यह 03 December 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा।
PDF Download : Click here
1. केंद्र सरकार ने ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, (संशोधन) विधेयक 2022’ का ड्राफ्ट जारी किया, इसमें जानवर को मारने के लिए कितने वर्ष की कैद के प्रावधान को प्रस्तावित किया है?
a. चार वर्ष
b. पांच वर्ष
c. छह वर्ष
d. सात वर्ष
Answer: b. पांच वर्ष
– ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, (संशोधन) विधेयक 2022’ (Prevention of Cruelty to Animals Act, (Amendment) Bill)
– केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2022 को प्रिवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनिमल एक्ट, (अमेंडमेंट) बिल-2022 का ड्राफ्ट जारी किया।
– इस बिल को मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने तैयार किया है।
– इसमें प्रिवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनिमल एक्ट-1960 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा गया है।
– (अमेंडमेंट) बिल-2022 में 61 संशोधन करने के प्रस्ताव रखे गए है।
– इसमें जानवर के साथ “भयानक क्रूरता” करने के लिए तीन वर्ष की कैद का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
– इसके अलावा जानवर को मारने पर पांच वर्ष की कैद का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
– हालांकि धार्मिक उद्देश्यों के लिए कोई भी जानवर की हत्या कर सकता है। साथ ही लाइसेंस प्राप्त किसी भी बूचड़खाने में जानवरों को काटा जा सकता है। यह अपराध के दायरे में नहीं आएगा।
आम लोगों से सुझाव मांगे-
– सरकार ने ड्राफ्ट बिल को सार्वजनिक कर दिया है और 07 दिसंबर, 2022 तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।
– एक बार अंतिम रूप दिए जाने के बाद मसौदे को आगामी शीतकालीन सत्र या संसद के बजट सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है।
जानवरों के साथ क्रूरता करने पर कितना जुर्माना और सजा?
– जानवरों के साथ क्रूरता न्यूनतम 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ दंडनीय होगी।
– इसे 75,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है या लागत न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा क्षेत्राधिकारी पशु चिकित्सकों के परामर्श से तय की जा सकती है।
– इसके एक वर्ष की सजा या तीन वर्ष तक भी बढ़ाई जा सकती है।
– ड्राफ्ट में किसी जानवर को मारने पर जुर्माने के साथ अधिकतम 5 साल की कैद का प्रस्ताव है।
– इसके लिए एक नया खंड, धारा 11(B) प्रस्तावित किया गया है।
जानवरों के लिए पांच तरह की आजादी का प्रस्ताव
– ड्राफ्ट में एक नई धारा 3A को शामिल करने का भी प्रस्ताव है, जो जानवरों को ‘पांच स्वतंत्रता’ प्रदान करती है।
– किसी जानवर की देखभाल करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य होगा कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसकी देखभाल में या उसके अधीन जानवर के पास यह पांच अधिकार हों:
1. प्यास, भूख और कुपोषण से मुक्ति
2. पर्यावरण के कारण असुविधा से मुक्ति
3. दर्द, चोट और बीमारियों से मुक्ति
4. प्रजातियों के लिए सामान्य व्यवहार व्यक्त करने की स्वतंत्रता
5. भय और संकट से मुक्ति
ड्राफ्ट में और क्या?
– सामुदायिक पशुओं के मामले में, स्थानीय सरकार उनकी देखभाल के लिए जिम्मेदार होगी।
– सामुदायिक पशु को “एक समुदाय में पैदा होने वाले पशु के रूप में पेश किया गया है।
– इसके लिये वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत परिभाषित जंगली पशुओं को छोड़कर किसी स्वामित्व का दावा नहीं किया जा सकता है।
क्या यह एक्ट पशुवध (Slaughter) को प्रतिबंधित करता है?
– प्रिवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनीमल एक्ट,1960 की धारा 28 किसी भी जानवर को धार्मिक उद्देश्यों के लिए किसी भी तरीके से मारने की अनुमति देती है।
– लेकिन अधिकृत संबंधित प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त या लाइसेंस प्राप्त किसी भी बूचड़खाने को छोड़कर कोई भी व्यक्ति नगर पालिका क्षेत्र के भीतर किसी भी जानवर का वध नहीं कर सकता है।
प्रिवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनीमल एक्ट,1960 (पशु क्रूरता निवारण (संशोधन) विधेयक,1960)
– 1960 में पशुओं पर अनावश्यक दर्द या पीड़ा को रोकने के लिए लाया गया था।
– इस एक्ट के तहत भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) की स्थापना की गई थी।
मत्स्य पालन, पशुपालन मंत्री- पुरुषोत्तम रुपाला
—————
2. LAC के पास भारत और USA के बीच किस राज्य में मिलिट्री एक्सरसाइज ‘युद्ध अभ्यास’ आयोजित हुई?
a. अरुणाचल प्रदेश
b. सिक्किम
c. हिमाचल प्रदेश
d. उत्तराखंड
Answer: d. उत्तराखंड
– भारत और अमेरिका के बीच मिलिट्री एक्सरसाइज ‘युद्ध अभ्यास’ 15 नवंबर 2022 से 02 दिसंबर 2022 तक उत्तराखंड के औली में आयोजित हुई।
– औली LAC से 100 किलोमीटर की दूरी पर है।
– औली उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक नगर है।
मिलिट्री एक्सरसाइज ‘युद्ध अभ्यास’
– यह इस एक्सरसाइज का 18वां संस्करण है।
– ‘युद्ध अभ्यास’ का पिछला संस्करण वर्ष 2021 में USA के अलास्का में आयोजित हुआ था।
– युद्धाभ्यास का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाना है।
क्यों महत्वपूर्ण है LAC के पास युद्धाभ्यास
– क्योंकि उत्तराखंड के बाराहोती क्षेत्र में बीते साल सितंबर में चीन के सैनिकों ने हरकत की थी।
– चीनी सैनिक भारतीय सीमा में करीब 5 किमी तक अंदर घुस आए थे।
– हालांकि कुछ ही घंटों में ये सैनिक वापस लौट गए थे।
– बताया जाता है कि बाराहोती में एक ऐसा चारागाह है जिसे लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है. – ये चारागाह 60 स्क्वॉयर किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
भारत अमेरिका के बीच पिछले कुछ डिफेंस एग्रीमेंट
– दोनों देशों ने पिछले कुछ सालों में महत्वपूर्ण रक्षा और सुरक्षा समझौते भी किए हैं।
– इनमें 2016 में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) भी शामिल है। यह एग्रीमेंट सेनाओं को आपूर्ति किए गए हथियारों की मरम्मत और एक-दूसरे के ठिकानों का उपयोग करने की अनुमति देता है।
– दोनों देशों ने वर्ष 2018 में COMCASA (कम्युनिकेशन कंपैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट) पर भी हस्ताक्षर किए थे। यह एग्रीमेंट दोनों सेनाओं के बीच हाई-एंड टेक्नोलॉजी के अंतर-संचालन की अनुमति देता है।
– वर्ष 2020 में BECA (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) हुआ था। इसमें हाई-एंड मिलिटरी टेक्नोलॉजी, लॉजिस्टिक और ज्योग्राफिकल मैप एक दूसरे को शेयर करने का प्रावधान है।
—————
3. विक्रम किर्लोस्कर का निधन 29 नवंबर 2022 को हो गया, वे किस कंपनी के वाइस-चेयरमैन थे?
a. टाटा मोटर्स
b. महिंद्रा एंड महिंद्रा
c. मारूति सुजिकी
d. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर
Answer: d. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर
– वह 64 वर्ष के थे।
विक्रम किर्लोस्कर
– वे टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के वाइस-चेयरमैन थे।
– उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपना ग्रेजुएशन किया था।
विक्रम ने 1997 में जापानी फर्म टोयोटा मोटर कॉर्प को भारत लाने में अहम भूमिका निभाई थी।
टोयोटा किर्लोस्कर
– स्थापना: 1997
– टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड, टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन और किर्लोस्कर समूह के बीच एक भारतीय जॉइंट वेंचर है।
– यह भारत में टोयोटा कारों का निर्माण और बिक्री करता है।
– मुख्यालय बेंगलुरु के पास बिदादी, कर्नाटक में स्थित है।
—————
4. किस राज्य ने नवंबर 2022 में ‘हर घर गंगाजल प्रोजेक्ट’ लॉन्च किया?
a. बिहार
b. उत्तर प्रदेश
c. मध्य प्रदेश
d. राजस्थान
Answer: a. बिहार
– बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 27 नवंबर 2022 को राजगीर में ‘हर गंगाजल प्रोजेक्ट’ लॉन्च किया।
– यह इस प्रोजेक्ट का फर्स्ट फेज है।
– यह राज्य के सूखे क्षेत्रों में गंगा जल उपलब्ध कराने की एक पहल है।
– यह योजना मानसून के मौसम के दौरान गंगा के अतिरिक्त पानी को स्टोर करने में मदद करेगी।
हर घर गंगाजल स्कीम
– ‘हर घर गंगाजल प्रोजेक्ट’ बिहार सरकार की ‘जल, जीवन, हरियाली योजना’ का हिस्सा है।
– इस स्कीम के फर्स्ट फेज की लागत 4,000 करोड़ रुपए है।
– बड़े पंप मोकामा के पास हाथीदह से गंगा जल को निकालेंगे और राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों ‘राजगीर’, ‘बोधगया’ और ‘गया’ में लगभग 7.5 लाख घरों में इसकी सप्लाई करेंगे।
– इस पानी को ‘राजगीर’ और ‘गया’ के जलाशयों में स्टोर किया जाएगा।
– इसके बाद तीन ट्रीटमेंट-एंड-प्यूरिफिकेशन प्लांट्स में भेजा जाएगा, जहां से इसे जनता को सप्लाई की जाएगी।
– सरकार, यह योजना प्रत्येक व्यक्ति को पीने और घरेलू उपयोग के लिए हर दिन 135 लीटर (लगभग दो बड़ी बाल्टी ) गंगा जल प्रदान करेगी।
– यह स्कीम वर्तमान में राजगीर, गया और बोधगया के शहरी क्षेत्रों तक सीमित है।
– लेकिन स्कीम के दूसरे चरण के दौरान, जिसकी अगले वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है, गंगा जल को ‘नवादा’ में भी सप्लाई कराया जायेगा।
‘हर घर गंगाजल प्रोजेक्ट’ की जरूरत क्यों?
– राजगीर (नालंदा जिले में) के आसपास का क्षेत्र, जो मगध के प्राचीन साम्राज्य का केंद्र था।
– इसके अलावा यह बौद्ध और जैन धर्म दोनों के संस्थापकों से जुड़ा हुआ है, यह क्षेत्र चट्टानी और पानी की कमी वाला है।
– वर्षों से, भूजल के अनियोजित और अंधाधुंध उपयोग ने भूमिगत जलाशयों को कम कर दिया है।
– साथ ही वाटर टेबल (भूजल की ऊपरी सतह) को कम कर दिया है, और ‘गया’ और ‘राजगीर’ में पानी की गुणवत्ता को प्रभावित किया है।
– शहरों में वाटर सप्लाई का बड़ा हिस्सा ट्यूबबेल के माध्यम से जारी है।
– बिहार पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) के एक अध्ययन के अनुसार ‘गया’ जिले में औसत ग्राउंड वाटर लेवल जुलाई 2021 में 30.30 फीट से गिरकर जुलाई 2022 में 41.50 फीट हो गया था।
– बिहार के केंद्रीय भूजल बोर्ड की ईयर बुक के डेटा के अनुसार 2014-15 और 2020-21 के बीच गया और राजगीर में जल स्तर 2 से 4 मीटर के बीच गिर गया है।
– क्षेत्र में कई जगहों पर हैंडपंप सूख रहे हैं।
– ‘नालंदा’ और ‘गया’ के जिला प्रशासन ने शहर के क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति के लिए पानी के टैंकरों की व्यवस्था की है।
– क्योंकि गर्मियों में पानी की कमी गंभीर हो जाती है।
– इसीलिए ‘हर घर गंगाजल प्रोजेक्ट’ जैसी स्कीमों की आवश्यकता है।
‘हर घर गंगाजल प्रोजेक्ट’ से क्या फायदा?
– हर घर गंगाजल योजना गंगा के किनारों की वार्षिक बाढ़ से संकट को कम करने में मदद करेगी।
– मानसून के मौसम में गंगा के पानी के मोड़ से नदी के किनारों पर बाढ़ के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
‘हर घर गंगाजल प्रोजेक्ट’ का संचालन
– इस प्रोजेक्ट को “लिफ्ट-स्टोर-टेम-ट्रीट-सप्लाई” सिस्टम के रूप में वर्णित किया गया है।
– हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) 2019 से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
– राजेंद्र ब्रिज के पास गंगा के दाहिने किनारे पर ‘हथिदह’ में 447 मीटर का एप्रोच चैनल बनाया गया है।
– इसके माध्यम से पानी को एक इंटेक-वेल-कम-पंपहाउस में ले जाया जाता है।
– जोकि 7500 केवीए ट्रांसफार्मर और दो छोटे 250 केवीए ट्रांसफार्मर के बिजली सबस्टेशन द्वारा संचालित है।
बिहार
राजधानी- पटना
राज्यपाल- फागू चौहान
सीएम- नीतीश कुमार
———–
5. डेविस कप 2022 में किस टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार खिताब को जीता?
a. ब्राजील
b. भारत
c. साउथ अफ्रिका
d. कनाडा
Answer: d. कनाडा
– कनाडा ने 27 नवंबर 2022 को ऑस्ट्रेलिया को हराकर यह खिताब अपने नाम किया।
– डेविस कप को टेनिस का वर्ल्ड कप भी कहा जाता है।
– ऑस्ट्रेलिया डेविस कप को 28 बार जीत चुका है।
– पहले कनाडा के डेनिस शापोवालोव ने ऑस्ट्रेलिया के थानासी कोकिनाकिस को 6-2, 6-4 से हराया।
– और फिर कनाडा के फेलिक्स अगुर एलिसमी ने ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स D मिनॉर को 6-3, 6-4 से हराया।
– इन दोनों जीत के साथ कनाडा ने ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से हरा दिया।
– इससे पहले वर्ष 2019 में कनाडा फाइनल में पहुंचा था।
– उस समय कनाडा स्पेन से हार गया था।
– वर्ष 2015 में शापोवालोव और फेलिक्स ने कनाडा को जूनियर डेविस कप जिताने में भी मदद की थी।
डेविस कप
– स्थापना – 1900
– सबसे सफल टीम – USA (32)
– भारत ने डेविस कप में पहली बार वर्ष 1921 में भाग लिया।
– भारत अभी तक डेविस कप नहीं जीता।
– लेकिन भारत तीन बार (1966, 1974, 1987) उपविजेता रहा।
————–
6. UNESCO एशिया-पेसिफिक अवॉर्ड्स 2022 का अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस भारत के किस म्यूजियम ने जीता?
a. अलबर्ट हॉल म्यूजियम
b. सालार जंग म्यूजियम
c. छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय
d. नेशनल गैलेरी ऑफ मॉडर्न
Answer: c. छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय
– UNESCO एशिया-पेसिफिक अवॉर्ड्स 2022 को 26 नवंबर 2022 को दिए गए।
– इसमें भारत को चार अवॉर्ड मिले हैं।
– भारत के छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय म्यूजियम को ‘अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस’ मिला।
अन्य अवॉर्ड
अवॉर्ड ऑफ डिस्टिंक्शन
– स्टेपवेल्स ऑफ गोलकुंडा (गोलकुंडा की बावड़ियाँ ), हैदराबाद
अवॉर्ड ऑफ मेरिट
– डोमकोंडा किला (तेलंगाना)
– भायखला स्टेशन (मुंबई)
शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय म्यूजियम
– छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय म्यूजिम में मुंबई में स्थापित है।
– यह म्यूजिम 100 वर्ष पुराना है।
– यह म्यूजियम मुंबई की विश्व विरासत संपत्ति के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एन्सेम्बल का एक हिस्सा है।
– इसे 1922 में पश्चिमी भारत के प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय के रूप में स्थापित किया गया था।
स्टेपवेल्स ऑफ गोलकुंडा (गोलकुंडा की बावड़ियाँ )
– बावड़ी या बावली उन सीढ़ीदार कुँओं, तालाबों या कुण्डो को कहते हैं जिन के जल तक सीढ़ियों के सहारे आसानी से पहुँचा जा सकता है।
– यह बावड़ियाँ गोलकोंडा किले की हैं।
– गोलकोंडा किला हैदराबाद, तेलंगाना, भारत में स्थित एक ऐतिहासिक किला और खंडहर शहर है।
– इसे मूल रूप से मनुगल्लू कहा जाता था।
– किला मूल रूप से काकतीय शासक प्रतापरुद्र द्वारा 11 वीं शताब्दी में मिट्टी की दीवारों से बनाया गया था।
डोमकोंडा किला
– डोमकोंडा किला तेलंगाना के कामारेड्डी जिले के डोमकोंडा गांव में स्थित है।
– यह 18 वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था और इसमें ग्रेनाइट चट्टानों का एक ऊंचा परिसर है।
– जोकि किले की दीवार बनाता है।
– इस किले को “गाडी डोमकोंडा” या “किला डोमकोंडा” भी कहा जाता है।
भायखला स्टेशन
– भायखला मुंबई उपनगरीय रेलवे की सेंट्रल लाइन पर रेलवे स्टेशन है।
– यह भायखला के पड़ोस में स्थित है।
– स्टेशन एक ग्रेड- I विरासत संरचना है।
– भायखला मूल स्टेशनों में से एक था जब अप्रैल 1853 में बॉम्बे-ठाणे रेलवे का उद्घाटन किया गया था।
UNESCO एशिया-पेसिफिक अवॉर्ड्स 2022
– वर्ष 2000 के बाद से UNESCO एशिया-प्रशांत पुरस्कार क्षेत्र में विरासत मूल्य की संरचनाओं और इमारतों को संरक्षित करने के लिए यह पुरस्कार दे रहा है।
UNESCO
मुख्यालय- पेरिस, फ्रांस
स्थापना- वर्ष 1945
डायरेक्टर जनरल- ऑद्रे अजोले
—————-
7. केंद्र सरकार ने ‘नई चेतना-पहल बदलाव की’ अभियान लॉन्च किया, यह किस सामाजिक बुराई के खिलाफ है?
a. दहेज प्रथा
b. लिंग आधारित भेदभाव
c. जातिगत भेदभाव
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: b. लिंग आधारित भेदभाव (जेंडर बेस्ड डिस्क्रिमनैशन)
अभियान का नाम: ‘नई चेतना-पहल बदलाव की’- (लिंग आधारित भेदभाव के खिलाफ एक समुदाय के नेतृत्व में राष्ट्रीय अभियान) [Nai Chetna-Pahal Badlav Ki”- A Community-led National Campaign Against Gender-Based Discrimination]
किस योजना के अंतर्गत है यह अभियान?
– दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
अभियान को किसने लॉन्च किया?
– केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने ‘नई चेतना-पहल बदलाव की’ अभियान को 25 नवंबर 2022 को नई दिल्ली में लॉन्च किया।
‘नई चेतना-पहल बदलाव की’
– इस अभियान का आयोजन 25 नवंबर से 23 दिसंबर, 2022 तक देश के सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में किया जायेगा।
– इस अभियान की थीम: ‘लिंग आधारित हिंसा का उन्मूलन’ (Elimination of Gender-Based Violence)
– यह एक वार्षिक अभियान होगा जो प्रत्येक वर्ष विशिष्ट लैंगिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
– इस वर्ष अभियान का फोकस एरिया ‘लिंग आधारित हिंसा’ (Gender Based Violence) है।
– इस अभियान को देशभर में लॉन्च किया जायेगा।
– अभियान के हिस्से के रूप में नॉलेज वर्कशॉप, लीडरशिप ट्रेनिंग, सेक्सुअल वायलेंस एंड रिड्रेसल मैकेनिज्म पर सेमिनार होंगे।
भारत में ‘लिंग आधारित हिंसा’ (Gender Based Violence)
– नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) 2021 की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 2021 में बलात्कार के 31,677 मामले दर्ज किए (औसतन 86 रोज)
– जबकि महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगभग 49 मामले हर एक घंटे में दर्ज किए गए।
– वर्ष 2020 में बलात्कार के मामलों की संख्या 28,046 थी, जबकि 2019 में यह 32,033 थी।
—————–
8. केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने नवंबर 2022 में कितने ‘नारी चेतना केंद्रों’ का उद्घाटन किया?
a. 100
b. 120
c. 160
d. 180
Answer: c. 160
– केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने 25 नवंबर 2022 को 13 राज्यों में 160 ‘नारी चेतना केंद्रों’ (जेंडर रिसोर्स सेंटर) का उद्घाटन किया।
– उन्होंने यह उद्घाटन नई दिल्ली से वर्चुअली किया।
‘नारी चेतना केंद्र’ (जेंडर रिसोर्स सेंटर)
– यह सेंटर निजी और सार्वजनिक स्थानों पर, परिवार, समुदाय और कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं का समर्थन करेगा।
– देश भर में 1,251 लिंग संसाधन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां से लैंगिक हिंसा का सामना करने वाली महिलाएं मदद मांग सकती हैं।
———————
9. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) का चेयरमैन किसे नियुक्त किया गया?
a. विवेक तोमर
b. अजय राणा
c. देव सिंह
d. हंसराज गंगाराम अहीर
Answer: d. हंसराज गंगाराम अहीर
– राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने नवंबर 2022 में हंसराज गंगाराम अहीर को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया।
हंसराज गंगाराम अहीर
– हंसराज गंगाराम महाराष्ट्र के चंद्रपुर से चार बार बीजेपी से सांसद रहे हैं।
– वे 2016-19 तक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे है।
– इसके अलावा वे भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके है।
– उन्होंने देश के प्रख्यात कोल ब्लॉक आवंटन (कोलगेट) घोटाले का भांडा फोड़ा था।
– बाद में इस खुलासे पर सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में चार कोल ब्लॉक्स को छोड़कर सभी कोल ब्लॉक्स के आवंटन रद्द कर दिए थे।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes)
– स्थापना: वर्ष 1993
-राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक संवैधानिक निकाय है।
– इसका गठन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था।
– आयोग संविधान के तहत सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मामलों की जांच और निगरानी करता है।
———————
10. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistical Commission) [NSC] का पार्ट टाइम-चेयरपर्सन किसने नियुक्त किया गया?
a. नीना गुप्ता
b. राजीव लक्ष्मण करंदीकर
c. निखिल श्रीवास्तव
d. मुस्कान अग्रवाल
Answer: b. राजीव लक्ष्मण करंदीकर
– केंद्र सरकार ने दिसंबर 2022 में गणितज्ञ राजीव लक्ष्मण करंदीकर को नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन (NSC) का पार्ट टाइम- चेयरपर्सन नियुक्त किया।
– उन्हें तीन वर्ष के लिए पार्ट टाइम- चेयरपर्सन के पद पर नियुक्त किया गया है।
– करंदीकर चेन्नई मैथमेटिकल इंस्टीट्यूट (CMI) में प्रोफेसर एमेरिटस के रूप में जारी रहते हुए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में इस भूमिका को निभाएंगे।
राजीव लक्ष्मण करंदीकर
– वे एक भारतीय गणितज्ञ है।
– उन्होंने 2010 में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में CMI ज्वाइन किया।
– इसके बाद जनवरी 2011 से अप्रैल 2021 तक CMI के निदेशक के रूप में कार्य किया।
– करंदीकर प्रायिकता सिद्धांत (probability theory) पर अपने तीन दशकों के काम के साथ-साथ वास्तविक दुनिया के प्रश्नों के लिए गणित और सांख्यिकी के अनुप्रयोगों के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं।
– उन्होंने 1998 से भारतीय संसदीय चुनावों के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं के लिए नेशनवाइड पॉल को डिजाइन किया है।
– उन्हें सीट की भविष्यवाणी के लिए एक नया मॉडल और कार्यप्रणाली विकसित करने के लिए जाना जाता है, जो पिछले 20 वर्षों से काफी सफल रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistical Commission) [NSC]
– NSC डॉ सी रंगराजन आयोग की सिफारिश के तहत जून 2005 में गठित एक ऑटोनोमस बॉडी है।
– इसके गठन का उद्देश्य देश में सांख्यिकीय एजेंसियों के सामने आँकड़ों के संग्रह के संबंध में आने वाली समस्याओं को कम करना था।
– इसके अलावा भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में जनता के विश्वास को मजबूत करना था।
– इस आयोग के चेयरपर्सन को भारत सरकार के राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
————–