यह 21 to 23 जनवरी 2024 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. अयोध्या राम मंदिर में श्रीरामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान का नेतृत्व (मुख्य यजमान) किसने किया?
Who led (chief host) the ‘Pran Pratishtha’ ritual of Shri Ram Lalla in Ayodhya Ram Temple?
a. योगी आदित्यनाथ
b. मोहन भागवत
c. नरेंद्र मोदी
d. आनंदी बेन पटेल
Answer: c. नरेंद्र मोदी
– भगवान राम के बाल रूप (रामलला) की मूर्ति के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह 22 जनवरी 2024 को हुआ।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बने।
– मंदिर के गर्भगृह में उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और RSS प्रमुख मोहन भागवत और मंदिर के पुजारी मौजूद थे।
– प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद रामलला की मूर्ति का अनावरण किया गया।
– रामलला की 51 इंच ऊंची मूर्ति है।
प्राण प्रतिष्ठा का मतलब क्या है?
– प्राण प्रतिष्ठा वह कार्य है जो एक मूर्ति को देवता में बदल देता है, उसे प्रार्थना स्वीकार करने और वरदान देने की क्षमता देता है। इसके लिए प्रतिमा को विभिन्न चरणों से गुजरना होता है।
– प्राण प्रतिष्ठा कई दिनों तक चलने वाले अनुष्ठानों से पूरा होता है।
– रामलला की मूति के लिए अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हुए और 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ।
– प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया का उल्लेख वेदों में किया गया है और मत्स्य पुराण, वामन पुराण, नारद पुराण आदि विभिन्न पुराणों में इसका विस्तार से वर्णन किया गया है।
क्या ऐसी कोई मूर्ति है जिसमें प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता न हो?
– दो दिव्य वस्तुएं – गंडकी नदी में पाए जाने वाले शालिग्राम और नर्मदा नदी में पाए जाने वाले शिवलिंग नर्मदेश्वर को प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे अपने भीतर दिव्यता रखते हैं।
(नोट – इंडियन एक्सप्रेस ने श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में वेद विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुंदर नारायण झा के हवाले से इस बात को लिखा है।)
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2. अयोध्या राम मंदिर में स्थापित रामलला की मूर्ति के मूर्तिकार का नाम बताएं?
Name the sculptor of the idol of Ramlala of Ayodhya Ram temple?
a. विनोद योगीराज
b. अरुण योगीराज
c. गणेश भट्ट
d. सत्यनारायण पांडेय
Answer: b. अरुण योगीराज
– अरुण योगीराज मैसूर (कर्नाटक) के रहने वाले हैं। मूर्ति बनाने का 15 साल का अनुभव है।
– भगवान राम के बाल रूप रामलला की मूर्ति काले पत्थर से बनाई गई है।
– अरुण योगीराज ने MBA किया हुआ है, कुछ समय नौकरी करने के बाद पारिवारिक पारंपरिक मूर्ति निर्माण में जुट गए थे।
– उन्हें मूर्ति निर्माण का करीब 15 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने अपने पिता यह काम सीखा था।
– योगीराज ने पहले आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची मूर्ति बनाई थी, जिसे केदारनाथ में रखा गया है, और सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति जो दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई है।
तीन मूर्तिकार और तीन प्रतिमाएं
– राम मंदिर के गर्भगृह के लिए रामलला की 3 प्रतिमाएं बनवाई गई थीं। तीनों की लंबाई 51-51 इंच है।
– प्रतिमाओं में कमल आसन पर विराजमान रामलला के बाल स्परूप को दर्शाया गया है।
– एक प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित की गई है, जिन्हें अरुण योगीराज ने बनाया था।
– बाकी दो प्रतिमाएं मंदिर के अलग-अलग जगह पर स्थापित होंगी।
तीन मूर्तिकार
– अरुण योगीराज (मैसूर, कर्नाटक) ने काले पत्थर से प्रतिमा बनाई। यह प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित हुई।
– गणेश भट्ट (बेंगलुरु, कर्नाटक) ने भी काले पत्थर से प्रतिमा बनाई
– सत्यनारायण पांडेय (जयपुर, राजस्थान) ने संगमरमर की प्रतिमा बनाई।
मूर्ति बनाने से पहले ट्रस्ट की गाइडलाइन के अनुसार, तीन चीजों का ध्यान रखना था।
– पहला कि राम बालक रूप में हों।
– दूसरा उनके चेहरे पर दिव्य तेज दिखना चाहिए।
– तीसरा वे बालक होने के बावजूद राजा की तरह दिखने चाहिए।
रामलला की मूर्ति का रंग काला क्यों?
– तुलसीदास की रामचरित मानस के बालकांड में भगवान राम के बाल स्परूप का वर्णन है।
– उसमें राम के श्याम वर्ण, मुस्कान और शरीर के बाकी अंगों की सुंदर व्याख्या की गई है।
– आयोध्या के राम मंदिर में श्रीरामलला की मूर्ति कुछ हद तक वैसी ही है।
रामलला की प्रतिमा बनाते समय मूर्तिकार ने इन सभी बातों का ख्याल रखा है।
– रामचरित मानस के बालकांड की 5 चौपाइयों में इसका जिक्र है। इसी के अनुसार मूर्ति बनाई गई है।
i)
काम कोटि छबि स्याम सरीरा ।
नील कंज बारिद गंभीरा ।।
अरुन चरन पंकज नख जोती ।
कमल दलन्हि बैठे जनु मोती ।।
भावार्थ : इस चौपाई में बताया गया है कि राम लला का रंग नीले कमल और बादलों की तरह है, यानी सांवला. उनके पैर के नाखून इतने सुंदर हैं कि जैसे कमल के पत्तों पर मोती रखे हों.
– मूर्ति में भी भगवान का रंग श्याम है और वे कमल पर खड़े हुए हैं।
ii)
रेख कुलिस ध्वज अंकुस सोहे ।
नूपुर धुनि सुनि मुनि मन मोहे ।।
गठि किंकिनी उदर त्रय रेखा ।
नाभि गभीर जान जेहिं देखा ।।
भावार्थ : तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है कि रामलला के पेट पर तीन रेखाएं यानी त्रिवली हैं। (इन्हें मूर्ति में भी देखा जा सकता है।)
– मूर्ति में रामलला के पैरों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिह्न बने हुए हैं। उन्हें कमर में करधनी और पैरों में पैंजनियां भी है।
iii)
भुज बिसाल भूषण जुत भूरी ।
हियँ हरि नख अति सोभा रूरी ।।
उर मनिहार पदिक की सोभा ।
ब्रिप्र चरन देखत मन लोभा ।।
भावार्थ : इस चौपाई में बालक राम के जिन गहनों के बारे में बताया गया है, ऐसे ही रामलला की मूर्ति के हाथों में बाजूबंद, गले में रत्नों का बना हार, जिसपर भृगो के चरण चिह्न बने हुए हैं।
iii)
कंबु कंठ अति चिबुक सुहाई ।
आनन अमित मदन छबि छाई ।।
दुइ दुइ दसन अधर अरुनारे ।
नासा तिलक को बरनै पारे ।।
भावार्थ : तुलसीदास ने रामलला के चेहरे का जो वर्णन किया है, वो मूर्ति में भी देखा जा सकता है।
– उनके कंठ में कंड में शंख की तरह उतार-चढ़ाव देख सकते हैं। ठोड़ी बहुत ही सुंदर है।
iv)
सुंदर श्रवण सुचारू कपोला ।
अति प्रिय मधुर तोतरे बोला ।।
चिक्कन कच कुंचित गभुआरे ।
बहु प्रकार रचि मातु संवारे ।।
भावार्थ : रामलला घुंघराले बाल वाले हैं, जिन्हें उनकी मां संवारती हैं।
– मूर्ति में रामलला के बाल चिकने और घुंघराले देखे जा सकते हैं।
रामलला ने पहने 5 किलो सोने के आभूषण
– 200 किलो की प्रतिमा को 5 किलो सोने के जेवरात पहनाए गए हैं। नख से ललाट तक भगवान जवाहरातों से सजे हुए हैं। रामलला ने सिर पर सोने का मुकुट पहना है।
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3. अयोध्या राम मंदिर में स्थापित श्री रामलला की मूर्ति का निर्माण कितने वर्ष पुरानी चट्टान से हुआ है?
The idol of Shri Ramlala installed in Ayodhya Ram temple is made from how many years old rock?
a. 1 अरब साल
b. 2 अरब साल
c. 3 अरब साल
d. 4 अरब साल
Answer: c. 3 अरब साल
– न्यूजपेपर ‘द हिन्दू’ ने मैसूर विश्वविद्यालय के पृथ्वी विज्ञान विभाग के यूजीसी-एमेरिटस प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) सी. श्रीकांतप्पा के हवाले से पत्थर के बारे में बताया है।
– रामलला की मूर्ति को तराशने के लिए इस्तेमाल की गई चट्टान दक्षिण भारत की सबसे पुरानी चट्टान है।
– मूर्ति के लिए चट्टान मैसूरु जिले के गुग्गेगौदानपुरा में एक सक्रिय खदान से ली गई थी।
– मैसूरु के आसपास की चट्टानें आर्कियन धारवाड़ क्रेटन का हिस्सा हैं।
– इसी तरह की चट्टानें भारत के अन्य हिस्सों में भी पाई जाती हैं।
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4. अयोध्या राम मंदिर के वास्तुकार का नाम बताएं?
Name the architect of Ayodhya Ram temple?
a. चंद्रकांत सोमपुरा
b. आशीष सोमपुरा
c. राजेंद्र विश्वकर्मा
d. a और b
Answer: d. a और b (चंद्रकांत सोमपुरा और आशीष सोमपुरा)
– चंद्रकांत सोमपुरा (77 वर्ष) और उनके बेटे आशीष सोमपुरा (49 वर्ष) ने राम मंदिर को डिजाइन किया है।
– चंद्रकांत सोमपुरा के पिता प्रभाशंकर, गुजरात के सोमनाथ मंदिर के वास्तुकार थे।
– उनके पास आर्किटेक्चर की कोई औपचारिक डिग्री नहीं है, लेकिन देश और दुनिया के कई प्रसिद्ध मंदिरों के वास्तुकार हैं।
30 साल पहले रामलला मंदिर का डिजाइन
– चंद्रकांत सोमपुरा ने करीब 30 साल पहले रामलला के मंदिर का पहला डिजाइन बनाया था।
– उस वक्त विश्व हिन्दू परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंघल ने उन्हें इसके लिए अयोध्या बुलाया था। (उस वक्त बाबरी मस्जिद मौजूद थी)
– सुप्रीम कोर्ट का फैसला (9 नवंबर 2019) आने के बाद राम मंदिर के डिजाइन के काम में चंद्रकांत सोमपुरा के बेटे आशीष भी जुड़ गए।
– चूकि अब जगह ज्यादा थी, इसलिए डिजाइन में काफी बदलाव किया गया।
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5. अयोध्या राम मंदिर की वास्तुकला (architecture) किस शैली (style) में है?
In which style is the architecture of Ayodhya Ram temple?
a. नागर शैली
b. द्रविड़ शैली
c. वेसरा शैली
d. चालुक्य शैली
Answer: a. नागर शैली
भारत में मंदिर वास्तुकला की कितनी शैली
– भारत में मंदिर वास्तुकला की दो प्रमुख शैली ज्यादातर देखने को मिलती है। उत्तर भारत में नागर शैली और दक्षिण भारत में द्रविड़ शैली।
– तीसरी है वेसर शैली। यह वास्तुकला की नागर और द्रविड़ शैली का मिश्रण है।
नागर शैली
– सोमनाथ मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर और ओडीशा का लिंगराज मंदिर इस शैली के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में एक है।
– मंदिर वास्तुकला की नागर शैली पांचवीं शताब्दी ईस्वी में, गुप्त काल के अंत में, उत्तरी भारत में उभरी थी। इसे दक्षिणी भारत की द्रविड़ शैली के साथ जोड़कर देखा जाता है, जो उसी काल में उभरी थी।
– नागर मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बनाए जाते हैं, जिसमें गर्भगृह (गर्भगृह) होता है – जहां देवता की मूर्ति होती है, जो मंदिर का सबसे पवित्र हिस्सा होता है।
– गर्भगृह के ऊपर शिखर (शाब्दिक रूप से ‘पर्वत शिखर’) होता है, जो नागर शैली के मंदिरों का सबसे विशिष्ट पहलू है।
– नागर शैली के मंदिर में गर्भगृह के चारों ओर एक परिक्रमा पथ और एक या अधिक मंडप (हॉल) भी शामिल होते हैं। चित्र और नक्काशी अक्सर इसकी दीवारों को सुशोभित करते हैं।
अयोध्या राम मंदिर के बारे में तथ्य
– किस शैली में निर्माण: नागर शैली
– निर्माण का अनुमानित खर्च: 18,00 करोड़
– कुल भूमि क्षेत्र: 70 एकड़
– मुख्य मंदिर क्षेत्रफल: 2.7 एकड़
– कुल निर्मित क्षेत्रफल: 57,400 वर्ग. फ़ुट
– मंदिर की कुल लंबाई: 360 फीट
– मंदिर की कुल चौड़ाई: 235 फीट
– शिखर सहित मंदिर की कुल ऊंचाई: 161 फीट
– मंजिलों की कुल संख्या:3
– प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई: 20 फीट
– मंदिर के भूतल में स्तंभों की संख्या: 160
– मंदिर के प्रथम तल में स्तंभों की संख्या:132
– मंदिर की दूसरी मंजिल में स्तंभों की संख्या:74
– मंदिर में चबूतरे एवं मंडपों की संख्या:5
– मंदिर में गेट की संख्या:12
– किस पत्थर से निर्माण हुआ: राजस्थान के सैंड पिंक स्टोन
मंदिर परिसर में रामलला के साथ-साथ छह मंदिर
– गणेश मंदिर
– सूर्य मंदिर
– शिव मंदिर
– भगवती मंदिर
– हनुमान मंदिर
– अन्नपूर्णा मंदिर
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6. अयोध्या राम मंदिर के ट्रस्ट ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के अध्यक्ष और महासचिव कौन हैं?
Who is the President and General Secretary of Ayodhya Ram Temple Trust ‘Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra’?
a. महंत नृत्य गोपाल दास और चंपत राय
b. चंपत राय और स्वामी अजयानंद
c. महंत नृत्य गोपालदास और विजय कुमार
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: a. महंत नृत्य गोपाल दास और चंपत राय
– अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सरकार द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन किया गया था।
– इसके अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास हैं।
– ट्रस्ट में 15 सदस्य हैं, जिनमें से 12 को भारत सरकार द्वारा नामित किया गया था और 3 को पहली बैठक के दौरान चुना गया था।
– इसके महासचिव चंपत राय हैं।
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7. अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य किस कंपनी को सौंपा गया था?
To which company was the construction work of Ayodhya Ram Temple entrusted?
a. गैमन इंडिया
b. जीएमआर ग्रुप
c. लार्सन एंड टुब्रो
d. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर
Answer: c. लार्सन एंड टुब्रो
– इसकी जिम्मेदारी लार्सन एंड टुब्रो को सौंपी गई थी और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड इस काम का प्रबंधन कर रही है।
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8. कुछ प्रमुख प्रश्न और उत्तर
Some key questions and answers
अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन कब हुआ?
– 22 जनवरी, 2024 (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बने)
अयोध्या राम मंदिर कहाँ स्थित है?
– यह मंदिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि पर स्थित है
कब तक पूरा होगा राम मंदिर निर्माण?
– मुख्य मंदिर परिसर के चारों ओर छह छोटे मंदिरों के साथ आधार, जिसमें गर्भगृह है, बन चुका है। मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल का निर्माण भी दिसंबर, 2024 तक होने की उम्मीद है।
अयोध्या राम मंदिर कौन बना रहा है?
– इसकी जिम्मेदारी लार्सन एंड टुब्रो को सौंपी गई है और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड इस काम का प्रबंधन कर रही है। – अहमदाबाद स्थित आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा (81) और उनके बेटे आशीष (51) ने मंदिर परिसर को डिजाइन किया है।
राम मंदिर के लिए कितनी ज़मीन आवंटित की गई?
– मंदिर ट्रस्ट को आवंटित कुल भूमि 70 एकड़ है, जिसमें मुख्य मंदिर परिसर 2.7 एकड़ जमीन का है।
क्या अयोध्या राम मंदिर का वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है?
– राम मंदिर को सार्वजनिक दान और सरकारी फंडिंग सहित विभिन्न स्रोतों से वित्त पोषित किया जा रहा है। निर्माण की अनुमानित लागत 1800 करोड़ रुपये है।
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9. खेलो इंडिया यूथ गेम्स के छठे संस्करण का उद्घाटन किसने किया?
Who inaugurated the sixth edition of Khelo India Youth Games?
a. प्रधानमंत्री
b. राष्ट्रपति
c. गृह मंत्री
d. खेल मंत्री
Answer: a. प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी)
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनवरी 2024 को चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023’ का उद्घाटन किया।
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10. छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 का शुभंकर क्या है?
What is the mascot of the 6th Khelo India Youth Games 2023?
a. एलिफैंटा
b. वीरा मंगई
c. पेंग्विन
d. ‘बिनबिन’ और ‘नीनी’
Answer: b. वीरा मंगई
वीरा मंगई के बारे में
– रानी वेलु नचियार, जिन्हें प्यार से वीरा मंगई कहा जाता है, वह एक भारतीय रानी थीं।
– वीरा मंगई ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ युद्ध छेड़ा था।
– यह शुभंकर भारतीय महिलाओं की वीरता और भावना का प्रतीक है, जो नारी शक्ति की ताकत का प्रतीक है।
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11. छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी कौन-सा राज्य कर रहा है?
Which state is hosting the 6th Khelo India Youth Games?
a. उत्तर प्रदेश
b. मध्य प्रदेश
c. तमिलनाडु
d. राजस्थान
Answer: c. तमिलनाडु
– यह खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 है जिसका आयोजन वर्ष 2024 में हो रहा है।
– राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के कार्यक्रम के लिए चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरै और तिरुचि शहरों को चुना है।
– खेलो इंडिया यूथ गेम्स 19 से 31 जनवरी 2024 तक आयोजित किए जा रहे हैं।
– यह पहली बार है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स दक्षिण भारत में आयोजित किए जा रहे हैं।
कितने एथलीट ने भाग लिया?
– खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इस संस्करण में 5600 से अधिक एथलीट ने भाग लिया है।
– जो 15 स्थानों पर 13 दिनों तक चलेगा
– जिसमें 26 खेल विधाएं (disciplines)
– 275 से अधिक कॉम्पिटिटिव इवेंट
नोट:-
– पिछले खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 (पांचवें संस्करण) का आयोजन मध्य प्रदेश में हुआ।
– कब से कब तक : 30 जनवरी से 11 फरवरी 2023
इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA)
– अध्यक्ष: पीटी उषा
– स्थापना : 1927
– मुख्यालय : नई दिल्ली
केंद्रीय युवा कल्याण और खेल मंत्री : अनुराग ठाकुर