यह 15 & 16 October 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा।
PDF Download : Click here
1. इसरो (ISRO) पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) जैसे ऑपरेशनल सिस्टम को बदलने के लिए किस नए लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) को विकसित कर रहा है?
a. MSLV
b. BGLV
c. NGLV
d. SGLV
Answer: c. NGLV
– NGLV : नेक्स्ट-जनरेशन लॉन्च व्हीकल
– इस बात की जानकारी इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 13 अक्टूबर 2022 को दी।
इसरो को नए लॉन्च व्हीकल के विकल्प की जरूरत क्यों पड़ी?
– स्पेस इंडस्ट्री में पिछले कुछ वर्षो में स्पेसएक्स, प्लेनेट लैब्स, कीमेटा और एस्ट्रोस्केल जैसी प्राइवेट कंपनियों का आगमन हुआ है।
– यह कंपनियां बेहद सस्ते दामों में सैटेलाइट और स्पेस संबंधित एक्टिविटी कर रही हैं।
– ऐसे में यह सस्ते विकल्प इसरो के कमर्शियल एक्टिविटी में चुनौती पैदा कर रहे है।
– आमतौर पर इसरो लॉन्च व्हीकल (PSLV) से दुनियाभर के बहुत सारे कस्टमर के सेटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित करता रहा है।
– लेकिन अब इसरो को इन नयी स्पेस कंपनियों के मुकाबले सस्ते विकल्पों की जरूरत है।
– ताकि इसरो कमर्शियल इंडस्ट्री में अपनी धाक जमा सके।
भारत के पास कितने तरह के लॉन्च व्हीकल
– स्पेसक्राफ्ट को स्पेस में ले जाने के लिए लॉन्च व्हीकल का उपयोग किया जाता है।
– PSLV (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) और GSLV (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल)
– दोनों के कई वेरिएंट (प्रकार) हैं।
– GSLV में PSLV की तुलना में पृथ्वी के ऑर्बिट में भारी पेलोड डालने की क्षमता है।
– PSLV 1750 किलो वजन के उपग्रहों को अंतरिक्ष में 600 किमी की ऊंचाई तक पहुंचा सकता है।
– जबकि GSLV 5,000 किलोग्राम तक वजन अंतरिक्ष में 36,000 किमी तक पहुंच सकता है।
– GSLV की तुलना में PSLV कम खर्चीला है।
इसरो को नए लॉन्च व्हीकल के विकल्प की जरूरत क्यों पड़ी?
– स्पेस इंडस्ट्री में पिछले कुछ वर्षो में स्पेसएक्स, प्लेनेट लैब्स, कीमेटा और एस्ट्रोस्केल जैसी प्राइवेट कंपनियों का आगमन हुआ है।
– यह कंपनियां बेहद सस्ते दामों में सैटेलाइट और स्पेस संबंधित एक्टिविटी कर रही हैं।
– ऐसे में यह सस्ते विकल्प इसरो के कमर्शियल एक्टिविटी में चुनौती पैदा कर रहे है।
– आमतौर पर इसरो लॉन्च व्हीकल (PSLV) से दुनियाभर के बहुत सारे कस्टमर के सेटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित करता रहा है।
– लेकिन अब इसरो को इन नयी स्पेस कंपनियों के मुकाबले सस्ते विकल्पों की जरूरत है।
– ताकि इसरो कमर्शियल इंडस्ट्री में अपनी धाक जमा सके।
नेक्स्ट-जनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV)
– NGLV का डिजाइन बिल्कुल साधारण होगा।
– इसरो NGLV के लिये जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में दस टन की पेलोड क्षमता वाले थ्री-स्टेज ऑर्बिट हेवी-लिफ्ट व्हीकल के निर्माण पर काम कर रहा है।
– लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में पेलोड की क्षमता दोगुनी होगी।
– NGLV में बूस्टर स्टेज के लिए सेमी-क्रायोजेनिक प्रोपल्शन (रीफाइंड कैरोसीन तेल तरल ऑक्सीजन के साथ ईंधन के रूप में (ऑक्सिडाइजर के रूप में) होगा।
NGLV का उपयोग
– NGLV का संभावित उपयोग कम्युनिकेशन सेटेलाइट्स, डीप स्पेस मिशन, फ्यूचर ह्यूमन स्पेसफ्लाइट और कार्गो मिशन लॉन्च करने के क्षेत्रों में होगा।
PSLV का भविष्य
– इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ के अनुसार PSLV को एक दिन रिटायर तो होना ही पड़ेगा।
– लेकिन इसे तब तक संचालित किया जाएगा जब तक इसकी कमर्शियल डिमांड है।
PSLV के बारे में
– PSLV भारत का थर्ड जनरेशन लॉन्च व्हीकल है।
– PSLV का इस्तेमाल सबसे पहले वर्ष 1994 में हुआ था।
– अब तक PSLV ने 36 देशों के कम से कम 345 विदेशी उपग्रहों को लॉन्च किया है।
– इसकी सबसे चर्चित उड़ान 2017 PSLV-C37 मिशन है जिसने 104 उपग्रहों को ऑर्बिट में भेजा। (इनमें से 101 विदेशी वाणिज्यिक उपग्रह थे)।
– उस वक्त यह रिकॉर्ड बना था, जिसे बाद में स्पेस एक्स ने तोड़ दिया।
अक्टूबर में पहली बार होगा GSLV मार्क 3 का कॉमर्शियल यूज
– भारत के सबसे ताकतवर रॉकेट GSLV मार्क 3 का कॉमर्शियल यूज, पहली बार 23 अक्टूबर 2022 को होगा।
– इस दिन ‘वन वेब कम्यूनिकेशन’ कंपनी के 36 सेटेलाइट एक साथ अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।
– इससे पहले तक इसरो, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए उपयोग करता रहा है।
– मुख्य रूप से इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम (INSAT) को लॉंच करने के लिए बनाया गया था। INSAT सेटेलाइट से हम टेलीकम्युनिकेशन, ब्रॉडकास्टिंग, मीटीअरालजी (मौसम विज्ञान) के लिए उपयोग करते हैं।
– चंद्रयान-2 को वर्ष 2019 में इसी रॉकेट से लॉंच किया गया था।
इसरो
चेयरमैन : एस सोमनाथ
मुख्यालय : बेंगलुरू
स्थापना : 15 August 1969 (53 वर्ष पहले)
वर्तमान लॉन्च स्टेशन : 2
– थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन (TERLS), तिरुवनंतपुरम, केरल
– सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश
नया लॉन्च सेंटर बनेगा : कुलशेखरपट्टनम लॉन्चिंग स्टेशन, कुलशेखरपट्टनम, तमिलनाडु
————–
2. जेल के अंदर कैदी को जीवनसाथी के साथ एकांत में मिलने की सुविधा (कॉन्ज्यूगल विजिट) [दाम्पत्य मिलन] देने वाला पहला राज्य कौन बना?
a. गोवा
b. पंजाब
c. केरल
d. पश्चिम बंगाल
Answer: b. पंजाब
– पंजाब के लुधियाना सेंट्रल जेल ने 03 अक्टूबर 2022 को जेल के अंदर कैदी को जीवनसाथी के साथ एकांत में मिलने की सुविधा (कॉन्ज्यूगल विजिट) [दाम्पत्य मिलन] शुरु की।
– इस सुविधा में उन्हें एक अलग कमरे में अपने जीवनसाथी के साथ दो घंटा समय बिताने दिया जायेगा।
– तीन महीने में एक बार अपने जीवन साथी के साथ दो घंटा बिताने का मौका मिलेगा।
– इस सुविधा को पाने के लिए जेल के कैदियों को जेल अधिकारियों के साथ एक फॉर्म भरना होगा है।
– इसके बाद इस फॉर्म को वेरीफाई किया जाएगा।
– बाद में आवेदन को एप्रूवल मिलने पर कॉन्ज्यूगल विजिट की व्यवस्था की जाएगी।
– इसके अलावा जेल के चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा एचआईवी और अन्य जरूरी मेडिकल टेस्ट और ट्रीटमेंट भी की जाएगी।
यह सुविधा क्यों शुरू की गई?
– पुनर्वास सुनिश्चित करने, कैदियों के वैवाहिक बंधन को मजबूत करने और जेल के नेगेटिव इफेक्ट को खत्म करने के उद्देश्य से इस सुविधा को शुरू किया गया है।
– ताकि जेल को एक सुधार-गृह के रूप में देखा जा सके।
किस तरह के कैदियों यह सुविधा दी जाएगी?
– यह सुविधा केवल उन्हीं कैदियों को दी जाएगी, जो जेल में अच्छा आचरण करेंगे और अपने कैद के दौरान सभी नियमों का पालन करेंगे।
किस तरह के कैदियों यह सुविधा नहीं मिलेगी?
– कट्टर अपराधियों, गैंगस्टरों, उच्च जोखिम वाले कैदियों और यौन संबंधी अपराधों और दहेज के मामलों में शामिल कैदियों को इस सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सुविधा में क्या है?
– कैदी और उसकी पत्नी को एक अलग कमरा दिया जायेगा।
– दो घंटे मिलने की इजाजत।
– शारीरिक संपर्क (मतलब बीच में शीशे की दीवार नहीं होगी) की इजाज़त होगी।
– यौन संबंध बनाने की इजाजत होगी।
– मुलाकात के दौरान जोड़ों को कंडोम भी मुहैया कराया जायेगा।
– मुलाकात के दौरान अगर उन्हें कोई जरूरत महसूस हुई, तो वहाँ कमरे में लगी बेल बजा सकते हैं।
किन देशों में इस तरह की सुविधा?
– अमेरिका, फिलीपींस, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, फ्रांस समेत कई देशों में कैदियों को इस तरह की सुविधा दी जाती है।
पंजाब
राजधानी- चंडीगढ़
सीएम- भगवंत मान
राज्यपाल- बनवारीलाल पुरोहित
—————
3. मेडिकल की पढाई को हिन्दी में शुरू करने वाला पहला राज्य कौन बना?
a. उत्तर प्रदेश
b. मध्य प्रदेश
c. उत्तराखण्ड
d. हिमाचल प्रदेश
Answer: b. मध्य प्रदेश
– अमित शाह ने 16 अक्टूबर को भोपाल से उद्घाटन किया।
– इस प्रोजेक्ट में 97 डॉक्टर्स ने मिलकर काम को अंजाम दिया
– इस काम के लिए, भोपाल के सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज में एक वॉर रूम बनाया गया।
– इसका नाम मंदार रखा गया।
कैसे लागू किया जाएगा?
– इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले MBBS के पहले वर्ष के तीन विषयों को हिन्दी माध्यम में किया जाएगा-
एनाटॉमी
फिजियोलॉजी
बायोकेमिस्ट्री
– धीरे-धीरे आगे के वर्षों में इसे अन्य विषयों में लागू किया जाएगा।
– तकनीकी शब्दों में कोई बदलाव नहीं किया गया।
– बस तकनीकी शब्दों को देवनागरी में लिखा गया।
जैसे – स्पाइनल कॉर्ड को मेरूदंड नहीं, स्पाइनल कॉर्ड ही लिखा गया।
इससे किसको फायदा होगा?
– मेडिकल पढ़ाई को ग्रामीण क्षेत्रों और हिन्दी मीडियम से पढ़ने वाले छात्रों के लिए आसान करने की कोशिश की गई।
– इस कदम से अन्य राज्यों को एक दिशा मिलेगी, जिससे वह अपने राज्य में स्थानीय भाषा में पढ़ाई के लिए कदम उठा सकेंगे।
– छात्रों का कहना कि हिन्दी भाषा में पढ़ने वाले डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में काम करते समय अपनी बात को आसानी से मरीजों को समझा पाएंगे।
इससे क्या नुकसान हो सकता हैं?
– छात्रों का कहना है कि अगर छात्र अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद प्रैक्टिस दूसरे देशों में जाकर करता है तो दिक्कत आ सकती है।
मध्य प्रदेश
राजधानी – भोपाल
मुख्यमंत्री – शिवराज सिंह चौहान
राज्यपाल – मंगूभाई छगनभाई पटेल
—————
4. वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) की ‘लिविंग प्लैनेट’ रिपोर्ट (LPR) 2022 के अनुसार वर्ष 1970 से 2018 के बीच दुनियाभर में वन्यजीवों की आबादी में कितनी गिरावट दर्ज की गई?
a. 80%
b. 75%
c. 69%
d. 52%
Answer: c. 69%
– वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) ने 13 अक्टूबर 2022 को ‘लिविंग प्लैनेट’ रिपोर्ट (LPR) 2022 रिलीज की।
– रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1970 से 2018 तक पिछले 50 वर्षों में दुनिया भर में स्तनधारियों, पक्षियों, उभयचरों, सरीसृपों (reptiles) और मछलियों की वन्यजीव आबादी में 69% की गिरावट दर्ज की गई है।
– यह रिपोर्ट कुल 5,230 नस्लों की लगभग 32,000 आबादी पर केंद्रित है।
– रिपोर्ट में उपलब्ध कराए गए लिविंग प्लैनेट इंडेक्स (LPI) के अनुसार उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (ट्रॉपिकल रीजन) के भीतर वन्यजीवों की आबादी काफी तेजी से घट रही है।
किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली?
– ग्लोबल लेवल पर लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में वन्यजीवों की आबादी में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
– 50 वर्षों में यहां औसतन 94 प्रतिशत की गिरावट आई है।
– अफ्रीका में वन्यजीवों की आबादी में 66% और एशिया प्रशांत में 55% की गिरावट आई है।
– अन्य प्रजातियों के समूहों की तुलना में ताजे पानी में रहने वाली आबादी में औसतन 83% की गिरावट आई है।
किस तरह की प्रजाति के विलुप्त होने का खतरा?
– IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) रेड लिस्ट के अनुसार साइकैड की आबादी पर सबसे ज्यादा खतरा है।
– जबकि कोरल सबसे तेजी से घट रहे हैं, इसके बाद उभयचर भी तेजी से घट रहे हैं।
वन्यजीवों की आबादी में गिरावट होने का कारण क्या है?
– रिपोर्ट में कहा गया है कि वन्यजीवों की आबादी में गिरावट के मुख्य कारण पर्यावास क्षति (हैबिटैट डिग्रेडेशन), शोषण, आक्रामक प्रजातियों की शुरुआत, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और रोग हैं।
– पर्यावास की हानि और प्रवास के मार्ग में आने वाली बाधाओं से प्रवासी मछली की प्रजातियां खतरे में है।
‘लिविंग प्लैनेट’ रिपोर्ट (LPR) 2022
– यह एक द्विवार्षिक रिपोर्ट है।
– इसको वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) द्वारा पब्लिश किया जाता है।
– यह रिपोर्ट दुनियाभर की प्रजातियों की आबादी के बारे में बताती है।
————–
5. NASA (नासा) ने स्पेसक्राफ्ट को एस्टेरॉयड से टकराकर इसका रास्ता बदल, पृथ्वी को बचाने का पहला सफल परीक्षण किया, इस मिशन का नाम बताएं?
a. Our
b. Dart
c. Soft
d. Hard
Answer: b. Dart (डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट)
– दुनिया में पहली बार नासा ने पहली बार 27 सितंबर 2022 को ‘प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट’ किया था।
– अभियान (मिशन) का नाम – “डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट” (Dart Mission)
– इसके तहत स्पेसक्राफ्ट से एस्टेरॉयड को टक्कर मारकर उसकी दिशा बदलने की कोशिश की गई।
– अब 11 अक्टूबर 2022 को नासा ने बताया है कि डार्ट मिशन, डिमोरफोस नामक एस्टेरॉयड का रास्ता बदलने में सफल रहा।
– यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से लाखों मील दूर पर है।
पृथ्वी से कितनी दूरी पर टक्कर हुई
– करीब 11 मिलियन (1.10 करोड़) किलामीटर दूर।
– स्पेसक्राफ्ट को एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) डिडिमोस के चंद्रमा जैसे पत्थर डिमोरफोस से टकराया गया।
– यह टक्कर 24 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हुई
– यह पृथ्वी से सबसे नजदीक एस्टेरॉयड है, जो सूर्य की परिक्रमा कर रहा है।
– हालांकि इस एस्टेरॉयड से पृथ्वी को खतरा नहीं था।
– ‘प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट’ के जरिए नासा ने कोशिश की है कि एस्टेरॉयड की दिशा को बदला जाए।
टक्कर से क्या असर हुआ?
– डार्ट मिशन ने एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) डिडिमोस के चंद्रमा जैसे पत्थर डिमोरफोस के 11 घंटे 55 मिनट की कक्षा को 11 घंटे और 23 मिनट तक छोटा कर दिया।
– अब भविष्य में धरती के ऊपर अगर किसी तरह के एस्टेरॉयड का हमला होने की आशंका होती है, तो इस टेक्नोलॉजी से पृथ्वी को बचाया जा सकता है।
एस्टेरॉयड से कितना खतरा
– भविष्य में हमारे ग्रह को सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी चीज से है तो वो है एस्टेरॉयड।
– इसके बाद है जलवायु परिवर्तन या ग्लोबल वॉर्मिंग।
– वर्ष 2013 में, एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और रूस के ऊपर फट गया, जिससे सैकड़ों लोग घायल हो गए, और व्यापक क्षति हुई।
क्या होता है एस्टेरॉयड
– सौरमंडल में मंगल और बृहस्पति के बीच में बहुत से ऐसे खगोलीय पिंड हैं, जो अपने आकार में ग्रहों से छोटे और उल्का पिंडो से बड़े होते हैं।
– ये सौर प्रणाली के निर्माण के समय बने चट्टानी पिंड हैं!
– जिसे एस्टॉरायड कहा जाता है।
– जब कोई एस्टॉरायड सूर्य का चक्कर लगाने के बाद पृथ्वी पर गिरकर बच जाता है तो उसे उल्का पिंड कहते हैं।
– पहले एस्टॉरायड की खोज साल 1801 में खगोलशास्त्री गुइसेप पियाज़ी ने की।
– कई एस्टॉरायड (क्षुद्रग्रहों) का आकार इतना बड़ा होता है कि वे पूरी पृथ्वी को भी नष्ट कर सकते हैं।
– डायनासोर युग के अंत के लिए कहा जाता है, कि एक बहुत बड़ा एस्टेरॉयड धरती से टकराया था, जिससे पैदा हुए विस्फोट ने इन विशालकाय जानवरों का वजूद खत्म कर दिया। … इसके परिणामस्वरूप पूरी धरती ठंडी हो गई और पूरे एक दशक तक इसी स्थिति में रही। उन हालात में अधिकतर जीवों की मौत हो गई।
————–
6. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस जिले में ‘बल्क ड्रग पार्क’ की आधारशिला रखी?
a. पीलीभीत
b. पटना
c. उज्जैन
d. ऊना
Answer: d. ऊना (हिमाचल प्रदेश)
– प्रधानमंत्री ने 13 अक्टूबर 2022 को ऊना जिले के हरोली में ‘बल्क ड्रग पार्क’ की आधारशिला रखी।
– इस पार्क का लक्ष्य फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने के लिए रखा गया है।
– इसे 1900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया जाएगा।
– यह पार्क एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रेडिएन्ट्स (API) आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा।
– इसमें करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है।
– इसके अलावा 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
– यह क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
हिमाचल प्रदेश
सीएम – जयराम ठाकुर
गवर्नर – राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
राजधानी – शिमला (ग्रीष्मकालीन), धर्मशाला (शीतकालीन)
————-
7. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2022 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी (IIIT)- ऊना का उद्घाटन किया, यह किस राज्य में स्थित है?
a. हिमाचल प्रदेश
b. पंजाब
c. केरल
d. महाराष्ट्र
Answer: a. हिमाचल प्रदेश
– पीएम मोदी ने 13 अक्टूबर 2022 को हिमाचल प्रदेश के जिले ऊना में सलोह गांव में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी (IIIT)- ऊना का उद्घाटन किया।
– इस IIIT की लागत 128 करोड़ रुपए है।
– इसकी आधारशिला 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी।
– वर्तमान में, इस संस्थान में 530 से अधिक छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
—————
8. देश का पहला स्लेंडर लोरिस अभयारण्य की स्थापना को किस राज्य में अधिसूचित किया गया?
a. उत्तर प्रदेश
b. तमिलनाडु
c. केरल
d. गोवा
Answer: b. तमिलनाडु
– देश में पहला स्लेंडर लोरिस अभयारण्य (सेंक्चुरी) की स्थापना के लिए तमिलनाडु सरकार ने 12 अक्टूबर 2022 को अधिसूचित किया है।
– कडुवुर स्लेंडर लोरिस अभयारण्य तमिलनाडु के करूर और डिंडीगुल जिलों में 11,806 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
– यह वेदसंदूर, डिंडीगुल पूर्व और डिंडीगुल में नाथम तालुक और करूर में कडुवुर तालुक के क्षेत्रों को कवर करता है।
– द हिंदू के अनुसार डिंडीगुल और करूर वन भंडार के लिए 2026 तक अभयारण्य और इसके प्रबंधन के लिए कुल पांच करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
स्लेंडर लोरिस
– स्लेंडर लोरिस छोटे निशाचर स्तनधारी होते हैं।
– यह प्रकृति में वृक्षीय होते हैं क्योंकि वे अपना अधिकांश जीवन पेड़ों पर बिताते हैं।
– यह प्रजाति कृषि फसलों में कीटों को खाती है, जिससे यह किसान को लाभ पहुंचते है।
– इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा एक लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध है।
किस अधिनियम के तहत स्थापना को अधिसूचित किया गया?
– राज्य सरकार ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 26 ए(1)(बी) के तहत कडुवुर स्लेंडर लोरिस अभयारण्य की स्थापना को अधिसूचित किया।
तमिलनाडु
– राजधानी: चेन्नई
– सीएम: एम.के. स्टालिन
– राज्यपाल: आर.एन. रवि
————–
9. विश्व सफेद छड़ी दिवस 2022 (World White Cane Day) कब मनाया जाता है?
a. 13 अक्टूबर
b. 14 अक्टूबर
c. 15 अक्टूबर
d. 16 अक्टूबर
Answer: c. 15 अक्टूबर
– यह दिवस दृष्टिबाधित के लिए समर्पित हैं।
– इस दिवस का मुख्य उद्देश्य दृष्टि बाधित बच्चों में जोश और उमंग भरना है।
– इस दिवस को सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपित लिंडन बी जॉनसन ने की थी।
—————-
10. विश्व खाद्य दिवस 2022 (world Food Day) कब मनाया जाता है?
a. 13 अक्टूबर
b. 14 अक्टूबर
c. 15 अक्टूबर
d. 16 अक्टूबर
Answer: d. 16 अक्टूबर
– 1945 में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (UN FAO) के स्थापना दिवस की याद में हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।
– FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो भुखमरी की समाप्ति के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करती है।
– यह दिवस विश्व खाद्य कार्यक्रम और कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष के द्वारा मनाया जाता है।
वर्ष 2022 की थीम
– सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य (Safer food, better health)
PDF Download : Click here