यह 18 & 19 November 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा।
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1. भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-S’ नवंबर 2022 को लॉन्च हुआ, इसे एयरोस्पेस कंपनी ने बनाया?
a. गोदरेज एयरोस्पेस
b. स्काईरूट एयरोस्पेस
c. अग्निकुल एयरोस्पेस
d. बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस
Answer: b. स्काईरूट एयरोस्पेस
– भारत का पहला निजी तौर पर डेवलप रॉकेट विक्रम-S है।
– निर्माण हैदराबाद बेस्ड कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने किया है।
– लॉन्चिंग 18 नवंबर की सुबह 11.30 बजे हुई।
– कहां से लॉन्चिंग हुई – इसरो के लॉन्च पैड, श्रीहरिकोटा, आंध्रप्रदेश
– लॉन्चिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, ISRO के अध्यक्ष S सोमनाथ उपस्थित थे।
प्रारंभ मिशन के तहत लॉन्चिंग
– स्काईरूट एयरोस्पेस ने इस मिशन का नाम ‘प्रारंभ’ दिया।
– ‘प्रारंभ’ मिशन 300 सेकंड तक चला।
– इसमें तीन कस्टमर (ग्राहक) के उपग्रह थे।
– इसमें से एक विदेशी और दो भारतीय उपग्रह थे।
– इसमें 2.5 किलोग्राम का उपग्रह भी शामिल है, जिसे कई देशों के छात्रों ने डेवलप किया।
– लगभग 81 किमी की ऊंचाई पर इन्हें इजेक्ट किया गया।
– रॉकेट लगभग 89 किमी की अधिकतम ऊंचाई तक जाने के बाद समुद्र में गिर गया।
– इस मिशन के लॉन्च करने के बाद, स्काईरूट एयरोस्पेस अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च करने वाली भारत की पहली निजी अंतरिक्ष कंपनी बन गई।
– दुनिया में कुछ ही देश हैं, जहां प्राइवेट कंपनी रॉकेट निर्माण और उसे लॉंच कर रही है। इनमें भारतीय कंपनी स्काईरूट में जुड़ गई है।
– सस्ते स्पेस लॉन्चिंग के ग्लाबल कॉंपटीशन में भारतीय कंपनी भी अब सामने है।
स्काईरूट एयरोस्पेस का उद्देश्य
– इसका उद्देश्य किफायती, विश्वसनीय और सभी के लिए नियमित अंतरिक्ष उड़ान बनाना है।
– इसका उद्देश्य कुशल उपग्रह लॉन्चिंग सेवाओं और अंतरिक्ष-उड़ान में बाधाओं को दूर करना है।
– स्काईरूट एयरोस्पेस का मकसद जो इन्होंने वेबसाइट पर दिया है उसमें लिखा है कि “अंतरिक्ष में उपग्रहों को लॉन्च करना जल्द ही कैब बुक करने जितना आसान हो जाएगा- सटीक और किफायती होगा”।
विक्रम-S रॉकेट की विशेषता
– भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देने के लिए स्काईरूट के लॉन्च व्हीकल का नाम ‘विक्रम’ रखा गया।
– विक्रम-S के इंजन का नाम कलाम-80 है, जिसका नाम पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया।
– ISRO और IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर) के सहयोग से स्काईरूट एयरोस्पेस स्टार्टअप ने विक्रम-S रॉकेट विकसित किया।
– विक्रम-S एक सिंगल-स्टेज सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है।
– विक्रम-S किसी भी लॉन्च साइट से 24 घंटों के भीतर असेम्बल और लॉन्च कर सकता है।
– इसके उपग्रह सेगमेंट में सबसे कम लागत होगी, जिससे ग्राहक को कम खर्चा लगेगा।
– नासा के अनुसार 80 किमी की उँचाई के ऊपर के स्पेस को ब्राह्य स्पेस (आउटर स्पेस) कहते है, जब कोई उड़ान इस ऊँचाई से ऊपर तक जाए और फिर वापस आ जाए।
– अगर वस्तु पृथ्वी की कक्षा में चक्कर न लगाए, तो इस उड़ान को उप-कक्षीय (सब-ऑर्बिटल) उड़ान कहते है।
स्काईरूट एयरोस्पेस
– स्काईरूट एयरोस्पेस का गठन वर्ष 2018 में हुआ।
– कंपनी का पहला लॉन्च वाहन, “विक्रम 1” है।
– मुख्यालय हैदराबाद में है।
– ISRO के साइंटिस्ट पवन कुमार चंदना और नागा भरत डका ने नौकरी छोड़कर अंतरिक्ष से जुड़ी अपनी कंपनी शुरु की।
– इसका उद्देश्य विशेष रूप से छोटे उपग्रह के बाजार को तैयार करना है।
स्पेस संबंधित कार्यों में निजी क्षेत्र की कम्पनी को सरकार क्यो प्रोमोट कर रही है
– दुनिया का पार्टिसिपेसन स्पेस की फील्ड में बढ़ा है।
– इस दौड़ में हर देश ज्यादा से ज्यादा रिसोर्स पाना चाहते है।
– हर देश चाहता है कि वह उन जगहों को सबसे पहले पाए, जिनका उपयोग मानवता के लिए किया जा सकें।
– इसी दौड़ में देश अपने निजी क्षेत्र को भी जोड़ रहा है।
– जैसे अमेरिका की नासा ने स्पेस-एक्स, ब्लू-ओरिजन को स्पेस के कार्यो में अपने साथ जोड़ा।
– भारत भी अपने निजी संस्थाओं के पार्टिशिपेशन को आगे ला रहा है।
– इसी में बड़ी अपडेट स्काईरूट एयरोस्पेस से आई है।
– इसने भारत की पहली निजी रॉकेट लान्च की।
– भारत में लगातार छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रेक्षेपित करने की माँग बढ़ रही है।
– ISRO की क्षमता से अधिक मांग है, इसीलिए निजी क्षेत्र इसमें सहयोगी होंगे।
– ISRO के पास बड़े लक्ष्य है, अगर वह इन छोटे उपग्रहों की लॉन्चिंग में लगता है तो बड़े लक्ष्य में देरी होती है।
– छोटे उपग्रह उन उपग्रहों को कहा जाता है, जो 5 से 1000 किग्रा के होते है।
– स्पेस से जुड़े भारतीय निजी क्षेत्र इसरो से सहयोग लेते है, जिससे इसरो को राजस्व भी मिल जाता है।
– ऐसे में इसरो इस राजस्व को अपने बड़े मिशन में खर्च कर सकता है। इससे सरकार पर राजस्व निर्भरता में कमी आएगी।
– इसलिए सरकार इन्हें प्रमोट और सहयोग कर रही है।
निष्कर्ष
– नए स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में आगे आएंगे।
– नए स्टार्टअप्स अंतरिक्ष क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करेंगे।
– इससे स्पेस के क्षेत्र में एक नया स्कोप बनेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
– यह भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है।
– स्थापना: 15 अगस्त 1969
– मुख्यालय: बेंगलुरु
– अध्यक्ष: S सोमनाथ
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2. पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल कौन बने?
a. गदीश मुखी
b. C V आनंद बोस
c. बिस्वा भूषण हरिचंदन
d. थावरचंद गहलोत
Answer: b. C V आनंद बोस
– भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 नवंबर 2022 को डॉ C V आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
– डॉ C V आनंद बोस पश्चिम बंगाल के 22वें राज्यपाल बने।
– C V आनंद बोस जगदीप धनखड़ की जगह लेंगे।
– जगदीप धनखड़ भारत के 14 वें उपराष्ट्रपति बन गए, जिसके बाद पश्चिम बंगाल का पद खाली हो गया।
– राष्ट्रपति ने मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन अय्यर को पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार दिया था।
डॉ C V आनंद बोस
– डॉ C V आनंद बोस रिटायर्ड IAS अधिकारी है।
– डॉ C V आनंद बोस ने केरल के मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में कार्य किया।
– वह भारत सरकार के सचिव पद पर भी रहे थे।
– डॉ C V आनंद लेखक भी है जिन्होंने अंग्रजी, मलयालम और हिंदी में उपन्यास, लघु कथाएँ, कविताएँ और निबंध लिखे है।
– इनकी लगभग 32 पुस्तकें प्रकाशित की है।
पश्चिम बंगाल
– राजधानी – कोलकता
– मुख्यमंत्री – ममता बनर्जी
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3. दुनिया में सबसे ज्यादा यूज होने वाला पासवर्ड क्या है, जो हैकर्स के लिए सबसे आसान टार्गेट है?
a. password
b. 123456
c. guest
d. a और b
Answer: d. a और b
– पासवर्ड मैनेजमेंट सर्विस कंपनी नॉर्डपास ने रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट का नाम ‘टॉप-200 मोस्ट कॉमन पासवर्ड ऑफ द ईयर 2022’ है।
दुनिया में सबसे ज्यादा यूज होने वाले टॉप-10 पासवर्ड
1. password
2. 123456
3. 123456789
4. guest
5. qwerty
6. 12345678
7. 111111
8. 12345
9. col123456
10. 123123
भारत में सबसे ज्यादा यूज होने वाले पासवर्ड
1. password
2. 123456
3. 12345678
4. bigbasket
5. 123456789
6. pass@123
7. 1234567890
8. anmol123
9. abcd1234
10. googledummy
रिपोर्ट में और क्या?
– 2021 के आंकड़ों की तुलना में, 2022 में 200 सबसे आम पासवर्डों में से 73% पुराने पासवर्ड हैं।
– इसके अलावा, इस वर्ष की सूची में 83% पासवर्ड एक सेकंड से भी कम समय में हैक किए जा सकते हैं।
– ग्लोबल सिनेरियो भी बहुत अलग नहीं है।
– ‘password’ और ‘123456’ जैसे पासवर्ड विश्व स्तर पर शीर्ष दो सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले पासवर्ड बने हुए हैं।
– साथ ही ‘guest’, ‘qwerty’, ‘iloveyou’ और ‘111111’ जैसे अन्य पासवर्ड भी हैं, जिनमें से सभी को आसानी से क्रैक किया जा सकता है।
भारत की स्थिति
– नॉर्डपास की एक नई रिपोर्ट में, भारत के शीर्ष 200 सबसे आम पासवर्ड के साथ-साथ उन्हें क्रैक करने का समय भी बताया गया।
– साथ ही 123456 जो नंबर 2 पर है और इसे क्रैक करने के लिए एक सेकंड से भी कम की आवश्यकता है।
कमजोर पासवर्ड से क्या दिक्कत?
– यूजर सोचता है कि ‘password’ या ‘123456’ जैसे कमजोर पासवर्ड का आसानी से अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
– लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि हैकर आज पासवर्ड का अनुमान नहीं लगाते हैं, वे टूल और शक्तिशाली हार्डवेयर का उपयोग करके उन्हें क्रैक करते हैं।
– पासवर्ड क्रैकिंग सॉफ़्टवेयर वर्ड्स और संख्याओं की एक सूची का उपयोग करके पासवर्ड का अनुमान लगाता है।
– साथ ही एल्गोरिदम का उपयोग कर पासवर्ड को निकाल सकता है।
हैकर से पासवर्ड कैसे बचाए?
– हैकर से बचने के लिए पहला कदम है कि आपको अपने सभी ऑनलाइन खातों के बारे में जानकारी होना चाहिए।
– वर्षों पहले के ईमेल आईडी और भूला हुआ अकाउंट आपकी डिजिटल सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकते हैं।
– अगला नियम है कि आपको मजबूत पासवर्ड रखना है।
– स्ट्रॉंग पासवर्ड केवल कैरेक्टर की संख्या के बारे में नहीं हैं।
– एक मजबूत पासवर्ड के लिए अपरकेस और लोअरकेस, अक्षरों, संख्याओं और प्रतीकों के संयोजन की आवश्यकता होगी।
– लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह रेंडम होना चाहिए, किसी पूर्व निर्धारित शब्द, वाक्यांश या पैटर्न पर आधारित नहीं होना चाहिए।
– ‘pass@123’ एक ऐसा पासवर्ड है जिसमें अक्षर, अंक और एक प्रतीक होता है, फिर भी यह वैश्विक स्तर पर 34वां सबसे आम पासवर्ड है।
– यह भारत में 6वां सबसे आम पासवर्ड है।
– रिपोर्ट के अनुसार, ‘p@ssw0rd’ एंट्री एक अन्य उदाहरण है, जो भारत के सबसे सामान्य पासवर्ड की सूची में 17वें स्थान पर है।
– लंबे, अनूठे पासवर्ड जिनका अनुमान लगाने का कोई आसान तरीका नहीं है, सबसे सटीक पासवर्ड हैं।
– सबसे मजबूत पासवर्ड वही होगा जिसे आपको वास्तव में याद रखने की जरूरत पड़े।
– इसके अलावा, जहाँ भी संभव हो, हमेशा 2FA (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) जैसी सेवाओं का उपयोग करना चाहिए।
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4. भारत में ‘खुदरा महंगाई दर’ अक्टूबर 2022 में कितनी रही?
a. 6.77%
b. 7.21%
c. 8.32%
d. 9.12%
Answer: a. 6.77%
– भारत में अक्टूबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.77% रही।
– अक्टूबर 2022 में महंगाई दर तीन महीने के निचले स्तर 6.77 % पर आ गई।
– सितंबर 2022 में यह महंगाई दर 7.41% थी।
खुदरा महंगाई की रिपोर्ट किसने जारी की?
– सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने 14 नवंबर 2022 को यह आंकड़ा जारी किया है।
महंगाई की गणना कैसे होती है?
– महंगाई की गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) से की जाती है।
– इस इंडेक्स में अलग-अलग कैटेगरी होती है।
– इस इंडेक्स की तीन मुख्य कैटेगरी- खाद्य वस्तुएं (Food Items), ईंधन और प्रकाश (Fuel & Light) और कोर सेक्टर (core) [अन्य मुख्य वस्तुएं]
– इंडेक्स में खाद्य वस्तुएं (46%), ईंधन और प्रकाश (7%) और कोर (47%) होती है।
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5. थोक महंगाई दर अक्टूबर 2022 में कितनी रही?
a. 10.1%
b. 9.51%
c. 8.39%
d. 7.21%
Answer: c. 8.39%
– वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) ने 14 नवंबर 2022 को यह आंकड़ा जारी किया।
– इस आंकड़े के अनुसार अक्टूबर 2022 में महंगाई दर 8.39% रही।
– इससे पहले सितंबर 2022 में यह महंगाई दर 10.70% रही।
– थोक महंगाई दर मार्च 2021 के बाद पहली बार दोहरे अंकों के निशान से नीचे आ गई है जब यह 7.89 प्रतिशत थी।
महंगाई दर का आंकड़ा
प्रोडक्ट : सितंबर 2022- अक्टूबर 2022
ईंधन और बिजली : 32.61% – 23.17%
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट: 6.34%- 4.42%
फूड प्रोडक्ट : 8.08%- 6.48%
प्राथमिक वस्तुएं : 11.73%- 11.04%
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6. किस राज्य ने गन कल्चर और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गानों पर रोक लगा दी?
a. उत्तर प्रदेश
b. मध्य प्रदेश
c. पंजाब
d. हरियाणा
Answer: c. पंजाब
– पंजाब सरकार ने 13 नवंबर 2022 को गन कल्चर और हिंसा को बढ़ावा देने वाले फायर आर्म्स और गीतों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गानों में हथियार दिखाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध
– हथियारों और हिंसा का महिमामंडन करने वाले गानों पर पूरी तरह से प्रतिबंध कर दिया गया है।
– सोशल मीडिया सहित हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध कर दिया गया है।
– सार्वजनिक समारोहों, धार्मिक स्थलों, विवाह समारोहों और अन्य कार्यक्रमों में हथियार ले जाने और प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया दिया गया है।
पंजाब सरकार ने ऐसा फैसला क्यों लिया?
– राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर पंजाब सरकार को विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
– राज्य में दो बड़ी घटनाएं हुईं – 4 नवंबर को शिवसेना (टकसाली) नेता सुधीर सूरी की हत्या और 10 नवंबर को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप सिंह की हत्या।
– इस दबाव के चलते पंजाब सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है।
पंजाब
राजधानी- चंडीगढ़
सीएम- भगवंत मान
राज्यपाल- बनवारीलाल पुरोहित
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7. अमेरिकी स्पेस एजेंसी, NASA के मून मिशन का नाम क्या है, जिसे 16 नवंबर 2022 को लॉन्च किया गया?
a. आर्टेमिस-1
b. लूना-9
c. दानुरी मिशन
d. चंद्रयान-1
Answer: a. आर्टेमिस-1
– अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, NASA ने 16 नवंबर 2022 को कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से आर्टेमिस-1 मिशन लॉन्च किया।
– इससे पहले 29 अगस्त और 3 सितंबर को भी लान्चिंग की कोशिशें हुई थी, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी और मौसम खराब होने के कारण लान्चिंग को टालना पड़ा था।
– 21 नवम्बर को ओरियन चंद्रमा की सतह से लगभग 96 किमी पास से गुजरेगा।
– यह चंद्रमा की ऑर्बिट में सैटेलाइट्स भी छोड़ेगा।
– इसके बाद 11 दिसंबर तक पृथ्वी पर वापस आकर प्रशांत महासागर में गिर जाएगा।
– ओरियन स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए नासा ने दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट बनाया है। इसका नाम SLS (Space Launch System) है।
SLS (Space Launch System) की खासियत
– स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है।
– इसके दोनों तरफ 54 मीटर लंबे 2 सॉलिड रॉकेट बूस्टर हैं।
– इसमें 4 इंजन हैं।
– यह लगभग 61 हजार किमी/घंटे की रफ्तार से ओरियन स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजेगा।
– इसमें लगभग 24 लाख लीटर लिक्विड हाइड्रोजन और 89 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन भरी है।
– SLS रॉकेट को बनाने में 1.35 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
– इसकी ऊंचाई 322 फीट है।
आर्टेमिस मिशन
– अमेरिका ने 53 वर्ष बाद एक बार फिर आर्टेमिस मिशन से इंसानों को चांद पर भेजने की तैयारी की।
– इसे तीन चरणों में किया जाएगा।
– आर्टेमिस-1, आर्टेमिस-2, आर्टेमिस-3
आर्टेमिस-1
– इसे 16 नवंबर 2022 को लॉन्च किया गया।
– रॉकेट चंद्रमा के ऑर्बिट तक जाएगा।
– छोटे सैटेलाइट्स को छोड़ेगा।
– बाद में खुद ऑर्बिट में ही स्थापित हो जाएगा।
– आर्टेमिस-1 मेन मिशन के लिए टेस्ट फ्लाइट है।
– इससे वैज्ञानिक चांद पर एस्ट्रोनॉट्स के लिए अनुकूल हालात को चेक करेंगे है।
– इस मिशन से नासा का ‘स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) मेगारॉकेट’ और ‘ओरियन क्रू कैप्सूल’ चंद्रमा पर पहुंचेगा।
– नॉर्मली क्रू कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स रहते है।
– इस बार यह खाली रहेगा।
– मिशन लगभग 25 दिन का होगा।
– उसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा।
आर्टेमिस-2
– इसे वर्ष 2024 में लॉन्च किया जाएगा।
– इसमें कुछ एस्ट्रोनॉट्स जाएंगे।
– लेकिन वे चांद पर नहीं उतरेंगे।
– वे सिर्फ चांद के ऑर्बिट में घूमकर वापस आ जाएंगे।
आर्टेमिस-3
– इस मिशन को वर्ष 2025 या वर्ष 2026 में लॉन्च किया जाएगा।
– इसमें एस्ट्रोनॉट्स चांद पर उतरेंगे।
– पहली बार महिलाएं ह्यूमन मून मिशन का हिस्सा बनेंगी।
– एस्ट्रोनॉट्स चांद के साउथ पोल में मौजूद पानी और बर्फ पर रिसर्च करेंगे।
आर्टेमिस मिशन से NASA का लक्ष्य
– NASA का पहला चांद मिशन अपोलो था जिसमें उसका लक्ष्य चांद पर पहले पहुंचना था।
– उस समय रूस (सोवियत संघ) सबसे बड़ा कॉम्पटीशन था।
– लेकिन इस बार NASA का लक्ष्य रिसर्च के लिए कॉम्पटीशन है।
– NASA पृथ्वी के बाहर स्थित चीजों की स्टडी करना चाहता है।
– NASA के वैज्ञानिक चांद पर जाकर वहां की बर्फ और मिट्टी से ईंधन, खाना और इमारतें बनाने की कोशिश करना चाहते है।
चांद से मंगल पर मिशन भेजने की तैयारी
– यह भी प्लान है कि मंगल ग्रह सहित अन्य ग्रह पर मिशन भेजने का काम चांद से किया जाए।
– ताकि इससे बहुत सारी लागत और समय बच सके।
– इसके लिए ज्यादा लोग चांद पर रहेंगे, तो सेलुलर नेटवर्क की भी जरूरत होगी।
– सेलुलर नेटवर्क के लिए सेलुलर नेटवर्किंग कंपनी नोकिया और टेक्सास बेस्ड प्राइवेट स्पेस क्राफ्ट डिजाइन कंपनी साथ मिलकर काम कर रही है।
– टेक्सास बेस्ड प्राइवेट स्पेस क्राफ्ट डिजाइन कंपनी जरूरी इक्यूपमेंट्स को चांद तक पहुंचाएगी।
– और नोकिया चंद्रमा पर 4G/LTE कम्युनिकेशन सिस्टम स्थापित करेगी।
– लेकिन यह नेटवर्क 5G पर अपग्रेडेबल होगा।
– यह सिस्टम चांद पर सेलुलर नेटवर्क, अंतरिक्ष यात्रियों को आवाज और वीडियो कम्युनिकेशन की सुविधाएं देगा।
– साथ ही टेलीमेट्री और बायोमेट्रिक डेटा एक्सचेंज और रोवर्स और अन्य रोबोटिक डिवाइसेस को तैनात और रिमोटली कंट्रोल की भी अनुमति देगा।
– नासा ने अपने कॉन्ट्रैक्ट अवार्ड अनाउंसमेंट में बताया कि यह सिस्टम चंद्रमा की सतह पर लंबी दूरी के कम्युनिकेशन को सपोर्ट कर सकता है।
चीन और रूस की मिलकर चांद पर रिसर्च स्टेशन बनाने की योजना
– चीन की अंतरिक्ष एजेंसी और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी भी Lunar Research Station का निर्माण चांद की सतह या उसके ऑर्बिट में करेंगी।
– इसमें दूसरे देश भी शामिल हो सकेंगे। संभव है कि ईरान, तुर्की, पाकिस्तान जैसे देश इसमें शामिल हों।
– चांद पर मिनरल का खजाना है, और इसे अंतरिक्ष की दुनिया में बेस स्टेशन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, इसलिए वहां जाने की नई होड़ शुरू हुई है।
मिशन का नाम आर्टेमिस क्यों रखा गया
– नासा के पहले ह्यूमन मून मिशन का नाम अपोलो था।
– ग्रीक माइथोलॉजी में अपोलो और आर्टेमिस जुड़वा भाई-बहन हैं।
– अपोलो को सूर्य का देवता माना जाता है।
– आर्टेमिस को चंद्रमा की देवी कहा जाता है।
– इसीलिए अपोलो के बाद मिशन का नाम आर्टेमिस रखा गया।
पहले मून मिशन
– पहला अपोलो-11 मिशन, जिससे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर गए।
– नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एड्रिन जूनियर चांद पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे।
– अपोलो-11 मिशन 16 जुलाई 1969 को लॉन्च हुआ।
इसरो का मून एक्सप्लोरेशन मिशन
– चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था।
– चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था।
– भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान -3 की घोषणा की, जिसमें एक लैंडर और एक रोवर शामिल होगा।
NASA (National Aeronautics and Space Administration)
– स्थापना – 1958
– मुख्यालय – वाशिंगटन D
– प्रशासक – बिल नेल्सन
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8. पहली बार किस भारतीय प्राइवेट कम्पनी को आर्टिलरी प्लेटफॉर्म (तोप) के लिए $155.5 मिलियन का निर्यात (Export) ऑर्डर मिला?
a. कीनेको स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स
b. महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स
c. कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स
d. अदानी एयरो डिफेंस सिस्टम्स
Answer: c. कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स
– कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स ने आर्टिलरी प्लेटफॉर्म के लिए $155.5 मिलियन (लगभग 1265 करोड़ रुपये) का निर्यात ऑर्डर हासिल किया।
– इसकी घोषणा 9 नवंबर को हुई।
– आर्टिलरी प्लेटफॉर्म एक प्रकार की गन सिस्टम (तोप) है।
– कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स आर्टिलरी गन सिस्टम को डेवलप करने के लिए DRDO के साथ काम कर रही है।
– डील के अनुसार, ऑर्डर को तीन वर्ष की अवधि में पूरा करना है।
– किस देश के साथ डील हुई है इसके बारे में कंपनी ने कुछ नहीं बताया।
– इतना बताया कि जिनसे डील हुई है उनके भारत के साथ रिस्ते अच्छे है।
– यह रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित प्रोडक्ट्स को प्रोमोट करेगा।
– कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड, भारत फोर्ज कंपनी की एक सब्सिडियरी कंपनी है
भारत फोर्ज क्या-क्या डेवलप करता है-
– आर्टिलरी गन
– बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों
– संरक्षित वाहनों
– गोला-बारूद
– रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स
– छोटे हथियारों के लिए सिस्टम
– भारत फोर्ज लिमिटेड ने भारतीय नौसेना के उपयोग के लिए लिथियम-आयन बैटरी प्रणाली विकसित करके अहम भूमिका निभाई।
– इस प्रणाली को डेवलप करने के लिए भारत फोर्ज लिमिटेड ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी प्रमुख जनरल एटॉमिक्स (US technology major General Atomics) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए।
आर्टिलरी गन सिस्टम
– ATAGS (एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम) परियोजना की शुरुआत वर्ष 2013 में DRDO ने की।
– इसकी शुरुआत भारतीय सेना के पुराने तोपों को आधुनिक 155 mm. आर्टिलरी गन से बदलने के लिये की गई।
– इसे 26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस परेड पर लोगों के सामने दिखाया गया था।
– इसकी रेंज लगभग 41 किलोमीटर है।
– ये 50 सेकेंड में 6 राउण्ड फायर कर सकता है।
– यह सबसे लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम स्वदेशी गन सिस्टम है।
– इसका वजन 18 टन है।
– भारतीय आर्मी इस आर्टिलरी गन सिस्टम का उपयोग नहीं करती है।
– भविष्य में भारत की आर्मी भी इसका ऑर्डर दे सकती है।
– भारतीय आर्मी वर्ष 2025-27 तक 3000 से 3600, 155mm (मिलिमीटर) गन सिस्टम को शामिल करेगी।
भारत सरकार के रक्षा निर्माण के लक्ष्य
– वर्ष 2022 तक रक्षा मंत्रालय का रक्षा निर्माण $12 बिलियन है।
– वर्ष 2025 तक रक्षा निर्माण में $22 बिलियन के कारोबार का लक्ष्य रखा है।
– वर्ष 2027 तक रक्षा निर्माण में $25 बिलियन के कारोबार का लक्ष्य रखा है।
– मंत्रालय ने वर्ष 2027 तक $5 बिलियन के सैन्य निर्यात का लक्ष्य रखा।
– फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइल और अर्मेनिया ने पिनाक मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर का ऑर्डर भारत को दिया।
– भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए, 411 अलग-अलग वैपन सिस्टम को वर्ष 2020 से 2022 तक बैन किया।
– जरूरत को देखते हुए निजी और सरकारी कंपनियाँ, इन्हें भारत में बनाए।
भारत के रक्षा निर्यात
– वर्ष 2021-22 में भारत ने लगभग 13,000 करोड़ का रक्षा निर्यात किया।
– वर्ष 2022-23 में पहले छह महीने में लगभग 8,000 करोड़ का रक्षा निर्यात किया।
– रक्षा निर्यात के लिए भारत सरकार की स्वीकृति भी चाहिए होती है।
– इस प्रक्रिया को भारत सरकार ने आसान बनाया है, जिससे निजी कंपनी की भागीदारी बढ़े।
कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स
– स्थापना – 1961
– संस्थापक – नीलकंठराव कल्याणी
– मुख्यालय – पुणे
– अध्यक्ष – बाबा कल्याणी
DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन)
– स्थापना – 1958
– मुख्यालय – नई दिल्ली
– अध्यक्ष – डॉ समीर वी. कामत
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9. ऊदा देवी पासी की पुण्यतिथि कब मनाई जाती है?
a. 15 नवंबर
b. 16 नवंबर
c. 17 नवंबर
d. 18 नवंबर
Answer: b. 16 नवंबर
– उदा देवी पासी की जयंती 16 नवंबर को मनाई जाती है।
– इस बार 16 नवंबर 2022 को पासी समुदाय की स्वतंत्रता सेनानी ऊदा देवी की शहादत की याद में लखनऊ के सिकंदर बाग सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
– इस दिन यूपी के साथ-साथ मध्य प्रदेश, बंगाल और बिहार के दलित पुरुष और महिलाएं ऊदा देवी को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए।
उदा देवी पासी के बारे में
– उजीराव, लखनऊ में जन्मी, वह अवध की बेगम हजरत महल के शाही रक्षक का हिस्सा थीं।
– उनके पति, मक्का पासी, अवध के नवाब वाजिद अली शाह की सेना में पैदल सैनिक के रूप में काम करते थे।
– ऊदा देवी पासी एक भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं।
– उन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ भारतीय सैनिकों की ओर से युद्ध में भाग लिया था।
– 16 नवंबर, 1857 को गोमती नदी के पास तैनात ब्रिटिश रेजिमेंट से भिड़ने वाले सैनिकों में ऊदा देवी भी थीं।
– हालाँकि इतिहास में लड़ाई का अधिक दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है।
– लेकिन कहा जाता है कि ऊदा देवी ने एक पेड़ के ऊपर से कम से कम तीन दर्जन ब्रिटिश सैनिकों को मार डाला था।
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10. राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (National Epilepsy Day) कब मनाया जाता है?
a. 15नवंबर
b. 16 नवंबर
c. 17 नवंबर
d. 18 नवंबर
Answer: c. 17 नवंबर
– एपिलेप्सी फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने भारत में मिर्गी रोग को कम करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में राष्ट्रीय मिर्गी दिवस की स्थापना की थी।
– राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी।
– विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया में 50 मिलियन मिर्गी के रोगी है।
– भारत में लगभग 10 मिलियन लोग मिर्गी रोग से प्रभावित है।
– हर वर्ष फरवरी के दूसरे सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (IED) मनाया जाता है।
– वर्ष 2022 में, 14 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया गया।
मिर्गी क्या है?
– इस विकार में मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो जाती है।
– इसमें दौरे पड़ते है।
– असामान्य व्यवहार और संवेदनाएं कम हो जाती है।
– कोई भी व्यक्ति मिर्गी से ग्रसित हो सकता है, परंतु यह छोटे बच्चों और वयस्कों तथा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक देखा जाता है।
मिर्गी के प्रमुख लक्षण
– स्वाद, गंध, दृष्टि, सुनने या स्पर्श में परिवर्तन
– चक्कर आना
– अंगों में कंपन
– घूरना
– एक ही काम को बार-बार करना
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11. स्लोवेनिया के राष्ट्रपति का चुनाव पहली बार किस महिला ने जीता?
a. एंज लोगर
b. नतासा पर्क मूसर
c. जुजाना कापुटोवा
d. इवेटा रेडिकोवा
Answer: b. नतासा पर्क मूसर
– नतासा पर्क मूसर ने 13 नवंबर को स्लोवेनिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता।
– नतासा पर्क मूसर ने राष्ट्रपति का चुनाव निर्दलीय लड़ा।
– हालांकि उन्हें मध्यममार्गी-वाम (centre-left) सरकार का सहयोग प्राप्त था।
नतासा पर्क मूसर
– नतासा पर्क मूसर का जन्म 9 मई 1968 को हुआ था।
– वह एक वकील और पुस्तक लेखक हैं।
– वह राष्ट्रपति बोरूट पहोर का स्थान लेंगी।
स्लोवेनिया
– स्लोवेनिया एक यूरोपीय देश है।
– राजधानी – जुब्लजाना
– मुद्रा – यूरो