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1. केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती के लिए कौन सी योजना लॉन्च की?
a. विजयपथ
b. रक्तपथ
c. अग्निपथ
d. अजयपथ
Answer: c. अग्निपथ
– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून 2022 को इस योजना की घोषणा की। इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे।
– ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भर्ती ‘शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट’ के आधार पर होगी।
– युवाओं को सिर्फ चार साल के लिए आर्म्ड फोर्स में अपनी सेवा देनी होगी।
– सेना में भर्ती होने वाले सैनिक ‘अग्निवीर’ (Agniveer) कहलायेंगे।
– इस योजना का लक्ष्य रक्षा बलों के खर्च और आयु प्रोफ़ाइल को कम करना है।
– मतलब तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करना है।
– अग्निपथ रिक्रूटमेंट स्कीम को पहले ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नाम दिया गया था।
अग्निपथ
– अग्निपथ योजना के तहत, अग्निवीरों को चार साल की अवधि के लिए आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में भर्ती होगी।
– अग्निवीरों की सशस्त्र बलों में एक अलग रैंक होगी, जो किसी भी मौजूदा रैंक से अलग होगी।
– चार वर्ष कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत रहेंगे, इसलिए इसकी पेंशन नहीं मिलेगी।
योग्यता क्या होगी?
– इसके लिए पात्रता 17.5 से 21 वर्ष के बीच होगी।
– अलग-अलग श्रेणियों में भर्ती के लिए अग्निवीरों की शैक्षिक योग्यता यथावत रहेगी।
– उदाहरण के लिए: जनरल ड्यूटी (जीडी) सैनिक में प्रवेश के लिए, शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 है।
– जबकि तकनीकि ड्यूटी के लिए ITI.
भर्ती कैसे होगी?
– तीन सेवाओं की भर्ती के लिए एक ऑनलाइन सेंट्रलाइज्ड सिस्टम होगा।
– इसके जरिए विशेष रैलियां और मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों में कैंपस इंटरव्यू होंगे।
– ‘ऑल इंडिया ऑल क्लास’ के आधार पर भर्ती होगी
सैलरी कितनी मिलेगी?
सेवा निधि पैकेज
– चार साल की कार्यावधि के पूरा होने पर, अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपये सेवा निधि पैकेज के रूप में भुगतान किया जाएगा।
– इसमें उनका योगदान और केन्द्र सरकार योगदान शामिल होगा।
– ‘सेवा निधि’ को आयकर से छूट दी जाएगी।
अग्निवीरों को और क्या मिलेगा?
– अग्निवीर तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल और इंश्योरेंस कवर पाने के हकदार रहेंगे।
– उनका 44 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर होगा।
चार वर्ष की सेवा समाप्त होने के बाद भी मिलेगा मौका
– डिफेंस फोर्स में चार साल की सेवा देने के बाद अग्निवीरों को फोर्स में परमानेंट शामिल होने के लिए अप्लाई करने का मौका मिलेगा।
– अग्निवीरों के प्रत्येक विशिष्ट बैच का 25% सशस्त्र बलों के रेगुलर कैडर में भर्ती किया जायेगा।
– लेकिन यह मौका तभी मिलेगा जब डिफेंस फोर्स में पद खाली होंगे।
– आर्म्ड फोर्स में परमानेंट पोस्ट पाने के लिए अप्लाई करने वाले अग्निवीरों की एप्लीकेशन को उनकी चार वर्ष की सेवा के आधार पर रिव्यू की जायेगा।
– चार वर्ष बाद सेना में काम करने की चाह रखने वाले सैनिकों को उनके मेरिट और मेडिकल फिटनेस के आधार पर सेलेक्ट किया जायेगा।
– जिन सैनिकों को स्थायी कैडर के लिए सेलेक्ट किया जाएगा, उन्हें 15 वर्ष का कार्यकाल पूरा करना पड़ेगा।
अग्निपथ योजना से क्या फायदा होगा?
– सशस्त्र बलों का प्रोफाइल युवा और ऊर्जावान बनाना।
– अग्निवीरों के लिए सर्वोत्तम संस्थानों में प्रशिक्षण लेने और उनके कौशल और योग्यता को बढ़ाने का अवसर।
– समाज में लौटने वालों के लिए पर्याप्त पुन: रोजगार के अवसर और जो युवाओं के लिए रोल मॉडल के रूप में उभर सकते हैं।
– सरकार पर डिफेंस बजट का बोझ घटेगा।
क्या महिलाएं भी अग्निपथ योजना के लिए अप्लाई कर सकती हैं?
– वर्तमान में महिलाओं के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है,लेकिन भविष्य में इस योजना में महिलाओं को शामिल किया जायेगा।
नोट: 4 साल बाद जब अग्निवीर सिविल में जाएगा तो उसे किस तरीके से नौकरी मिलेगी. यह सरकार नहीं समझा पाई है।
– एक बेहतर जवान को आर्मी में तैयार होने में 7-8 साल लग जाते हैं. ऐसे में जो अग्निवीर हैं जिनको 6 महीने की सिर्फ ट्रेनिंग दी जाएगी. वह कैसे बेहतर सैनिक बन पाएंगे।
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2. SIPRI की एनुअल रिपोर्ट 2022 में भारत के परमाणु हथियारों की संख्या बढ़कर कितना होने का दावा किया गया है?
a. 5,977
b. 225
c. 160
d. 165
Answer: c. 160
SIPRI (सिपरी) : Stockholm International Peace Research Institute
– यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हथियारों का डेटा जारी करता है। इसके आंकड़े दुनियाभर में विश्वसनीय माने जाते हैं।
– सिपरी का मुख्यालय
भारत में न्यूक्लियर हथियार
– वर्ष 2021 में भारत में 156 न्यूक्लियर हथियार थे। जबकि वर्ष 2022 की रिपोर्ट में यह संख्या बढ़कर 160 हो गई है।
– हालांकि भारत ने किसी भी न्यूक्लियर हथियार को तैनात नहीं किया है।
– मतलब कि न्यूक्लियर हथियारों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इन्हें तैनात नहीं किया है।
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3. SIPRI की एनुअल रिपोर्ट 2022 के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार किस देश के पास हैं?
a. अमेरिका
b. रूस
c. ब्रिटेन
d. भारत
Answer: b. रूस
– कुल 9 देशों के पास न्यूक्लियर हथियार हैं।
World nuclear forces, January 2022
किन देशों ने न्यूक्लियर हथियार तैनात किए हैं?
अमेरिका : 1744
रूस : 1,588
ब्रिटेन : 120
फ्रांस : 280
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4. कथित तौर पर एशिया के ‘सबसे लंबे दांत वाले’ हाथी का नाम बताएं, जिसका निधन जून 2022 में कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व में हो गया?
a. बिंदेश्वर
b. राजेश्वर
c. भोगेश्वर
d. मुक्तेश्वर
Answer: c. भोगेश्वर
– हाथी भोगेश्वर के दांत को एशिया का सबसे लंबा बताया जाता है।
– उनका निधन 60 वर्ष की आयु में प्राकृतिक कारणों से हो गया।
– वह कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व के गुंद्रे रेंज में मृत पाया गया।
– उसे मिस्टर काबिनी के नाम से भी जाना जाता था।
– वन विभाग के मुताबिक भोगेश्वर के दांत 2.54 मीटर और 2.34 मीटर लंबे थे।
– दोनों दांतों ने लगभग जमीन को छू लिया और घने जंगल में घूमते हुए देखना एक अद्भुत दृश्य था।
कर्नाटक
सीएम – बसवराज बोमई
गवर्नर – थावर चंद गहलोत
कर्नाटक में नेशनल पार्क-
– अंशी राष्ट्रीय उद्यान
– बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान
– बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान
– कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान
– नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान
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5. दो बार एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हरि चंद का निधन 13 जून 2022 को हो गया, वह किस खेल से जुड़े थे?
a. दौड़
b. भाला फेंक
c. तैराकी
d. लंबी कूद
Answer: a. दौड़
– हरि चंद लंबी दूरी के महान खिलाड़ी रह चुके थे।
– उनका निधन 13 जून 2022 को जालंधर में हो गया।
– उन्होंने 1978 के बैंकाक एशियाड में 5000 और 10,000 मीटर का स्वर्ण जीता और सियोल में 1975 की एशियाई चैंपियनशिप में 10,000 मीटर का खिताब भी जीता था ।
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6. भारत में ‘खुदरा महंगाई दर’ मई 2022 में कितनी रही?
a. 6.9%
b. 7.04%
c. 8.1%
d. 9.8%
Answer: b. 7.04%
पिछले तीन महीने में खुदरा महंगाई दर
– मई 2022 : 7.04 प्रतिशत
– अप्रैल 2022 : 7.8 प्रतिशत
– मार्च 2022 : 6.95 प्रतिशत
खुदरा महंगाई की रिपोर्ट किसने जारी की?
– सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने 13 जून 2022 को यह आंकड़ा जारी किया है।
RBI के लक्षित (टार्गेटेड) महंगाई दर से भी ज्यादा
– कानून के अनुसार RBI को खुदरा महंगाई दर को 4% के स्तर पर बनाए रखना आवश्यक है। यह नियम अक्टूबर 2016 में लागू हुआ था।
– लॉ में RBI के लिए महंगाई नियंत्रण के लिए कुछ गुंजाइश रखी गई है। किसी विशेष महीने में, महंगाई दर निर्धारित 4% से 2% घट या बढ़ सकती है।
– लेकिन मई 2022 में महंगाई इससे काफी ज्यादा (7.4%) रही, जो लगभग 4% के स्तर से काफी ज्यादा है।
क्या यूक्रेन-रूस विवाद के कारण भारत में महंगाई बढ़ी?
– भारत में महंगाई बढ़ने के कई कारण हैं, उनमें से एक यूक्रेन-रूस विवाद भी है।
– विवाद के कारण कच्चे तेल के बढ़ते दामों ने भी भारत में महंगाई बढ़ाई।
– ध्यान देने की बात यह भी है कि रूस-यूक्रेन विवाद फरवरी 2022 में शुरू हुआ, लेकिन भारत में महंगाई पहले से ही 6% से ऊपर रही है।
– अक्टूबर 2019 से खुदरा महंगाई उच्च स्तर पर रही है।
– तब से केवल एक बार RBI के 4% लक्षित महंगाई दर को छुआ है।
– बाकी सभी अन्य महीनों में, यह न केवल 4% से अधिक रहा है बल्कि नियमित रूप से 6% के अधिक स्तर से ऊपर रहा।
महंगाई की गणना कैसे होती है?
– महंगाई की गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) से की जाती है।
– इस इंडेक्स में अलग-अलग कैटेगरी होती है।
– इस इंडेक्स की तीन मुख्य कैटेगरी- खाद्य वस्तुएं (Food Items), ईंधन और प्रकाश (Fuel & Light) और कोर सेक्टर (core) [अन्य मुख्य वस्तुएं]
– इंडेक्स में खाद्य वस्तुएं (46%), ईंधन और प्रकाश (7%) और कोर (47%) होती है।
महंगाई से आम जनता पर क्या प्रभाव पडे़गा?
– लोग वस्तुओं की खरीदारी कम करेंगे।
– लोगों की चीजों को लेकर डिमांड कम हो जायेगी।
– बचतकर्ता और उधारकर्ता को दिक्कत होगी।
महंगाई से सरकार को क्या फायदा?
– यह सरकार को ऋण दायित्वों को पूरा करने में मदद करेगी।
– अल्पावधि में, सरकार, जो अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी कर्जदार है, अधिक महंगाई से लाभान्वित होती है।
– महंगाई से सरकार को अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों को पूरा करने का मौका मिलता है।
महंगाई से रुपए के विनिमय दर (exchange rate) पर प्रभाव
– उच्च मुद्रास्फीति का मतलब है कि रुपया कमजोर हो रहा है।
– यदि आरबीआई पर्याप्त तेजी से ब्याज दरों में वृद्धि नहीं करता है, तो कम रिटर्न के कारण निवेशक दूर रहेंगे।
– यह अधिक महंगाई की ओर ले जाता है।
– लगातार अधिक महंगाई लोगों के मनोविज्ञान को बदल देती है।
– लोग उम्मीद करते हैं कि भविष्य में कीमतें अधिक होंगी और मजदूरी की मांग अधिक होगी।
– लेकिन यह, बदले में, महंगाई को और बढ़ाता है।
– क्योंकि कंपनियां वस्तुओं और सेवाओं की कीमत और भी अधिक करने की कोशिश करती हैं।
महंगाई कम करने के लिए आरबीआई ने क्या कहा
– RBI ने रेपो रेट में दो मई और जून में बढ़ोत्तरी की।
– मई में 40 बेसिस प्वाइंट और जून में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी।
– जून में रेपो रेट बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गया है।
भारतीय मुद्रा रुपए में रिकॉर्ड गिरावट
– भारतीय रुपया ऐतिहासिक रूप से गिरकर 13 जून को 78 रुपए से ज्यादा हो गया।
– रुपए की कीमत को थामने के लिए RBI अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर (रिजर्व में रखा हुआ डॉलर) बेचता है।
भारत पर स्टैगफ्लेशन (मुद्रास्फीतिजनित मंदी) का खतरा
– आरबीआई के पास विश्वसनीय तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने का रास्ता है।
– कठिनाई यह है कि मौजूदा समय में ब्याज दरों में वृद्धि, जब विकास करना मुश्किल है।
– यह स्टैगफ्लेशन की चिंताओं को जन्म दे सकता है।
नोट: स्टैगफ्लेशन (मुद्रास्फीतिजनित मंदी) एक ऐसी स्थिति है जिसमें अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति और बेरोजगारी की उच्च दर का सामना करती है।
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7. केन्द्रीय कैबिनेट ने जून 2022 में सामान्य धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में कितनी वृद्धि कर कीमत 2040 रुपए तय की?
a. 100 रुपए
b. 200 रुपए
c. 300 रुपए
d. 400 रुपए
Answer: a. 100 रुपए
– पीएम मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने 08 जून 2022 को फैसला किया।
– कुल 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की मंजूरी दी गई।
– फसलों के MSP में 4% से 8% तक की बढ़ोतरी की गई ।
खरीफ फसलें क्या होती हैं?
– यह फसलें जून-जुलाई के महीने में बोई जाती है और अक्टूबर-नवम्बर के महीनें में काटी जाती है।
– मानसून के समय में बुआई के कारण इन फसलों को मानसूनी फसल भी कहा जाता है।
– फसल की बुआई अधिक तापमान और कटाई शुष्क वातावरण में की जाती है।
2022-23 खरीफ सीजन के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (₹ प्रति क्विंटल)
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
– एक फसल के लिए MSP वह मूल्य है, जिस पर सरकार को उस फसल को किसानों से खरीदती है।
– MSP, मार्केट प्राइस के विकल्प के तौर पर काम करता है और सुनिश्चित करता कि किसानों को उनका मेहनताना प्राप्त हो सके।
– ताकि उनकी खेती की लागत (और कुछ लाभ) की वसूली की हो सके।
– सरकार MSP तय करके कुछ फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देती है।
क्या सरकार सभी कृषि उत्पादों को MSP पर खरीदती है?
– सरकार सभी कृषि उत्पादों को MSP पर नहीं खरीदती है।
– सरकार कुल 23 फसलों (खरीफ और रबी मिलाकर) पर MSP की घोषणा करती है।
MSP में शामिल फसलें
– सात प्रकार के अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ)
– पांच प्रकार की दालें (चना, अरहर/तूर, उड़द, मूंग और मसूर)
– सात तरह की तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, रामतिल)
– चार व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, गोला, कच्चा जूट)
MSP कैसे तय किया जाता है?
– MSP की घोषणा केंद्र सरकार करती है।
– इसके लिए सरकार बड़े पैमाने पर कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर अपने फैसले को आधार बनाती है।
MSP के लिए CACP निम्नलिखित कारकों को देखता है-
– किसी वस्तु की डिमांड और सप्लाई
– इसकी उत्पादन लागत
– मार्केट प्राइस के बदलते ट्रेंड्स (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों)
– अंतर-फसल मूल्य समता
– कृषि और गैर-कृषि के बीच व्यापार की शर्तें (अर्थात, कृषि आदानों और कृषि उत्पादों की कीमतों का अनुपात)
– उत्पादन की लागत पर मार्जिन के रूप में न्यूनतम 50 प्रतिशत और
– उस उत्पाद के उपभोक्ताओं पर MSP के संभावित प्रभाव
कृषि मंत्री – नरेंद्र सिंह तोमर
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8. किस विधानसभा ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (Chancellor) का पद राज्यपाल से हटाकर मुख्यमंत्री को देने का विधेयक पारित किया?
a. उत्तर प्रदेश
b. बिहार
c. राजस्थान
d. पश्चिम बंगाल
Answer: d. पश्चिम बंगाल
– यह विधेयक 13 जून 2022 को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित हुआ।
विश्विद्यालयों में चांसलर बनने का नियम
– जब राज्य विश्वविद्यालय स्थापित होते हैं, तो उसके लिए विधानसभा में कानून बनता है।
– देश के तमाम राज्यों में ज्यादातर यूनिवर्सिटी के चांसलर राज्यपाल होते हैं।
– इसके उलट सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर राष्ट्रपति होते हैं।
– अपवाद स्वरूप एक केंद्रीय विश्वविद्यालय ‘विश्व भारती’ के चांसलर प्रधानमंत्री होते हैं।
– सभी विश्वविद्यालयों में चांसलर होना जरूरी है। फिर चाहें वो राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालय हों या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज।
– प्राइवेट यूनिवर्सिटी में चांसलर उसका फाउंडर या अध्यक्ष होता है। उस मामले में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल का दखल नहीं होता है।
पश्चिम बंगाल ने क्यों किया चांसलर पद पर बदलाव?
– माना जा रहा है कि इसकी वजह गवर्नर और सरकार के बीच तनाव है।
राज्य विश्वविद्यालयों के संदर्भ में गवर्नर के पास क्या पावर होती हैं?
– ज्यादातर मामलों में राज्यपाल ही उस राज्य में विश्वविद्यालयों के चांसलर होते हैं।
– राज्यपाल के तौर पर उन्हें काम करने के लिए मंत्रिपरिषद की सलाह की जरूरत होती है।
– हालांकि, चांसलर के तौर पर वह स्वतंत्र तौर पर काम करते हैं।
– मतलब कि यूनिवर्सिटी के मामलों में फैसले लेने के लिए उन पर किसी का जोर नहीं होता है।
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9. यूएन जनरल असेंबली (UNGA) ने जून 2022 में बहुभाषावाद पर एक प्रस्ताव पारित किया, इसमें किन भारतीयों भाषाओं को शामिल किया गया?
a. हिंदी
b. बांग्ला
c. उर्दू
d. उपरोक्त सभी
Answer: d. उपरोक्त सभी
– UNGA ने 10 जून 2022 को इस प्रस्ताव को पारित किया।
– इस प्रस्ताव में हिंदी, बांग्ला और उर्दू भाषा को शामिल किया गया है।
– इन भाषाओं को शामिल करने का मतलब हुआ कि अब यूएन के जरूरी कामकाज और संदेश भी इन भाषाओं में पेश किए जा सकेंगे।
हिंदी @ UN परियोजना
– हिंदी को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2018 में हिंदी @ UN परियोजना को शुरू किया गया था।
– इस परियोजना का लक्ष्य हिंदी भाषा में यूएन की पब्लिक एक्सेस को बढ़ावा देना था।
– इसके अलावा हिंदी भाषी लोगों को अधिक से अधिक कंटेंट उपलब्ध करवाना ।
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए भारत क्या कर रहा है?
– भारत ने वर्ष 2018 में हिंदी के बढ़ावे के लिए यूएन के डिपार्टमेंट ऑफ ग्लोबल कम्युनिकेशंस के साथ पार्टनरशिप की थी।
– इसके अलावा भारत यूएन की न्यूज़ और मल्टीमीडिया कंटेंट को हिंदी भाषा में देने के लिए फंड भी देता है।
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10. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की गैबॉन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कितने समझौता ज्ञापनों (MoU) पर साइन हुए?
a. पांच
b. चार
c. तीन
d. दो
Answer: d. दो
– उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 30 मई से 4 जून 2022 तक तीन देशों (गैबॉन, सेनेगल, कतर) की यात्रा की।
– इस यात्रा में उन्होंने पहला दौरा गैबॉन (30 मई से 01 जून 2022) के लिए।
– इस दौरान भारत और गैबॉन के बीच दो MoU पर साइन हुआ।
साइन किए दो MoU की सूची
1. भारत के सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान (SSIFS) और गैबॉन के विदेश मंत्रालय के बीच सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन
2. दोनों विदेश मंत्रालयों के बीच संयुक्त आयोग की स्थापना के लिए एक समझौता
गैबॉन
– गैबॉन या गैबोनीज़ रिपब्लिक मध्य अफ्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित एक देश है।
– वर्ष 1960 में गैबॉन को फ्रांस को आजादी मिली थी।
गैबॉन
राजधानी- लिब्रेविल
राष्ट्रपति- अली बोंगो ओंडिम्बा
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11. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की सेनेगल यात्रा के दौरान जून 2022 में कितने समझौता ज्ञापनों (MoU) पर साइन हुए?
a. चार
b. तीन
c. दो
d. एक
Answer: b. तीन
– उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की सेनेगल यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच तीन MoU साइन हुए।
– भारत और सेनेगल ने 02 जून 2022 तीन MoU पर साइन किया।
साइन किए तीन MoU की सूची
1. युवा मामलों में सहयोग
2. सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम
3. राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा मुक्त व्यवस्था
सेनेगल
– सेनेगल, वेस्टर्न अफ्रीका में एक देश है।
– देश का नाम सेनेगल नदी के नाम पर पड़ा है।
– इसे गेटवे ऑफ अफ्रीका के नाम से भी जाना जाता है।
– सेनेगल फ्रांसीसी साम्राज्यवाद का हिस्सा था।
– 1958 में सेनेगल को ऑटोनोमस रिपलब्लिक का दर्जा मिला, लेकिन फ्रांस के अधीन ही रहा।
– वर्ष 1960 में फ्रांस के साम्राज्यवाद से आजाद हुआ था।
– इसी इतिहास के कारण ही इस देश की आधिकारिक भाषा फ्रेंच है।
सेनेगल
राजधानी- डकार
राष्ट्रपति- मैकी सैल
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12. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जून 2022 में किस खाड़ी देश का दौरा किया?
a. कतर
b. ईरान
c. इराक
d. कुवैत
Answer: a. कतर
– उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 04-07 जून 2022 कतर का दौरा किया।
– इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों को लेकर बातचीत हुई।
– इस यात्रा के दौरान ही नूपुर शर्मा के विवादित बयान का मामला भड़क गया था।
– कतर ने इस मामले को लेकर 05 जून 2022 को भारतीय राजदूतों से सार्वजनिक माफी की मांग की थी।
– इसके बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था और
कतर
राजधानी- दोहा
आमिर ऑफ कतर- तमीम बिन हमीद अल थानीक
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13. नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) [NeVA] को लागू करने वाला देश का पहला राज्य कौन है?
a. केरल
b. नागालैंड
c. तमिलनाडु
d. उत्तर प्रदेश
Answer: b. नागालैंड
– नागालैंड ने 19 मार्च 2022 को पूरी तरह से पेपरलेस होने के लिए NeVA को लागू किया।
– विधानसभा ने इसे लागू किया गया है।
– इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में मई 2022 में ई-विधान लागू हुआ।
नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) [NeVA] क्या है?
– NeVA एक सिस्टम है जो सभी भारतीय राज्यों और संसद के विधायी निकायों को डिजिटाइज़ करता है।
– इस पर सदन की कार्यवाही, तारांकित / अतारांकित प्रश्न और उत्तर, समिति रिपोर्ट आदि उपलब्ध होंगे।
– NeVA सिस्टम विधायी निकायों से संबंधित सभी कार्य और डेटा ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए विकसित किया गया है।
– इसमें एक वेबसाइट और एक मोबाइल ऐप शामिल है।
NeVA का उद्देश्य कागज के उपयोग को खत्म करना
– NeVA यह विभिन्न राज्य विधानसभाओं से संबंधित सूचनाओं को सुव्यवस्थित करेगा।
– इसके अलावा दिन-प्रतिदिन के कामकाज में कागज के उपयोग को खत्म करेगा।
NeVA के उपयोग से क्या लाभ हुआ?
– वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश ने NeVA का पायलट प्रोजेक्ट (टेस्टिंग स्टेज) को राज्य की विधानसभा में लागू किया।
– इस सिस्टम का प्रयोग कर राज्य ने सालाना 6,000 पेड़ बचाए, और लगभग 15 करोड़ रुपये के खर्च को बचाया।
दुनिया में किस देश की सरकार पेपरलेस बनी?
– वर्ष 2021 में दुबई की सरकार दुनिया की पहली पेपरलेस सरकार बनी।
NeVA को लागू करने में क्या अड़चन?
– ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों के विधायकों के लिए उपकरणों और विश्वसनीय इंटरनेट और बिजली तक पहुंच का मुद्दा।
– प्रशिक्षण की कमी और सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता।
– इसके अलावा डिजिटलीकरण की राह में कुछ और भी अड़चन है।
नागालैंड
राजधानी- कोहिमा
सीएम- नेफियू रियो
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