में भिन्नता का कारण भी पता चलता है।
– आगे ये पता लगाया जाएगा कि होमोसेपिन्य में ऐसा अलग क्या है कि हम अभी तक पृथ्वी पर मौजूद हैं।
– जबकि निएंडरथल और डेनिसोवंस विलुप्त हो गये।
—————
3. पहले स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) का नाम बताएं, जिसे रक्षा मंत्री ने इंडियन एयरफोर्स को सौंपा?
a. आरंभ
b. प्रचंड
c. वीर
d. योद्धा
Answer: b. प्रचंड
– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 3 अक्टूबर 2022 को लड़ाकू होलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ को जोधपुर एयरबेस पर इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया।
– यह पहला मेड-इन-इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) है।
– इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने किया है।
– इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी मौजूद थे।
एयरफोर्स और आर्मी को 15 ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर
– केंद्र सरकार ने एयरफोर्स और आर्मी में तैनाती के लिए HAL से 15 हेलीकॉप्टर का करार मार्च 2020 में किया था।
– यह करार 3,887 करोड़ रुपए का था।
– इनमें से 10 हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के लिए और पांच हेलीकॉप्टर सेना के लिए हैं।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) ‘प्रचंड’ की विशेषता
– यह किसी भी इलाके, मौसम और ऊंचाई में उड़ सकता है।
– हेलिकॉप्टर “दुश्मन को चकमा देने, विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद ले जाने और इसे जल्दी से साइट पर पहुंचाने” में सक्षम है
– यह दो इंजन वाला हेलीकॉप्टर है।
– यह स्टेल्थ तकनीक से लैस है, मतलब राडार से बचने की विशेषता है।
– बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली है, मतलब कि मशीनगन और रायफल की गोली से इसे नुकसान नहीं होगा।
– केमिकल अटैक के दौरान भी इसके अंदर बैठे लोगों को नुकसान नहीं होगा।
– रात को हमला करने की क्षमता है
– आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) की जरूरत क्यों पड़ी?
– 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना और एयरफोर्स को इस तरह के हेलीकॉप्टर की कमी महसूस हुई।
– इसके कुछ साल बाद वर्ष 2006 में HAL ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर बनाने का ऐलान किया।
– रक्षा मंत्री ने पहला लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) 3 अक्टूबर 2022 को एयरफोर्स को सौंपा।
HAL
– मुख्यालय: बेंगलुरु
– स्थापना : 1963, बेंगलुरु
—————-
4. केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का नया महानिदेशक किसे नियुक्त किया?
a. कुलदीप सिंह
b. सुजॉय लाल थोसेन
c. अनीश दयाल सिंह
d. संजय अरोडा
Answer: b. सुजॉय लाल थोसेन
– उन्होंने CRPF के DG के तौर पर कुलदीप सिंह की जगह ली।
सुजॉय लाल थोसेन
– वे मध्य प्रदेश कैडर के 1988 बैच के अधिकारी है।
– इससे पहले वे सशस्त्र सीमा बल (SSB) के महानिदेशक थे
– साथ ही साथ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे।
CRPF
– मुख्यालय: नई दिल्ली
– गठन: 27 जुलाई 1939
—————-
5. केंद्र सरकार ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का नया महानिदेशक किसे नियुक्त किया?
a. कुलदीप सिंह
b. सुजॉय लाल थोसेन
c. अनीश दयाल सिंह
d. संजय अरोडा
Answer: c. अनीश दयाल सिंह
– अनीश दयाय सिंह मणिपुर कैडर के 1988 बैच के अधिकारी है।
– ITBP से पहले वे, IB के स्पेशल डायरेक्ट थे।
ITBP
– स्थापना: 24 अक्टूबर 1962
– मुख्यालय: नई दिल्ली
—————–
6. फुटबॉल मैच के दौरान किस देश में एक अक्टूबर 2022 को दंगे की वजह से करीब 125 लोगों की मौत हो गई?
a. इंडोनेशिया
b. ऑस्ट्रेलिया
c. थाईलैंड
d. ब्राजील
Answer: a. इंडोनेशिया
– यह घटना इंडोनेशिया के पूर्वी जावा स्थित शहर मलंग के कंजुरुहान स्टेडियम में हुई।
– दो टीम (अरेमा FC पूर्व और पर्सेबाया सुरबाया) के बीच एक अक्टूबर 2022 को फुटबॉल मैच चल रहा था।
– इसी दौरान दंगा भड़क गया और कम से कम 125 लोगों की जान चली गई। 180 से ज्यादा घायल हो गए।
दंगे होने की वजह
– इंडोनेशिया के लोग फुटबॉल प्रेमी हैं और अपनी टीम के प्रति कट्टर हैं।
– मैच होने से पहले ही संभावना जताई जा रही थी कि दंगे हो सकते है इसको रोकने के लिए, केवल अरेमा FC प्रशंसकों को ही मैच देखने आने दिया।
– पर्सेबाया के जीतने के बाद, अरेमा FC के प्रशंसकों ने पिच पर उतर आये।
– खिलाड़ियों और अधिकारियों पर बोतलें और अन्य सामान फेंकने लगे।
– इसके बाद पुलिस ने लोगों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
– इससे भगदड़ मच गई और बहुत सारे लोगों की जान चली गई।
इंडोनेशिया और फुटबॉल अथॉरिटी का एक्शन
– इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मामले की जांच के आदेश दिए।
– उन्होंने प्रीमियर फ़ुटबॉल लीग को सुरक्षा की तैयारियों की जांच तक निलंबित का आदेश दिया।
इंडोनेशिया में फुटबॉल हिंसा का इतिहास
– इंडोनेशिया के फ़ुटबॉल समर्थक अक्सर देश के भीतर और बाहर प्रतिद्वंद्वियों के साथ संघर्ष करते हैं।
– 2019 में भी ऐसा ही मलेसिया के समर्थको के साथ हुआ था।
– दुनिया में फुटबॉल को नियत्रित करने वाली संस्था FIFA है।
इंडोनेशिया
– राजधानी : जकार्ता
– नई प्रस्तावित राजधानी : नूसंतारा
– राष्ट्रपति : जोको विडोडो
– मुद्रा : इंडोनेशियन रुपिया
FIFA
अध्यक्ष: जियानी इन्फेंटिनो
स्थापना: 21 मई 1904
मुख्यालय: ज्यूरिख, स्विट्ज़रलैंड
—————
7. तुलसी तांती का निधन एक अक्टूबर 2022 को हो गया, वे किस नाम से चर्चित थे?
a. सोलर मैन
b. नवीनिकरण
c. विंड मैन
d. मिसाइल मैन
Answer: c. विंड मैन
– तुलसी तांती, सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड के संस्थापक थे।
– यह कंपनी विंड एनर्जी (पवन ऊर्जा) के क्षेत्र में काम करती है।
– इस कंपनी के 100 से ज्यादा विंड फार्म्स (पवन पक्की क्षेत्र) हैं।
– पवन ऊर्जा में योगदान की वजह से तुलसी तांती को विंड मैन कहा जाता था।
तुलसी तांती
– जन्म गुजरात के राजकोट में 1958 में हुआ था।
– गुजरात विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया था।
– उन्होंने सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड की स्थापना 1995 में की थी।
– सुजलॉन एनर्जी का मार्केट वैल्यू लगभग 8,535 करोड है।
– एक अक्टूबर 2022 को उनका निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ।
– हाल ही में देखा गया है कि हार्ट अटैक से काफी मौते हो रही है
हार्ट अटैक आने का कारण
– जब शरीर की नसों में खून का बहाव सुचारु रूप से नहीं होता
– ऐसे में खून जमने की समस्या होना शूरू हो जाती है। (जिसे अगेंजी में क्लॉटिंग कहा जाता है)
– खून जमाव की समस्या से खून हार्ट तक पहुँचने में असमर्थ होता है।
– इससे हार्ट को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है।
– यह स्थिति हार्ट अटैक की होती है।
—————-
8. RBI ने सितंबर 2022 में रेपो रेट को बढ़ाकर कितना कर दिया?
a. 5.40%
b. 5.90%
c. 4.98%
d. 5.0%
Answer: b. 5.90%
– RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (मौद्रिक नीति समिति) ने समीक्षा बैठक में 30 सितंबर 2022 को यह फैसला किया।
—————
9. RBI ने सितंबर 2022 में कितने बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी करके रेपो रेट 5.9% कर दिया?
a. 40
b. 50
c. 60
d. 70
Answer: b. 50
– महंगाई को काबू करने की कोशिश के तहत RBI ने पॉलिसी रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 5.90% कर दिया।
– इससे पहले रेपो रेट 5.40% प्रतिशत था।
– RBI जून 2022 से लगातार हर मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू के दौरान रेपो रेट बढ़ा रहा है।
बेसिस प्वाइंट क्या होता है?
– बेसिस प्वाइंट मतलब आधार अंक।
– 1% में 100 बेसिस प्वाइंट होते है।
रेपो रेट (Repurchase Rate or Repo Rate) क्या है?
– आसान भाषा में कहें, तो बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है।
– ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे RBI से कर्ज लेते हैं।
– इस लोन पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।
रेपो रेट से आम आदमी पर क्या पड़ता प्रभाव है
– जब बैंकों को कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध होगा, यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं।
– यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे।
रेपो रेट का महंगाई बढ़ने या घटने से क्या रिश्ता?
– देश में महंगाई को कम करने की प्राथमिक जिम्मेदारी RBI पर है।
– बाजार में जरूरत से ज्यादा नकदी रहने पर महंगाई बढ़ने का खतरा होता है।
– जब भी बाजारों में बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें।
– इस तरह बैंकों के कब्जे में बाजार में छोड़ने के लिए कम रकम रह जाएगी।
– ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके।
आरबीआई
– गवर्नर: शक्तिकांत दास
– मुख्यालय: मुंबई
– स्थापना: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता
——————
10. अमेरिका ने ईरान के तेल का कारोबार करने वाली किस भारतीय पेट्रोकेमिकल कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया?
a. तिबालाजी
b. रिलायंस
c. गेल
d. मनाली
Answer: a. तिबालाजी
– अमेरिका ने ईरान पर सख्ती दिखाते हुए सितंबर 2022 में कई कंपनियों के इंटरनेशनल नेटवर्क पर प्रतिबंध लगा दिया हैं।
– ये कंपनियां ईरान के तेल और पेट्रो केमिकल को साउथ और ईस्ट एशिया में बेचने और पैसों के लेनदेन का काम कर रही थीं।
– इनमें एक भारतीय कंपनी ‘तिबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड’ भी शामिल है।
– ऐसा पहली बार है जब, अमेरिका ने ईरानी तेल के कारोबार को लेकर भारतीय कंपनी पर प्रतिबंध लगाया है।
तिबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड
– तिबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड का मुख्यालय मुंबई में है।
– यह भारतीय कंपनी ट्रिलियंस (Triliance) नाम की कंपनी के जरिए हजारों करोड़ों के पेट्रो केमिकल प्रॉडक्ट्स खरीदती है और उन्हें आगे चीन भेज देती है।
– ट्रिलियंस पर अमेरिका ने पहले से प्रतिबंध लगाया हुआ है।
– Triliance एक ब्रोकर कंपनी है जो ईरानी वस्तुओं को बेचने के लिए अन्य देशों की कंपनियों से डील करती है।
क्यों लगाया प्रतिबंध
– दरअसल, अमेरिका ने न्यूक्लियर हथियारों के निर्माण और ईरान परमाणु करार (जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ ऐक्शन 2015) तोड़ने के आरोप में ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा हुए हैं।
– प्रतिबंध का दायरा उन कंपनियों तक है, जो ईरान के साथ पेट्रोलियम कारोबार में शामिल हैं।
– सितंबर 2022 में भी अमेरिकी ट्रेजरी विभाग (United States Department of the Treasury) ने कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए।
– अमेरिका का कहना है कि ये कंपनियां, ईरान पर ईरान के तेल और पेट्रो केमिकल प्रॉडक्ट्स की सप्लाई और वित्तीय लेनदेन के तरीकों को आसान कर रही थी।
– इसलिए प्रतिबंध के दायरे में नई कंपनियों को शामिल किया गया है।
– अमेरिका यह प्रतिबंध उस समय तक जारी रखेगा, जब तक ईरान परमाणु करार (जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ ऐक्शन 2015) को लागू करने के लिए साथ मिलकर काम नहीं करेगा।
—————-
11. शास्त्र (SASTRA) रामानुजन पुरस्कार 2022 के लिए किसे चुना गया?
किसे शास्त्र (SASTRA) रामानुजन पुरस्कार 2022 प्रदान किए जाने की घोषणा की गई?
a. युनकिंग टैंग
b. नीना गुप्ता
c. केके शैलजा
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: a. युनकिंग टैंग (Yunqing Tang)
– युनकिंग टैंग को शास्त्र (SASTRA) रामानुजन पुरस्कार 2022 के लिए चुना गया है।
– उन्हें यह पुरस्कार दिसंबर, 2022 में शास्त्र (SASTRA) यूनिवर्सटी में प्रदान किया जाएगा।
– उन्हें यह पुरस्कार मॉड्यूलर इक्वेशन पर नए मेथड और रिजल्ट निकालने के लिए दिया जा रहा है।
– वर्ष 2021 का शास्त्र रामानुजन पुरस्कार, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विल साविन को मिला था।
युनकिंग टैंग
– युनकिंग टैंग, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले, अमेरिका में सहायक प्रोफेसर है।
शास्त्र (SASTRA) रामानुजन पुरस्कार 2022
– इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2005 में तमिलनाडु की सनमुघा आर्ट्स, साइंस, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च एकेडमी (SASTRA) द्वारा की गई।
– यह पुरस्कार गणित के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने और श्रीनिवास रामानुजन की खोज से जुड़े काम में नई खोज करने के लिए दिया जाता है।
– यह पुरस्कार 32 वर्ष और उससे कम आयु के व्यक्तियों को वार्षिक रूप से प्रस्तुत किया जाता है।
– पुरस्कार में 10,000 डॉलर का कैश प्राइज दिया जाता है।
PDF Download : Click here