यह 1 & 2 August 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा। इसका PDF Download Link इस पेज के लास्ट में मौजूद है। Current Affairs PDF आप इस पेज के आखिरी हिस्से से Free में डाउनलोड करें।
1. भारत के किस राज्य में मंकीपॉक्स से इंफेक्टेड मरीज की पहली मौत हुई?
a. दिल्ली
b. केरल
c. कर्नाटक
d. बिहार
Answer: b. केरल
– केरल के त्रिशूर में 30 जुलाई को 22 साल के शख्स की मौत हो गई।
– स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि युवक 21 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरत (UAE) से लौटा था।
– यूएई में जांच के दौरान उसे मंकीपॉक्स पॉजिटिव पाया गया था।
– वह अस्पताल में भर्ती था। इलाज के दौरान उसका निधन हो गया।
– केरल में दो अन्य मरीज की स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
– भारत में 2 अगस्त 2022 तक कुल 8 मरीज मंकीपॉक्स के हो चुके हैं।
– विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी भी घोषित कर दिया है।
दुनिया में मंकीपॉक्स से संक्रमित अब तक कितने लोगों की मौत हो चुकी है?
– मई के बाद से इस वायरस ने लगभग 78 देशों में 20,000 से अधिक लोगों को बीमार कर दिया है।
– हालाँकि, अधिकांश मौतें अफ्रीका में हुई हैं। कुल मिलाकर, अफ्रीका में 75 से अधिक लोगों के मारे जाने की सूचना है।
– अफ्रीका के बाहर केवल तीन मरीजों की ही मौत हुई है।
मंकीपॉक्स वायरस से मृत्यु का जोखिम कितना
– मृत्यु का जोखिम बहुत कम है
– 1 प्रतिशत से भी कम है।
– यह अनुमान भी अफ्रीका के आंकड़ों पर आधारित है।
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2. केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण की निगरानी के लिए किसके नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया?
a. डॉ वीके पॉल
b. राजेश कूथराप्पाली
c. अभिषेक उपमन्यु
d. विशिष्ट राठौर
Answer: a. डॉ वीके पॉल
– केंद्र सरकार ने नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) डॉ वीके पॉल के नेतृत्व में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण की निगरानी के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है।
– यह निर्णय जुलाई 2022 में लिया गया।
मंकीपॉक्स को गंभीरता से ले : WHO
– WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर लोगों को गंभीर रहने के निर्देश दिए हैं।
– WHO के अनुसार मंकीपॉक्स के प्रकोप को रोका जा सकता है यदि देश, समुदाय और व्यक्ति मंकीपॉक्स के जोखिमों को गंभीरता से लें।
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3. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जुलाई 2022 में किस राज्य की पुलिस को ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ से सम्मानित किया?
a. उत्तर प्रदेश
b. मध्य प्रदेश
c. बिहार
d. तमिलनाडु
Answer: d. तमिलनाडु
– उपराष्ट्रपति नायडू ने 31 जुलाई 2022 को तमिलनाडु पुलिस को ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ से सम्मानित किया।
– उन्होंने ने तमिलनाडु पुलिस के लिए ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को प्रस्तुत किया।
– यह सम्मान चेन्नई में राजारथीनम स्टेडियम में दिया गया।
– स्टालिन ने इस दौरान घोषणा की कि इस उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए बल के प्रत्येक पुलिस कर्मी को एक मेडल प्रदान किया जाएगा।
– तमिलनाडु पुलिस के लिए ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ को 19 अगस्त 2009 को ही मंजूरी दे दी गई थी।
– तमिलनाडु पुलिस प्रतिष्ठित ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ प्राप्त करने वाले देश के कुछ पुलिस बलों में से एक है।
– उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस देश की बेस्ट पुलिस है।
– उन्होंने यह भी बताया कि देश की पहली महिला कमांडो यूनिट रखने वाला तमिलनाडु पहला राज्य था।
‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’
– ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ पुरस्कार भारत की किसी भी सैन्य यूनिट को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
– इसे ‘निशान’ के नाम से भी जाना जाता है।
– जोकि एक प्रतीक होता है जिसे सभी यूनिट अधिकारियों द्वारा अपनी वर्दी के बाएं हाथ में पहना जाता है।
– इस पुरस्कार को देश के राष्ट्रपति या उप-राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।
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4. किस देश में चीन के रॉकेट का मलबा (डेब्री) जुलाई 2022 में गिरा?
a. भारत
b. फिलीपींस
c. रूस
d. अमेरिका
Answer: b. फिलीपींस
– चीन के ‘लॉन्ग मार्च 5B कैरीअर रॉकेट’ का टुकड़ा या डेब्री जुलाई 2022 में फिलीपींस में गिरा।
– फिलीपींस स्पेस एजेंसी इस डेब्री की तलाश में है।
– स्पेस एजेंसी के अनुसार यह डेब्री फिलीपींस के पलावन प्रांत के समुद्री जल में गिरा है।
– स्पेस एजेंसी ने कहा है कि वह स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
– जनता को सतर्क रहने, किसी भी संदिग्ध तैरते मलबे के संपर्क से बचने की सलाह दी है।
– इसके अलावा तुरंत स्थानीय अधिकारियों को रिपोर्ट करने के लिए एक सलाह भी जारी की है।
चीन ने क्या कहा?
– चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी ने 31 जुलाई 2022 को कहा कि ‘लॉन्ग मार्च-5बी रॉकेट’ वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद जल गया।
– चीन ने कहा इस रॉकेट का बूस्टर हिस्से को पृथ्वी पर गिरने दिया जायेगा।
– चीनी एजेंसी की घोषणा ने इस बात की कोई जानकारी नहीं दी कि बचा हुआ मलबा जमीन पर गिरा या समुद्र पर।
– फिलीपींस स्पेस एजेंसी को भी चीन से रॉकेट के मलबे के बारे में कोई सूचना नहीं मिली।
चीन को कई बार रॉकेट की अनकंट्रोल्ड रि-एंट्री को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी है
– चीन का पहला अंतरिक्ष स्टेशन, तियांगोंग -1, वर्ष 2016 में प्रशांत महासागर में क्रैश हो गया था।
– तब बीजिंग ने पुष्टि की कि उसने नियंत्रण खो दिया है।
– इसके अलावा मई 2020 में एक 18 टन का रॉकेट अनियंत्रित होकर गिर गया था।
– दोनों बार चीन को नासा की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
डेब्री की अनकंट्रोल्ड रि-एंट्री को ट्रैक करना कठिन क्यों है?
– कुछ वेरिएबल्स के कारण अनकंट्रोल्ड रि-एंट्री को ट्रैक करना मुश्किल है।
– वायुमंडलीय खिंचाव, सौर गतिविधि में बदलाव के कारण भी रि-एंट्री को ट्रैक करना कठिन होता है।
– यह वेरिएबल्स रॉकेट मलबे के रि-एंट्री टाइम और ड्रॉप क्षेत्र को सटीक रूप से ट्रैक करना मुश्किल बनाते हैं।
क्या स्पेस डेबरिस को नियंत्रित करने वाले कानून हैं?
– 1972 का स्पेस लायबिलिटी कन्वेंशन किसी अंतरिक्ष वस्तु को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में जिम्मेदारी को परिभाषित करता है।
– इस नियम के अनुसार- एक लॉन्चिंग स्टेट, पृथ्वी या विमान की सतह पर अपनी अंतरिक्ष वस्तुओं के कारण हुए नुकसान के लिए मुआवजे का भुगतान करने के लिए पूरी तरह उत्तरदायी होगा।
– इसके अलावा अंतरिक्ष में इसके दोषों के कारण क्षति के लिए भी उत्तरदायी होगा।
– यह नियम नुकसान के दावों के निपटान के लिए प्रक्रियाओं का भी प्रावधान करता है।
– हालांकि, स्पेस डेबरिस के वापस पृथ्वी पर क्रैश होने के खिलाफ कोई कानून नहीं है।
– वर्ष 1979 में, नासा के 76-टन स्काईलैब के रि-एंट्री ने ऑस्ट्रेलिया के निर्जन भागों में मलबा बिखेर दिया था, जिसके के लिए अंतरिक्ष एजेंसी पर स्थानीय सरकार द्वारा डेब्री डालने के लिए $400 का जुर्माना लगाया गया था।
– लायबिलिटी कन्वेंशन का उपयोग करने वाला एकमात्र समझौता तत्कालीन सोवियत संघ और कनाडा के बीच हुआ था।
– सोवियत संघ के सोवियत कॉसमॉस 954 का डेब्री कनाडा के बंजर क्षेत्र में गिर गया था।
– तब मलबे की सफाई के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार कनाडा को 30 लाख कैनेडियन डॉलर का भुगतान किया गया था।
स्पेस डेबरिस (अंतरिक्ष का कचरा) क्या होता है?
– स्पेस में सैटेलाइट्स, स्पेसक्राफ्ट्स और रॉकेट काफी लंबे समय तक रहते है, जब इनका समय पूरा होता है तो इनको अंतरिक्ष में छोड़ दिया जाता है या फिर नष्ट किया जाता है।
– अंतरिक्ष में इन्ही सैटेलाइट्स, स्पेसक्राफ्ट्स और रॉकेट के बचे हुए हिस्से या टुकड़ों को स्पेस डेबरिस कहा जाता है।
अंतरिक्ष में कितना कचरा
– कुल 17,011 टुकड़े।
– इसका आकार 10 सेटीमीटर से बड़ा है।
– इन टुकड़ो में से भारत के 114 ऑबजेक्ट्स हैं।
– इसके अलावा स्पेस में भारत के 103 स्पेसक्राफ्ट है।
नोट: यह आंकड़ा 4 फरवरी 2022 तक का है, जिसे अप्रैल 2022 में नासा ने जारी किया।
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5. ISSF वर्ल्डकप के मेन्स स्कीट कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय कौन बने?
a. अर्जुन बबूता
b. पार्थ मखीजा
c. शाहू तुषार माने
d. मैराज अहमद खान
Answer: d. मैराज अहमद खान
– मैराज खान ने 18 जुलाई 2022 को चांगवॉन में ISSF वर्ल्डकप मेन्स स्कीट शूटिंग कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता।
– वह इस कैटेगरी में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाने पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
– उन्होंने यह मेडल ISSF शूटिंग वर्ल्डकप चांगवॉन 2022 में जीता है।
– उन्होंने कोरिया के किम मिंसु को 37-36 से हराकर यह गोल्ड मेडल जीता।
– यह वर्ल्डकप 09-21 जुलाई के बीच चांगवॉन, कोरिया में आयोजित हुआ।
इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (ISSF):
– ISSF राइफल, पिस्टल और शॉटगन (मिट्टी लक्ष्य) विषयों में ओलंपिक शूटिंग कार्यक्रमों और कई गैर-ओलंपिक शूटिंग खेल आयोजनों का शासी निकाय है।
– 1907 में इंटरनेशनल शूटिंग यूनियन के रूप में स्थापित, और फिर 1998 में अपना नाम बदलकर, ISSF किया।
– ISSF का मुख्यालय म्यूनिख, जर्मनी में और प्रेसिडेंट: व्लादिमीर लिसिन हैं।
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6. ISSF शूटिंग वर्ल्डकप चांगवॉन 2022 में भारत ने कितने गोल्ड मेडल जीते?
a. पांच
b. चार
c. तीन
d. दो
Answer: a. पांच
– भारत ने इस वर्ल्डकप में कुल 15 मेडल जीते, जिसमें पांच गोल्ड, छह सिल्वर और चार ब्रॉन्ज शामिल है।
– यह वर्ल्डकप 09-21 जुलाई के बीच चांगवॉन, साउथ कोरिया में आयोजित हुआ।
गोल्ड विजेता
– अर्जुन बबुता (मेन्स 10 मीटर एयर राइफल)
– शाहू तुषार माने और मेहुली घोष (10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम)
– अर्जुन बाबुता, शाहू तुषार माने और पार्थ मखीजा (मेन्स 10 मीटर एयर राइफल टीम)
– ऐश्वर्या प्रताप सिंह (मेन्स 50 मीटर राइफल 3पी)
– मैराज अहमद खान (मेन्स स्कीट)
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7. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने BSNL के रिवाइवल (पुनरुद्धार) के लिए जुलाई 2022 में कितने रुपए के पैकेज को मंजूरी दी?
a. 1.64 लाख करोड़ रुपए
b. 1.70 लाख करोड़ रुपए
c. 1.84 लाख करोड़ रुपए
d. 1.91 लाख करोड़ रुपए
Answer: a. 1.64 लाख करोड़ रुपए
– भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के रिवाइवल के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 जुलाई 2022 को 1.64 लाख करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी।
– यह पैकेज अगले चार वर्ष के लिए है।
– इस पैकेज में 43,964 करोड़ रुपए का नकद हिस्सा और 1.2 लाख करोड़ रुपए गैर-नकद शामिल है।
– मंत्रिमंडल ने 2019 में भी BSNL और MTNL के रिवाइवल के लिए लगभग 70,000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी थी।
पैकेज में और क्या-क्या शामिल है?
– पैकैज में 44,993 करोड़ रुपए के 4G स्पेक्ट्रम का अलॉटमेंट शामिल है।
– 22,471 करोड़ रुपए का कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) सपोर्ट
– रुरल वायरलाइन ऑपरेशन के लिए 13,789 करोड़ रुपए की वायबिलिटी गैप फंडिंग (ग्रांट, सब्सिडी या इक्विटी)
– 40,399 करोड़ रुपए डेट स्ट्रक्चरिंग (कर्ज चुकाना) के लिए
– 33,404 करोड़ रुपए का AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू)
– AGR: दूरसंचार विभाग द्वारा दूरसंचार ऑपरेटरों से लिया जाने वाला उपयोग और लाइसेंस शुल्क।
BBNL और BSNL का विलय
– मंत्रिमंडल ने BBNL और BSNL को मर्ज करने की मंजूरी दी है।
– भारत ब्रॉडबैंड नेटर्वक लिमिटेड (BBNL) जो भारतनेट प्रोजेक्ट को लॉन्च करने वाला था, उसको BSNL के साथ मर्ज कर दिया जायेगा।
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8. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने जुलाई 2022 में देश के पहले स्वदेश निर्मित किस एयरक्राफ्ट कैरीअर को भारतीय नौसेना को सौंपा?
a. INS विक्रमादित्य
b. INS विशाल
c. विक्रांत
d. INS विराट
Answer: c. विक्रांत (IAC-1)
– कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने 28 जुलाई 2022 को भारतीय नौसेना को IAC-1 सौंपा।
– यह देश का पहला स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट कैरीअर है।
– एयरक्राफ्ट कैरीअर को भारतीय नौसेना में कमीशन करने के बाद ‘विक्रांत’ कहा जाएगा।
– इसकी कमीशनिंग स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर होने की संभावना है।
एयरक्राफ्ट कैरीअर क्या होता है?
– इसमें बहुत सारे फाइटर प्लेन और हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं।
– इसमें हवाई पट्टी होती है, जिससे फाइटर प्लेन उड़ते और उतरते हैं।
– दुश्मन के लिए यह बहुत खतरनाक होता है, क्योंकि समुद्र के साथ-साथ आसमान से भी इलाके पर नजर रहती है और दुश्मन को दूर से ही तबाह किया जा सकता है।
– नया वाला INS विक्रांत विशालकाय है।
– इसकी लागत करीब 20 हजार करोड़ रुपया है।
– लंबाई 860 फीट, चौड़ाई 203 फीट है।
– इसका डेक ढ़ाई एकड़ बड़ा है। मतलब 1,10,000 स्क्वायर फीट।
– इसमें टरबाइन है, जो एक लाख 10 हजार हॉर्स पावर की ताकत देते हैं।
– इसमें 30 फाइटर प्लेन तैनात होंगे।
– लंबी दूरी की मिसाइल भी लगेंगी।
– यह एयरक्राफ्ट कैरीअर 52 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकता है।
– एक बार में 15 हजार किलोमीटर जा सकता है।
– 1500 कर्मचारी इसमें रह सकेंगे।
विक्रांत नाम क्यों?
– यह नाम आपने पहले भी सुना होगा, तो जान लीजिए कि इससे पहले भी INS विक्रांत नाम से विशालकाय एयरक्राफ्ट कैरीअर था।
– पुराना वाला INS विक्रांत ब्रिटिश मेड (यूनाइटेड किंगडम में बना) था।
– वह वर्ष 1945 में बनकर अधूरा तैयार हुआ था। उस वक्त नाम था हरक्यूलस।
– इसके बाद वर्ष 1957 में इंडिया ने खरीद लिया था। यह भारत का पहला एयरक्राफ्ट कैरीअर था।
– इंडिया ने इसका नाम INS विक्रांत रखा। इसका शानदार इतिहास है।
पुराने INS विक्रांत का इतिहास
– 1971 के इंडिया-पाकिस्तान वॉर में INS विक्रांत ने कई जहाजों के साथ मिलकर पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) को घेरकर रखा हुआ था।
– इसने पाकिस्तान के किसी भी जहाज और सबमरीन (पनडुब्बी) पूर्वी पाकिस्तान तक पहुंचने के रास्ते बंद कर दिए थे। तो वहां की फौज को सपोर्ट मिलना एक तरह से बंद हो गया था।
– पुराने वाले INS विक्रांत को 31 जनवरी 1997 में नेवी ने डीकमीशन (रिटायर) कर दिया था।
– इसके बाद इसे मुंबई में म्यूजियम और ट्रेनिंग शिप बना दिया गया था।
– वर्ष 2001 में आम लोगों के लिए खोला गया।
– लेकिन इसके बाद वर्ष 2012 में इसकी उम्र की वजह से अनसेफ पाया गया।
– इसके बाद वर्ष 2014 में INS विक्रांत को स्क्रैपिंग के लिए भेज दिया गया। इसे एक स्क्रैप कंपनी ने 60 करोड़ रुपए में खरीदा। बाद में इसे नष्ट कर दिया गया।
नए ‘विक्रांत’ में कौन से हथियार होंगे?
– यह कैरीअर रश्यिन-मेड मिग-29 फाइटर एयरक्राफ्ट और कामोव-31 एयर अर्ली वार्निंग हेलिकॉप्टर्स को ऑपरेट करेगा।
– MH-60R सीहॉक (मल्टीरोल हेलीकॉप्टर) और लॉकहीड मार्टिन हेलीकॉप्टर को भी ऑपरेट करेगा।
– इसमें एक इंकम्पेरेबल मिलिट्री इंस्ट्रयूमेंट भी होगा।
– इस इंस्ट्रयूमेंट में एयर इंटरडिक्शन, एंटी-सरफेस वारफेयर, एयरबोर्न एंटी-सबमरीन वारफेयर और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग शामिल हैं।
एयरक्राफ्ट कैरीअर महत्वपूर्ण क्यों?
– एक देश की समुद्री ताकत के लिए एयरक्राफ्ट कैरीअर बहुत महत्वपूर्ण होता है।
– एयरक्राफ्ट कैरीअर नौसेना के किसी डिफेंस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए काफी जरूरी होता है।
– विशेषज्ञों का मानना है कि ‘ब्लू वाटर’ नेवी कहलवाने के लिए एक एयरक्राफ्ट कैरीअर होना बहुत जरूरी होता है।
– एक एयरक्राफ्ट कैरीअर देश की नौसेना की ताकत को दर्शाता है।
– एक एयरक्राफ्ट कैरीअर बैटल ग्रुप का मुख्य जहाज होता है।
भारत के लिए क्यों जरूरी है ज्यादा एयरक्राफ्ट कैरीअर
– बड़ी वजह चीन है। चीन लगातार दुनिया में हावी होने की कोशिश कर रहा है।
– हिन्द महासागर में भी वह घुस रहा है। बांग्लादेश के साथ नौसैनिक समझौते किए हैं। उसे पनडुब्बी दे रहा है।
– मालदीव सरकार के साथ समझौते किए हैं और द्वीप भी किराए पर दे दिया है।
– खबर है कि इसका उपयोग चीन नेवी के सपोर्ट के लिए कर रहा है।
– इधर, मलक्का की खाड़ी में चाइनीज नेवी की मौजूदगी देखी जाती है।
– भारत को बड़े समुद्री इलाके में नजर रखने के लिए कई एयरक्राफ्ट कैरीअर की जरूरत है।
– एयरक्राफ्ट कैरीअर होने से आसमान से बहुत अच्छी तरह से समुद्र की निगरानी हो जाती है।
एयरक्राफ्ट कैरीअर का निर्माण भारत में होना इतनी बड़ी बात क्यों हैं?
– वर्तमान में सिर्फ पांच-छह देश है जिनके पास एयरक्राफ्ट कैरीअर को निर्माण करने की क्षमता है और अब भारत में इस समूह में शामिल हो गया है।
– ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत ने आत्मनिर्भर होकर को एक एडवांस्ड और बेहतर एयरक्राफ्ट निर्मित किया है।
– भारत के पास एयरक्राफ्ट कैरीअर पहले भी थे, लेकिन वह पूरी तरह से रूस या ब्रिटेन द्वारा निर्मित थे।
– वर्ष 2013 में भारतीय नौसेना में कमीशन हुआ INS विक्रमादित्य जोकि वर्तमान में नौसेना का एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरीअर है, रूस द्वारा निर्मित है।
– भारत के पूर्व दो कैरीअर- INS विक्रांत (1961) और INS विराट (1987) ब्रिटेन द्वारा निर्मित थे।
– भारतीय नौसेना के अनुसार INS विक्रांत में लगा 76% माल स्वदेशी है।
– इसमें 23,000 टन स्टील, 2500 किमी की इलेक्ट्रिक केबल, 150 किमी के पाइप और 2,000 वाल्व और इसके अलावा शामिल कई सामान स्वदेशी है।
– नौसेना के अनुसार INS विक्रांत की लागत लगभग 23,000 करोड़ रुपए है।
– इस लागत का लगभग 80-85% हिस्सा भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाया है।
क्या भारत और एयरक्राफ्ट कैरीअर बनाएगा?
– वर्ष 2015 से भारतीय नौसेना तीसरे एयरक्राफ्ट कैरीअर को निर्माण करने की मंजूरी मांग रही है।
– अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह भारत का दूसरा स्वदेशी विमान वाहक (IAC-2) बन जाएगा।
– इसको INS विशाल नाम दिया जायेगा और यह 65,000 टन विशाल होगा।
– यह INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य से भी बड़ा होगा।
– भारतीय नौसेना, सरकार को अभी भी इस मंजूरी के लिए मना रही है।
किस देश के पास सबसे ज्यादा एयरक्राफ्ट कैरीअर?
देश- एयरक्राफ्ट कैरीअर
अमेरिका- 11
चीन- 3
ब्रिटेन- 2
भारत के पास कितने एयरक्राफ्ट कैरीअर?
– वर्तमान में, भारत के पास केवल एक एयरक्राफ्ट कैरीअर ‘आईएनएस विक्रमादित्य’ है।
– लेकिन INS विक्रांत के कमीशन होते ही भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरीअर हो जायेंगे।
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9. सीएम ममता बनर्जी ने पंश्चिम बंगाल में कितने नए जिलों की घोषणा जुलाई 2022 में की है?
a. चार
b. पांच
c. छह
d. सात
Answer: d. सात
– पश्चिम बंगाल में 7 नए जिलों की घोषाण के बाद अब कुल संख्या 30 हो गई है।
– मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि 7 नए जिलों का नाम सुंदरबन, इछेमती, राणाघाट, बिष्णुपुर, जंगीपुर, बेहरामपुर और एक और जिले का नाम बशीरहाट में रखा जाएगा।
पश्चिम बंगाल,
– यह पूर्व में बांग्लादेश, उत्तर में नेपाल और भूटान की सीमा में है, और यह भारतीय उपमहाद्वीप के बंगाल क्षेत्र का एक हिस्सा है।
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10. विश्व फेफड़े का कैंसर दिवस (World Lung Cancer Day) कब मनाया जाता है?
a. 31 July
b. 1 August
c. 2 August
d. 3 August
Answer: b. 1 August
– फेफड़ों के कैंसर से संबंधित चुनौतियों और खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है।
– फेफड़ों का कैंसर यह हर साल लाखों लोगों की जान लेता है।
– डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2020 में, फेफड़ों के कैंसर से 1.8 मिलियन लोगों की जान गई।
फेफड़ों के कैंसर को कैसे रोकें?
धूम्रपान छोड़े।
सेकेंड हैंड स्मोकिंग से बचें।
स्वस्थ आहार बनाए रखें।
नियमित रूप से व्यायाम करें।
किसी भी तरह के जहरीले रसायनों के संपर्क में आने से बचें।