यह 15 जुलाई 2023 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में ये महत्वपूर्ण सवाल-जवाब की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के 10 सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. चंद्रयान-3 के मिशन डायरेक्टर का नाम बताएं?
Name the mission director of Chandrayaan-3?
a. एम श्रीकांत
b. ऋतु वर्मा
c. के सिवन
d. राजेंद्र कुमार
Answer: a. एम श्रीकांत
नोट – चंद्रयान-3 के लॉन्च के लिए मिशन डायरेक्टर एस. मोहना कुमार थे। हालांकि इसके बाद का जिम्मा एम श्रीकांत ने मिशन डायरेक्टर के तौर पर निभाया।
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2. चंद्रयान-3 लॉन्च के लिए मिशन डायरेक्टर कौन थे?
Name the mission director for the launch of Chandrayaan-3?
a. मोहना कुमार
b. ऋतु वर्मा
c. के सिवन
d. राजेंद्र कुमार
Answer: a. मोहना कुमार
नोट – चंद्रयान-3 के लॉन्च के लिए मिशन डायरेक्टर एस. मोहना कुमार थे। हालांकि इसके बाद का जिम्मा एम श्रीकांत ने मिशन डायरेक्टर के तौर पर निभाया।
चंद्रयान-3 मिशन की सक्सेस के पीछे साइंटिस्ट
– डॉ.एस.सोमनाथ (इसरो चीफ)
– पी. वीरमुथुवेल (प्रोजेक्ट डायरेक्टर)
– एम श्रीकांत (मिशन डायरेक्टर)
– एस. मोहना कुमार (लॉन्च के लिए मिशन डायरेक्टर)
– कल्पना कालाहस्ती (एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर)
– वी. नारायणन (लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के डायरेक्टर)
– एम.शंकरन (यूआर राव अंतरिक्ष केंद्र के डायरेक्टर)
– बीएन. रामकृष्ण (इस्ट्रैक सैटेलाइट, नेविगेशन डायरेक्टर)
– एस. उन्नीकृष्णन नायर (विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर)
– इनके अलावा और भी वैज्ञानिक हैं, जिनका इस मिशन में काफी योगदान रहा।
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3. इसरो ने किस रॉकेट से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया?
With which rocket did ISRO launch Chandrayaan-3?
a. PSLV-M3
b. GSLV
c. LVM3-M4
d. SLV-3
Answer: c. LVM-3-M4 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3)
– आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को स्पेस में भेजा गया।
– इसका पुराना नाम जीएसएलवी-III है।
– यह रॉकेट 4,000 किलोग्राम वर्ग के उपग्रहों को GTO (जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट) में और 8,000 किलोग्राम के पेलोड को LEO (लोअर अर्थ ऑर्बिट) में लॉन्च करने में सक्षम है।
– यह एक तीन-चरणीय प्रक्षेपण यान (लॉन्च व्हीकल) है।
– इसके दोनों ओर दो ठोस प्रणोदक (solid propellant) लगे हैं।
– मुख्य हिस्से में L110 तरल चरण (liquid stage) और C25 क्रायोजेनिक चरण (cryogenic stage) शामिल हैं।
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4. चंद्रयान-3 मिशन की लागत बताएं?
Tell the cost of Chandrayaan-3 mission?
a. 615 करोड़ रुपए
b. 978 करोड़ रुपए
c. 1000 करोड़ रुपए
d. 2200 करोड़ रुपए
Answer: a. 615 करोड़ रुपए
– इसरो ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से स्पेसशिप चंद्रयान-3 लॉन्च किया।
चंद्रयान 3 का बजट, पिछले मिशन से कम क्यों?
– चंद्रयान-3 की लागत 615 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
– जबकि चंद्रयान-2 पर 978 करोड़ रुपए का खर्च आया था।
– दरअसल, जब चंद्रयान 2 भेजा गया था तो उसके तीन हिस्से थे – ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर।
– ऑर्बिटर कामयाब रहा और वो अभी भी चांद की ऑर्बिट में घूम रहा है।
– तो इस बार जब हम चंद्रयान 3 भेज रहे हैं, तो ऑर्बिटर का प्रयोग नहीं कर रहे क्योंकि ऑर्बिटर वहां पहले से मौजूद है। ऐसे में हमारे ऑर्बिटर की पूरी लागत इस बार बच गई।
– इसरो की सबसे अच्छी बात ये है कि ये ज़्यादातर काम इन-हाउस करते हैं। यानी काफ़ी तकनीक वो ख़ुद से डेवलप कर लेते हैं, जिससे कम लागत में हम बड़े मिशन को अमल में ला रहे हैं।
चंद्रयान-2 के साथ क्या हुआ था
– चंद्रयान-2 मिशन के अनुसार विक्रम लैंडर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 7 सितंबर 2019 को भारतीय समयानुसार रात 1 से 2 बजे के बीच लैंड करना था।
– यह चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर था तभी इसका इसरों से संपर्क टूट गया था।
– हालांकि – ऑर्बिटर कामयाब रहा और वो अभी भी चांद की ऑर्बिट में घूम रहा है।
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5. चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग, चांद के किस हिस्से में होगी?
In which part of the moon will the soft landing of Chandrayaan-3’s lander take place?
a. उत्तरी ध्रुव
b. दक्षिणी ध्रुव
c. चंद्रमध्य रेखा
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: b. दक्षिणी ध्रुव
– इसरो चीफ एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के लॉन्च के बाद कहा कि यान ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अगर सब कुछ प्लान के अनुसार रहा तो 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे यह चांद पर उतरेगा।
चंद्रयान-3 में क्या-क्या है?
– चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं।
– लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे।
– प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा।
– मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।
कुल वजन
– चंद्रयान-3 तीन में एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रॉपल्सन मॉड्यूल लगा हुआ है। इसका कुल भार लगभग 3,900 किलोग्राम है।
चंद्रयान में इस बार नहीं भेजा गया ऑर्बिटर
– चंद्रयान-3 में इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा गया है।
– उसकी जगह इस बार स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल भेजा गया है।
– यह लैंडर और रोवर को चंद्रमा की कक्षा तक लेकर जाएगा।
– इसके बाद यह चंद्रमा के चारों तरफ 100 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा।
– इसे ऑर्बिटर इसलिए नहीं बुलाते क्योंकि यह चंद्रमा की स्टडी नहीं करेगा।
लैंडर और रोवर में साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट लगे हैं।
– पहला – चंद्र कंपन (मून क्वेक्स) को मापेगा।
– दूसरा – पता लगाएगा कि चंद्रमा की सतह किस प्रकार गर्मी को अपने अंदर प्रवाहित होने देती है।
– तीसरा : प्लाज्मा एन्वायरमेंट का पता लगाएगा।
– चौथा – पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी को सटीकता से मापेगा
– पांचवां – यह मिट्टी में मौजूद खनिज ढूंढेगा।
प्लाज्मा एन्वायरमेंट के पता लगाने का क्या मतलब है?
– इसरो के चीफ एस सोमनाथ का कहना है – “हम जानते हैं कि चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं है। लेकिन यह बिल्कुल सच नहीं है क्योंकि इससे गैसें निकलती हैं। बल्कि वे आयनित हो जाते हैं और सतह के बहुत करीब रहते हैं। यह दिन और रात के साथ बदलता है। चंद्रयान-3 के लैंडर पर रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (RAMBHA) निकट-सतह प्लाज्मा घनत्व और समय के साथ इसके परिवर्तनों को मापेगा।”
दक्षिणी ध्रुव को चुना गया लैंडिंग के लिए
– इसरो के वैज्ञानिकों ने चांद के एक चुनौतीपूर्ण हिस्से को चुना है।
– चंद्रयान 3 का लैंडर चांद की उस सतह पर लैंड करेगा, जिसके बारे में अब तक ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है।
– अगर ये सफ़लतापूर्वक लैंड कर जाता है तो भारत के लिए कितनी बड़ी उपलब्धि होगी।
– इस हिस्से को लूनर साउथ पोल कहते हैं। इसकी ख़ास बात ये है कि इस पर धरती से सीधे नज़र रखना मुश्किल है।
– यहां पर पानी और दूसरे खनिज पदार्थों के होने की काफ़ी संभावना है।
चांद पर लैंडर उतारने वाला चौथा देश बनेगा भारत
– अब तक, केवल तीन देश, अमेरिका, रूस और चीन, चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग कर पाए हैं।
– अगर चंद्रयान-3 का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
– इस मिशन में भारत चांद की धरती पर एक लैंडर उतारेगा।
– इस लैंडर में एक रोवर भी है जो चंद्रमा की धरती पर घूमेगा और वहां कुछ प्रयोग करेगा।
– लैंडर चांद पर एक लूनार दिन तक रहेगा। एक लूनार दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है।
– चंद्रयान-3 के लैंडर की चांद की सतह पर लैंडिंग के लिए जरूरी है कि वहां सूरज निकला हो।
– लैंडर के लिए सनलाइट जरूरी है।
– चांद पर 14-15 दिन सूरज निकलता है और बाकी 14-15 दिन सूरज नहीं निकलता है।
चंद्रयान-3 का उद्देश्य क्या है?
– इस मिशन में चंद्रयान का एक रोवर निकलेगा (एक छोटा सा रोबोट) जो कि चांद की सतह पर उतरेगा और लुनर साउथ पोल में इसकी पोजिशनिंग होगी।
– यहीं पर रोवर इस बात की खोज करेगा कि चांद के इस हिस्से में उसे क्या-क्या ख़निज, पानी, वायुमंडल और चंद्रकंपन की जानकारी आदि मिल सकता है।
– इस खोज से ख़ास बात ये होगी कि अगर कभी भविष्य में हम चांद में कॉलोनियां बसाना चाहें, तो इसमें बहुत मदद मिलेगी।
ऐसे मिशन के सबसे बड़े जोखिम क्या हो सकते हैं?
– पहला जोखिम ये है कि चांद पर जब आप कोई यान भेजते हैं, तो पूरी तरह से इसका नियंत्रण कंप्यूटर्स के पास होता है। एक इंसान होने के तौर पर, आप चार लाख किलोमीटर दूर बैठे उसे कंट्रोल नहीं कर सकते। वो पूरी तरह से आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस की मदद से काम करता है।
– दूसरी चीज़ ये है कि चांद पर कोई जीपीएस नहीं है। जैसे हम धरती पर कोई गाड़ी चलाते हैं तो जीपीएस के माध्यम से कई जानकारियां हमें मिल जाती हैं। ड्राइवरलेस कारें जीपीएस तकनीक से ही काम करती हैं लेकिन चांद पर ये काम नहीं करती। वहां आपको पता नहीं चलेगा कि आप कहां पर हैं, किस हिस्से में हैं, कितनी दूर हैं? इन सभी चीज़ों का अनुमान उसे ऑनबोर्ड सेंसर से लगाना है। अच्छी बात ये है कि इस बार इन सभी चीज़ों का ध्यान रखा गया है।
महत्वपूर्ण बातें
– चंद्रयान-3 कब लॉन्च हुआ : 14 जुलाई 2023
– किस रॉकेट से लॉन्च हुआ – लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-3)
– चांद पर कब उतरेगा – 23 अगस्त को चांद पर उतरने की उम्मीद है।
– चांद पर कहां उतरेगा – चांद के साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुव) पर सॉफ्ट लैंडिंग
इसरो (ISRO)
चीफ – एस सोमनाथ
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6. पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप 2023 में निषाद कुमार ने कौन सा पदक जीता?
Which medal did Nishad Kumar win in the Para Athletics World Championships 2023?
a. गोल्ड
b. सिल्वर
c. ब्रॉन्ज
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: b. सिल्वर
– पैरालिंपियन और हाई जम्पर निषाद कुमार ने पेरिस में चल रही विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 12 जुलाई 2023 को रजत पदक जीता।
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7. सुप्रीम कोर्ट के नए जज जुलाई 2023 में कौन बने?
Who became the new Supreme Court judge in July 2023?
a. जस्टिस उज्जल भुइयां
b. जस्टिस एस. वेंकटनारायण भट्टी
c. जस्टिस विवेक नारायण
d. a और b दोनों
Answer: d. a और b दोनों (जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एस. वेंकटनारायण भट्टी)
– जस्टिस उज्जल भुइयां, तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस एस. वेंकटनारायण भट्टी, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
– ये नियुक्तियां भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सरकार को उनके नामों की सिफारिश करने के तुरंत बाद की गईं।
– इन दो नई नियुक्तियों से शीर्ष अदालत में न्यायिक सदस्यों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है और केवल एक पद रिक्त है।
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8. स्वदेशी अंतर वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (DGNSS) सागर संपर्क का उद्देश्य क्या है?
Indigenous Global Navigation Satellite System (DGNSS) What is the purpose of Sagar Sampark?
a. समुद्र में नेविगेशन
b. समुद्र में मछली ट्रैकिंग
c. समुद्र में खाई की ट्रैकिंग
d. पहाड़ों में नेविगेशन
Answer: a. समुद्र में नेविगेशन
– स्वदेशी रूप से विकसित Differential Global Navigation Satellite System (DGNSS) सागर संपर्क को केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लॉन्च किया।
– सोनोवाल के पास केंद्रीय बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय है।
सागर संपर्क
– DGNSS प्रणाली का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय समुद्री क्षेत्र में चल रहे डिजिटल परिवर्तन को और मजबूत करना है।
– DGNSS प्रणाली टकराव, ग्राउंडिंग और दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करके नेविगेशन सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है।
– यह नाविकों को सुरक्षित नेविगेशन के लिए सटीक जानकारी प्रदान करके, यह बंदरगाह और बंदरगाह क्षेत्रों में जहाजों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करता है।
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9. किस अंतरिक्ष एजेंसी ने CEERS 1019 नामक आकाशगंगा में सबसे दूर सक्रिय सुपरमैसिव ब्लैक होल की पहचान की है?
Which space agency has identified the most active supermassive black hole in a distant galaxy named CEERS 1019?
a. इसरो
b. नासा
c. यूरोपा
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: b. नासा
– नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक सक्रिय सुपरमैसिव ब्लैक होल की पहचान की है, जो इसे अब तक खोजा गया सबसे दूर वाला ब्लैक होल बनाता है।
– इस ब्लैक होल की मेजबानी करने वाली आकाशगंगा, CEERS 1019, बड़े विस्फोट के बाद से 570 मिलियन से अधिक वर्षों से जीवित है।
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10. ‘ऑपरेशन सदर्न रेडीनेस 2023’ नामक बहुराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा अभ्यास किस देश में हुआ, जहां भारतीय युद्धपोत INS सुनयना ने हिस्सा लिया?
In which country the multinational maritime security exercise named ‘Operation Southern Readiness 2023’ took place, where Indian warship INS Sunayna took part?
a. इटली
b. ब्रिटेन
c. सेशेल्स
d. अमेरिका
Answer: c. सेशेल्स
– यह समुद्री अभ्यास 10 से 12 जुलाई 2023 तक सेशेल्स में हुआ।
– यह एक बहुराष्ट्रीय पहल है जिसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना, क्षेत्र में सुरक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए समुद्री डकैती का मुकाबला करना है।
– इसमें भारत, अमेरिका, इटली, ब्रिटेन, सेशेल्स नौसेना बलों और समुद्री पुलिस ने हिस्सा लिया।
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11. NATO का महासचिव लगातार तीसरी बार किसे चुना गया?
Who was elected as the Secretary General of NATO for the third time in a row?
a. जेन्स स्टोलटेनबर्ग
b. जेम्स रॉबर्ट
c. बिल क्लिंटन
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: a. जेन्स स्टोलटेनबर्ग
– नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग अपने अनुबंध को फिर से बढ़ाए जाने के बाद, एक और वर्ष के लिए नाटो का नेतृत्व करेंगे।
– नॉर्वे में जन्मे स्टोलटेनबर्ग अर्थशास्त्री हैं और प्रधानमंत्री रह चुके हैं।